Translate

मेरे विचार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
मेरे विचार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 15 दिसंबर 2020

देश से देशवासियों की आखरी लड़ाई

किसान जो लड़ाई लड़ रहे हैं । यही देश से देशवासियों की आखरी लड़ाई है । पुरे भारत वासियों की सिम्पैथी किसानों के साथ जुड़ी हुई है । अब इसी में फैसला हो जाएगा कि     " जय "  किसके साथ लगाना है और किसके साथ जोड़ कर बोलना है , जय जवान रहेगा  , जय बिजनेसमैन होगा या जय किसान रहेगा । अन्नदाता की औकात क्य है ? अन्नदाता का सम्मान कितना है ? इनके लिए कितना किया जाता है ? और अन्नदाता को देश कब कितना और क्या देता है ये भी किसी से छुपा नहीं है । किसान बिना कर्ज लिए भी आत्महत्या करता है और छोटे छोटे कर्ज लेकर भी मरता है और सारी जिंदगी नर्क से भी बदतर गुजारता है लेकिन उन बिजनेसमैनों का क्य जो हज़ारों करोड़ कर्ज लेकर विदेशों में अपनी ज़िंदगी स्वर्ग की तरह काटते हैं ।

रविवार, 18 अक्तूबर 2020

लाल मिर्च

अगर लाल मिर्चा पिसा हुआ आप के मुंह में डाल दिया जाय तो उसके तीखे पन से आप सनक जाएंगे । तीखापन बर्दाश्त नहीं होगा , आप की ज़ुबान सुन्न पड़ने लगेगी खोंपडी जरुरत से ज्यादा गरम हो जाएगी। 
ठीक इसी तरह जब आप के मुंह से आप की ज़ुबान जब कोई कड़वाहट भरे शब्द निकालती है तो सुनने वाला भी सनक जाता है । और उससे भी ज्यादा सनक जाता है जितना लाल मिर्च के पाउडर से आप सनकेंगे और खोंपड़ी तो इतनी गरम हो जाती है कि हत्या भी हो जाती है ।
अतः आप वैसा ही खाना पसंद करते हैं जो आप के मुंह को आराम दे और जुबान को स्वादिष्ट और मस्त लगे। 
ठीक इसी तरह आप अपने व्यवहार और बोल चाल में शब्दों का इस्तेमाल भी करें ताकी आप से मिलने वाले लोग आप का साथ न छोड़ना चाहें और बातों से आप के दिवाने हों जाएं। 

शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

बूढा

बूढा होना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन वही बूढा कामयाब है जो समय के अनुसार अपने आप को बदल ले । कुछ बूढ़े लोग ऐसे भी हैं जो नौजवानों को कुछ समझते ही नहीं जब की हर बूढों को चाहिए कि नौजवानों के जजबात को समझने की कोशिश करें और उनसे अपने मैत्री संबंध बना कर अपने आप को बदलने की कोशिश करें ।

शुक्रवार, 5 जून 2020

बारात

किसी बारात में जा कर या बारात से आ कर यह मत कहना कि ये नहीं खिलाया या वो नहीं खिलाया या खाना खराब था। ये बात आप उससे ही कहें जो आप को बारात ले गया था क्यों कि ये मामले लड़की और लड़के के बीच की होती है आप को कोई खाने का मीनू नहीं भेजता है और न तो आप के बारात में बहुचने पर कोई मीनू मिलता है कि आप अपने पसंद के खाने के अनुसार जगह पकड़ें। 
आप एक गवाह के तौर पर ले जाए जाते हैं ताकि आप बता सकें कि मैं फलां की बारात गया था ।
इस लिए जो मिले उसे प्रेम से खाएं कभी बुराई न करें ।

