विचारक हैं तो विचार कीजिये ।
पहले सारी दुनियां से प्यार कीजिये ।।
सब देश हैं अपने सब लोग हैं अपने ।
मत किसी निर्दोष पर वर कीजिये ।।
मेरा तेरा कह के क्यों लड़ रहे हैं आप ।
हर किसी का स्वागत सत्कार कीजिये ।।
विचारक हैं तो विचार कीजिये ।
मजबूर न हो कोई कुछ काम हो ऐसा ।
कुछ ऐसी व्यवस्थाओं का विस्तार कीजिये ।।
भूख से जो सूख कर मुरझाये हैं चेहरे ।
उनको भी कुछ मुस्कान और निखार दीजिए ।।
विचारक हैं तो विचार कीजिये ।
इंसानियत का पाठ पढें और पढाईये ।
मुफ्त में मत जिंदगी बेकार गवाईये ।।
अगर खुदा की बात में अमल है आप का ।
तो सत्य से कभी भी मत इन्कार कीजिये ।।
विचारक हैं तो विचार कीजिये ।
बदले की आग में न जलाना अपने आप को ।
चैन भरी नींद में सो जाना रात को ।।
अन्दाज़ अपने अपने सबके हैं अलग यहाँ ।।
पर आप इन्सानियत का तो प्रचार कीजिये ।।
विचारक हैं तो विचार कीजिये ।
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