hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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शुक्रवार, 6 नवंबर 2020
ज़हर का प्याला
रविवार, 22 दिसंबर 2019
अक्सर याद आते हैं
कुछ बीते हुए पल
कुछ बीती हुई बातें
कुछ बीते हुए कल
कुछ बीती हुई रातें
अक्सर याद आते हैं।
एक दिन ऐसा भी था
जब दिल चाहता था कि कभी शाम न हो।
एक रात ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि कभी सुबह न हो।
एक पीरियड ऐसा भी था
जब दिल चाहता था कि कभी घंटी न लगे।
एक साथ ऐसा भी था
जब दिल चाहता था कि इसी तरह सिर्फ
चलते रहें और रास्ता कभी खतम न हो ।
एक बात ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि कभी खतम न हो।
एक खत ऐसा भी था
जब दिल चाहता था कि सिर्फ पढते ही रहें
और कभी खतम ही न हो।
एक मुलाकात ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि कभी जुदा न हों।
एक बारिश ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि भीगते रहें कभी बंद न हो।
एक चांदनी रात ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि चाँद पर बादल
छा जाए और अंधेरा हो जाए।
एक ठंड ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि कभी गर्म
बिस्तर से न निकलना हो।
सब कुछ, हर चीज़, हर बात आज भी।
अक्सर याद आते हैं।