सोमवार, 4 मई 2020

किस्मत

इस दुनियां के हर इंसान की किस्मत अलग अलग है ।
इसे कोई लाख कोशिसों के बाद भी नहीं बदल सकता। 
इसे जब अल्लाह (ईश्वर ) चाहता है तभी बदलता है वो
चाहे तो मिन्टों में जमीन से उठा कर आसमान की बुलंदियों पर पहुंचा सकता है और वो चाहे तो आसमान की बुलंदियों से गिरा कर जमीन की धूल में मिला सकता है । वो किसी के सामने रुबरु यानी शाछात नहीं आता वो माध्यम चुन लेता है उसी के द्वारा अपना काम कर लेता है।

रविवार, 29 मार्च 2020

महामारी

आज इस महामारी में जहां बार बार लोगों से 
अपने अपने घरों में रहने के लिए कहा जा रहा है 
पुलिसकर्मी हिदायतों के बाद पीट कर भी समझा 
रहे हैं ऐसे में अगर कोई जिम्मेदार व्यक्ति घर से बहार 
निकलता है तो बात समझ में आती है कि कोई खास 
जरूरत होगी मगर वे लोग क्या ढूँढ रहे हैं जिनके उपर
कोई जिम्मेदारी ही नहीं है ।

शनिवार, 28 मार्च 2020

रुक जाओ

जो जहां है वहीं रुक जाए मगर कैसे  ?
न रहने को घर, न खाने को रोटी। 
उन वीरों को सत सत नमन की जो पांच सौ
से एक हजार कि,मी, पैदल चलने का जजबा
ही नहीं बल्कि चल रहे हैं। 
जिसमें बिमार भी हैं, नन्हें बच्चे भी हैं सब भूखे
प्यासे हैं भले मर जायें मगर अपनी मंजिल को तैं 
जरूर करेंगे। 
घर पर भी तो मरना ही है महामारी से न सही 
भूख से तो मरेंगे  , संतुस्टी सिर्फ इस बात की है 
कि अपने घर में अपने लोगों के बीच मरने की इच्छा 
है । कोरोना से भी बड़ी महामारी तो ऐसे लोगों की है 
जिनके पास कुछ भी नहीं है। स्पष्ट खुल कर सामने आना शुरू हो चुका है। 
बेहतर तो ये था कि इन सभी लोगों को कोरोना पलायन
कैम्प में ठहराया जाए और सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं जब हालात सुधरें तब लोगों को उनके घर पहुंचवाया जाय वरना लाकडाऊन के बावजूद इस 
महामारी को रोक पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन होगा जिसका परिणाम देश की आधी 
आबादी समाप्त हो सकती है। 
वैसे भी देश की एक चौथाई हिस्सा भूख से समाप्त होना तै है। रोज कमाने खाने वालों के उपर तो दोहरी महामारी आ पड़ी है। 
1- कोरोना वायरस 
2- रोटी की चिंता 
     बच्चों के पेट भरने के लिए इन्हें रोटी के आगे 
    कोरोना से कोई डर नहीं। 
    ईश्वर / अल्लाह सबका भला करे। 
    सभी बन्दों को हर रोग और दुख से बचाये। 

शुक्रवार, 20 मार्च 2020

अपनी मरजी

अपनी जि़दगी अपनी मरजी से जीने का सबको हक है। 
आप अपनी मरजी से जीना चाहते हैं तो खुल कर पूरे 
जुनून के साथ जियें ।
लेकिन कुछ बातें याद रक्खें जैसे  -
1- अपने किसी भी सामान का नुकसान न करें। 
2- अपनी शुरछा का पूरा ध्यान रक्खें ।
3- आप के द्वारा किसी को कस्ट नहीं होना चाहिए। 
4- आप के द्वारा किसी का कुछ भी नुकसान न हो। 
5- कभी ऐसा काम न करे कि लोग आप पर उंगली उठाएं ।
6- कभी ऐसा काम न करे कि आप की शिकायत घर तक आये। 
7- और भी बातें हैं जिन्हें आप खुद सोंचे समझें। 

