hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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सोमवार, 24 फ़रवरी 2025
सब्र किसे कहते हैं ?
शनिवार, 17 अगस्त 2024
छलावा
बुधवार, 6 दिसंबर 2023
जीवन की सार्थकता क्या है ?
जीवन की सार्थकता का अर्थ है , जीवन को एक उच्चतम लक्ष्य या अपनी अभिलाषाओं के अनुसार जीवन को जीना । जीवन की सार्थकता में प्रत्येक व्यक्ति की सार्थक लक्ष्य एवं अभिलाषाएं भिन्न - भिन्न हो सकती हैं , क्यों कि हर व्यक्ति का जीवन दृष्टि और मूल्य अलग - अलग होते हैं । जीवन की सार्थकता के लिए पांच विशेष बिन्दु हैं , जैसे : --
1 - आत्म-ज्ञान : --
जीवन की सार्थकता के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति अपने आत्मबल को पहचाने , अपनी शक्तियों और कमजोरियों को एहसास करे , अपनी रुचि , अपने शौक , अपनी भावनाओं और विचारों को समझे । आत्म-ज्ञान से व्यक्ति अपने जीवन का उद्देश्य निर्धारित कर सकता है और अपने जीवन को उसके अनुरूप बना कर ढाल सकता है ।
2 - आत्म-विकास : --
जीवन की सार्थकता के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति अपने आत्मबल का विकास करे , अपनी शक्तियों का सदुपयोग करे , अपनी कमजोरियों को दूर करे , अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाए , अपने व्यक्तित्व को निखारे । आत्म-विकास से व्यक्ति अपने जीवन को अधिक समृद्ध , सुखी और सफल बना सकता है ।
3 - आत्म-निर्भरता. : --
जीवन की सार्थकता के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति अपने आत्मबल पर भरोसा करे , अपने निर्णय और कार्यों के लिए जिम्मेदारी ले , अपने जीवन को अपनी इच्छा और प्रयास के अनुसार संचालित करे । आत्म-निर्भरता से व्यक्ति अपने जीवन को अधिक स्वतंत्र , सम्मानित और गौरवशाली बना सकता है ।
4 - आत्म-सेवा : --
जीवन की सार्थकता के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति अपने आत्मबल के विकास के लिए आत्म सेवा करे , अपने शरीर , अपने मन , अपने मस्तिष्क और अपने आत्मबल का ख्याल रखे , अपने स्वास्थ्य , अपनी सुख और शांति का ध्यान रखे , अपने जीवन को अधिक आनंदमय और आरामदायक बनाए । आत्म-सेवा से व्यक्ति अपने जीवन को अधिक प्रसन्न , और शांतपूर्ण बना सकता है ।
5 - परोपकार. : --
जीवन की सार्थकता के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति परोपकार करे , अपने परिवार , अपने समाज , अपने देश और मानवता की सेवा करे , अपने सहयोग , अपनी सहानुभूति और अपने समर्पण का परिचय दे , अपने जीवन को अधिक उपयोगी और उदार बनाएं । परोपकार से व्यक्ति अपने जीवन को अधिक सार्थक , सम्मानित और श्रेष्ठ बना सकता है ।
इस प्रकार, जीवन की सार्थकता व्यक्ति के आत्म-ज्ञान , आत्म-विकास , आत्म-निर्भरता , आत्म-सेवा और परोपकार के आधार पर निर्भर करती है । व्यक्ति जब इन पांचों तत्त्वों को अपने जीवन में समन्वित रूप से आत्मसाक्षात के द्वारा अपनाता है , तब जाकर उसका जीवन सार्थक होता है । जीवन की सार्थकता व्यक्ति को अपने जीवन का अर्थ समझने , अपने जीवन का मूल्य बढ़ाने और अपने जीवन का आनंद लेने और देशहित , समाज हित , लोकहित , के साथ ही साथ समग्र हितों में मदद करती है ।
मंगलवार, 21 नवंबर 2023
आर्थिक आज़ादी किसे कहते हैं ?