बुधवार, 18 मार्च 2020

हकदार

तमाम लोगों को अपना ही पेट भरना मुश्किल होता है। 
तमाम लोग अपने और अपनों का पेट भरने के लिए 
दिन रात एक किये हुए हैं। 
तमाम लोग शादी, पार्टी, उत्सवों , में अपने लोगों को रिश्तेदारों और परचितों को निमन्त्रित कर के पेट भरते 
और भरवातें हैं पेट भरने के मामले में यहीं तक शदियों 
से सिमटे हुए हैं लोग। 
कुछ लोग हैं जिन्हें उनकी तलाश रहती है जिन्हें अपने ही पेट को भरने का कोई रास्ता नहीं ।
एक बहुत बड़ी संख्या है जिनका अपना कुछ भी नहीं। 
कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पास जरुरत से ज्यादा सब 
कुछ है ऐसे लोगों में निन्यानवे परसेन्ट लोग उनके बारे में 
नहीं सोंच पाते हैं जिनके पास कुछ भी नहीं है। 
जिनके पास अपना कुछ भी नहीं उनकी आस हमेशा उन
लोगों में लगी रहती है जिनके पास जरुरत से ज्यादा सब कुछ है मगर निन्यानवे परसेन्ट लोगों को तिरसकार के सिवा कुछ नहीं मिलता। 
अपनी अमीरी की दुनिया से निकल कर जरा उन्हें भी 
देखें जो रोड़ के किनारे मंदिर के सीढियों पर मस्जिद के गेट पर वीरानों में भटकते हुए हाथ फैलाते हैं। 
कभी होटल के बाहर इस आशा में खड़े रहते हैं कि कोई 
आएगा और उन्हें भी खाना खिला कर पेट भर देगा। 
एक इंसान एक इंसान के सामने हाथ फैलाए तो फिर इंसानियत कैसी । 
वो इंसान इंसान नहीं जो एक इंसान को खाली हाथ वापस कर दे। मुझे मेरे मित्र मशहूर शायर राज आजमी साहब का एक शेर याद आ जाता है कि 
वहीं मौत आई है मेरी खुदी को। 
जरूरत जहां हाथ फैला गई है।। 
वह तो हाथ फैला कर मर गया मगर आप खाली हाथ वापस कर के क्या कहलाएंगे कभी खुद से सवाल किया ?
काश अगर आप उसकी जगह होते और आप से जब कोई कहता कि आगे बढो कुछ नहीं है या कहीं और देखो तो कैसा महसूस होता। 
अपनी औकात के नीचे के लोगों पर हमेशा नजर बनाए 
रखिए दिल से दुआएं इन्ही से बिन मांगे मिलेंगी अपने बराबर के लोग पेट भरने के लिए हमेशा तैयार हैं लेकिन 
कभी दुआ नहीं देते। 
इतने गिरे हुए हो कि खुद कहते हो कि दुआओं में याद 
रखिएगा अरे आप खुद ऐसा करें कि अगला आप को दुआ देने के लिए मजबूर हो जाए। 
दिल खोल कर खर्च करो मगर उनके ऊपर जो उसके असली हकदार हैं। 
मनुष्य वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए जिए और मनुष्य के लिए मरे। 


सोमवार, 16 मार्च 2020

पसंद

आप जैसे भी हैं जो कुछ भी हैं वो अपने लिए हैं। 
आप को क्या पसंद है क्य नहीं आप की मर्जी 
आप क्या खाते हैं क्या नहीं ये आप, 
आप के घर वाले और चन्द करीबी लोग जानते हैं। 
जिसे आप की पसंद ना पसंद की जानकारी नहीं है 
और वो आप की इज्ज़त खातिरदारी करता है तो वो 
यही सोंच कर करता है कि आप को पसंद आएगा 
अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता मगर 
आप हैं कि उस खातिरदारी में भी अपनी पसंद ना पसंद 
की कमियां ढूँढ लेते हैं। 
बेहतर होगा कि अपनी नफासत अपने पास रक्खें और 
थोड़ी देर के लिए उसकी खुशी में अपनी ख़ुशी शामिल 
करें अन्यथा अपने जाने से पहले अपनी पसंद ना पसंद की लिस्ट पहले भेज दें। 

रविवार, 15 मार्च 2020

तमाम रिश्ते

तमाम रिश्ते तो जन्म लेते ही मिल जाते हैं। 
कुछ रिश्ते लोग बनवाते हैं और कुछ रिश्ते 
खुद बनते हैं सब के अलग अलग ( कर्तव्य )
फर्ज हैं अगर आप सभी रिश्तों से मुंह मोड़ कर
अरबपति, खरबपति,या करोड़पति ही बन जाएं
तो सिर्फ मुझको ही नहीं बल्कि मैं समझता हूँ कि 
शायद सभी को खुशी होगी क्यों कि सभी आप के 
नाम से अपना नाम जोड़ कर अपना काम बना लेंगे 
और अपनी ज़िन्दगी जी लेंगे चाहे आप कभी मिलें
या न मिलें, कभी बोलें या न बोलें, कभी मदद करें या 
न करे। मगर यदि सभी रिश्तों से मुंह मोड़ कर आप 
वहीं के वहीं रहे या और भी बदतर हालात में चले गए 
तो यही लोग जो आप के रिश्तों की डोर से बधे हैं। 
आपसे मूह मोड लेंगे और ऐसा मोड़ेगे कि जैसे कोई अजनबी। 

बुधवार, 4 मार्च 2020

बिकती है

ये आप सभी को मानना पड़ेगा, याद रखियेगा और जरूरत पड़े तो आजमाईएगा कि दुनियां में हर चीज़ बिकती है कुछ जरूरतों के लिए , कुछ मजबूरियों में तो कुछ सपनों को साकार करने के लिए। 
बस इतना अन्तर जरुर है कि बेचने के बहाने अलग अलग हैं और खरीददार के अंदाज अलग अलग हैं। 

शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

जनसंख्या

जनसंख्या कम करने के बारे में कभी मत सोंचना ।
इस जमीन पर जमीन बनाने वाला लोगों को क्यों
भेजता है यह तुम नहीं समझ सकते क्यों कि तुम्हें
भी उसी ने भेजा है  ।

शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

आत्मा

जो दुनिया से लिया गया वह इस दुनिया में ही रहेंगी ।
जितना भी सोंच सकते हो वह सब ।अन्त में तुम्हारा
शरीर भी । आत्मा सिर्फ इस दुनिया की नहीं है।
समय आने पर आत्मा तुम्हारे जिस्म से निकल कर
आत्मालोक में चली जाएगी।
तुम्हारे जिस्म के साथ दुनिया की सारी चीजें तुम्हारी
इसी दुनिया में रह जाएगी  ।

मंगलवार, 28 जनवरी 2020

दुनियां को समझने की जरूरत

बहुत ज्यादा पढने के बाद इस दुनिया को कुछ हद तक
समझ पाया। पूरी तरह से समझने के लिए प्रेक्टिकल में
होने की जरुरत महसूस हुई। मगर उतना पैशा नहीं। कुछ लोग जो विदेशों में कमाने गये वो वही तक समझ पाए तो कुछ लोग आस पास के दो चार कंट्री और घूम समझ लिए लेकिन अनपढों ने ज्यादा समझा जैसे राहुलसांकृत्यान।
पैसे की जब बात आई तो खुद को संभालने में लगना पड़ा खुद को कुछ संभाला तो परिवार को देखना पड़ा।
परिवार को कुछ देखा तो बच्चों को संभालना पड़ा ।
कभी खुद अपने देश को ही पूरी तरह से घूम कर देखने
समझने का न अवसर ही मिला और न तो हालात ही बन पाए। जहां रहे उतने में ही दुख सुख को समझते रहे। इतने में ही कुछ की उम्र कट गयी। कुछ हमेशा के लिए दुनियां ही छोड़ गए तो कुछ अधेड़ हो गये।
अधेड़ो का क्या उनके तो मनसूबे भी अब पस्त हो चुके हैं। भविष्य तो अंधेरे में बच्चों और नवजवानों का है।
जिन्हें गुलाम बनना है या गोलियों का शिकार होना है।
वो भी बीसवीं शताब्दी के आधुनिक युग में पाश्चात्य सभ्यता में जीने के लिए मजबूर करने का कानून वो भी अपने ही देश में अपने ही देशवासियों के लिए।
इसका अंजाम क्या होगा  ?
मुर्खो के विचार हैं या प्रखर कल्पनाशीलता की  ?

मंगलवार, 14 जनवरी 2020

अर्निंग एप्स का फ्राड

अर्निंग एप्स का फ्राड
दोस्तों अगर आप Android एप यूज करते हैं तो आप ये जानते हैं कि प्ले स्टोर में और एडवर्टाईज में बहुत सारे एप दिखाये जाते हैं । जो आप को ये बताते हैं कि इसे यूज करें और ढेरों पैसे कमयें । अब इसमें भी दो सिस्टम है।
1- अपने दोस्तों और परचितों को रिफर कर के भी कमाएं।
2- बिना रिफर किये ही कमाएं।
पहले वाले रिफर कर के पैसे कमयें वाले क्या करते हैं।
जब आप एप को रिफर करतें हैं तो सामने वाले को बिना रिफरल कोड के डाले ही एप एकटिवेटिंग की सुविधा दे देते हैं। अब आप क्या हैं सिर्फ एप के प्रचारक। आप यही सोंचते होंगे की मैने तो पांच सौ लोगों को रिफर कर दिया इसमें से सौ पचस तो कर ही लेंगे मगर आप के रिफर किये गये लेवल को जब आप देखेंगे तो 0 बताता है।
रिफरल लेवल में एक्टिव मेम्बर्स को शो करता है वो भी 0 । इस तरह आप कभी भी रिफर कर के मेम्बर्स नहीं बना पाएंगे क्यों कि आप से रिफर करवाने का दो मक़सद होता है। 1- आप रिफर करते रहें जिससे इनका प्रचार होता रहे।
2- आप जो रिफर करते हैं उसमें बिना आपके कोड को डाले एक्टिव कराने से कंपनी रिफरल बन जाती है। कंपनी का रिफरल कोड आटोफिल हो जाता है।
अब बात आती है बिना रिफर किये कमाने का तो इसमें भी दो सिस्टम है।
1- आप गेम या एप का टाक्स पूरा करते रहें 200रु के नीचे आप रिडीम नहीं लगा सकते। जिस दिन दो सौ हो जाएगा तब आप रिडिम करेंगे उस वक्त कहेगा कि 60रू ट्रराजेक्शन चार्ज करेगा इस लिए 60₹ और करें जब 60₹ पुरा कर के रिडिम करिएगा तो केवाईसी अपडेट के लिए कहेगा जब आप केवाईसी करेंगे तो आप का सारा बैलेन्स जीरो कर के फिर से एप शुरू हो जाएगा।
2- सिस्टम यह है कि आप से दस या बीस लोगों को रिफर करवा कर एक्टिव युजर मागेगा जो कभी होने ही नहीं देगा।
इस मामले में मेरा विचार यह है कि अगर एप वाले रिफर ऐड अर्न का आप्सन देते हैं तो एप युजर कितने लोगों को रिफर किया है सभी का नाम और मोबाइल नम्बर एप में दर्शाएं ताकि यह पता चल सके कि कौन कौन एक्टिव मेम्बर्स हुआ और कौन बाकी है।
इससे युजर कान्टेक्ट या मैसेज से पता कर लेगा कि अगर वो मेरे रिफर से एप यूज करता है तो मेरे एक्टिव मेम्बर्स लिस्ट में क्यों नहीं दिख रहा है। इसका मतलब कंपनी ने बिना रिफरल के एप लोड करने का आप्सन उपलब्ध करा के अपना रिफरल कोड आटोफिल कर लिया है।
2- कंपनी को चाहिए कि अगर कोई एड देख कर डाउनलोड करता है तो कोई बात नहीं मगर यदि कोई युजर एप को यूज करता है और किसी को रिफर करता है तो उसे बिना रिफरल कोड के डाउनलोड न होने दिया जाए।
कंपनी अपने एप में पारदर्शिता और ईमानदारी बरते जिससे एप युजर होपलेस एवं निराश न हो सकें।
लोगों से,,,,,,,,,,,,
लोगों से मै यही कहूंगा कि आप लोग इस तरह के फाल्तु एपों में न फंसे न ही अपना वक्त बर्बाद करें।
मैं सर्च कर रहा हूँ जिस दिन मुझे जेनविन एप मिलेगा मैं
आप लोगों को बताऊंगा। तबतक आप लोग नेट द्वारा अपने नालेज को डेवलप करें।
मेरे ब्लाग को पढने का बहुत बहुत शुक्रिया।

गुरुवार, 9 जनवरी 2020

ग्यान

ग्यन की गहराई को आज तक कोई नाप न पाया।
अगर कोई कहता है कि मैने नाप लिया है तो वो आवे
मैं उनसे मिलना चाहता हूँ ताकि मैं भी कुछ ग्यान प्राप्त कर सकूं।

गुरुवार, 2 जनवरी 2020

दुनिया

इस दुनिया को बनने का कारण इंसान है
और इस दुनिया को मिटने का कारण भी इंसान ही होगा।

बुधवार, 25 दिसंबर 2019

फोन

फोन
कभी भी कहीं भी आजाता है
उसे यह नहीं पता कि आप किस परिस्थिति में हैं।
बाईक चलाते हुए, या इमरजेन्सी में, नहाते समय,
लैट्रिंग रूम में, मीटिंग में, श्यमशान में, किसी की
मृत्यु में, कहीं भी किसी भी हाल में हों इससे फोन करने
वाले को कोई फर्क नहीं पड़ता।
ऐसी ही हालात में हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, एक्सीडेंट
इत्यादि होते हैं।
शुभ चिंतकों, मित्रों, घर वालों और परिवार वालों को
चाहिए कि एक बार फोन किया और रिसीव नहीं हुआ
तो बार बार फोन न करे।
जब अगला व्यक्ति फ्री होगा तो काल बैक करेगा।
दूसरा विकल्प है कि मैसेज कर दें।
तीसरा विकल्प वाटसेप कर दें।
फोन अच्छी चीज़ है इसको बेहतर ढंग से इस्तेमाल करें
न कि किसी के मौत का कारण बनें।
जब भी बात करें तो हैस्ते हुए या प्रेम पुर्वक बात करें
कभी भी तनाव भरी या गुस्से वाली बात न करें।
कोई सीरियस बात हो तो उसे हमेशा मिलकर आमने
सामने होकर ही करें।

रविवार, 1 दिसंबर 2019

जन्म से पहले

जन्म से पहले हम जहाँ होते हैं वहां
आनन्द ही आनन्द है कितना आनन्द है
इसकी कोई व्याख्या नहीं की जा सकती।
अगर आप इस आनन्द की कल्पना करना चाहते हैं
तो आप के कल्पनाओं की आखरी सीमा उस कल्पना
के  - 0 % तक ही हो सकती है।
जन्म लेने के बाद हम जहाँ होते हैं वहां दुख के सिवा
कुछ भी नहीं है। यहां सुख पाने के लिए किसी न किसी
को दुख देना ही पड़ेगा।