आर्थिक आज़ादी की एक अवस्था होती है , जिसमें व्यक्ति या समूह अपनी आर्थिक निर्णय और क्रियाएं अपनी स्वतंत्रता से लेता है , बिना किसी बाहरी प्रतिबंध या पारिवारिक प्रतिबंध के । इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत और आर्थिक स्वतंत्रता होती है , जिसका अर्थ है कि वे अपने वित्तीय निर्णयों , आय , व्यय , और निवेशों को स्वयं से करते हैं।
आर्थिक आज़ादी में शामिल तत्वों में व्यक्ति की कमाई , निवेश , खर्चे , और बचत की स्वतंत्रता भी स्वयं की ही शामिल होती है । यह व्यक्ति को उसकी आर्थिक स्थिति पर नियंत्रण रखने का अधिकार प्रदान करती है और उसे अपने लक्ष्यों और अभिलाषाओं की पूर्ति के लिए आत्मनिर्भर बनाती है ।
इसे अर्थशास्त्र में आत्मनिर्भरता या स्वाधीनता के रुप में भी व्याख्या किया जा सकता है , जिससे सामाजिक और आर्थिक रुप से समाज में सकारात्मक परिवर्तन भी होता है।
आर्थिक आज़ादी में एक अवस्था और भी आती है जिसमें व्यक्ति अपने आर्थिक कैलकुलेशन से बहुत ऊपर उठ जाता है , तब उसे खुद भी याद नहीं रहता है कि उसके पास कितना धन है ।
ऐसी परिस्थितियों में उसे सिर्फ इतना ही जनना होता है कि मुझे कितना धन देना है और उससे कितना धन मुनाफे के रुप में आएगा ।
इसी परिस्थितियों में एक व्यक्ति और आता है जिसके पास कुछ भी नहीं होता है न घर न परिवार ये भी अपने आप में मस्त रहता है ।
जैसे उपरोक्त व्यक्ति अपनी आर्थिक आज़ादी में मस्त हो जाता है वैसे ही यह व्यक्ति अपने फ़क़ीरी में मस्त हो जाता है दोनों अपने - अपने स्थान पर लक्ष्यों से आगे शुन्यता में पहुंच जाते हैं ।
खाना भी लोग ही लेकर जाते हैं कोई देकर आता है तो कोई खिला कर आता है ।
इस धरती पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्तियों को इन दोनों प्रकार के व्यक्तियों से आशाएं जुड़ी रहती हैं । लोग जानते हैं कि यदि इनकी एक नज़र पड़ जाय तो कई पीढ़ियों तक किसी को कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है ।
सोमवार, 13 नवंबर 2023
इंसान की आयु अगर लंबी है ।
इंसान की आयु अगर लंबी है तो उसे बूढा भी होना है । मेरे ख्याल से बुढा सिर्फ जिस्म होता है ।
सोंच विचार और कल्पनाएं कभी बुढ़ी नहीं होती , बल्कि इनमें उम्र के हिसाब से और ज्यादा दृढताएं आ जाती हैं ।
एक सत्तर से अस्सी वर्ष के मध्य के वक्ति ने अपने एक वाक्य में कुछ लिखा ।
उस वाक्य को एक तीस वर्ष के आयु वाले ने पढ़ा और बोला इसे मैं जानता हूं । इसमें कोई नयी बात नहीं है ।नयी बात तो यह है , कि सत्तर से अस्सी वर्ष के मध्य का व्यक्ति , तीस वर्ष के ज्ञान और जज्बात को लिख रहा है । इस लिए कोई नई बात नहीं लगती , यदि तीस वर्ष की आयु वाला व्यक्ति , कल्पनाशील न हो तो उसके लिए यही एक वाक्य बिल्कुल नया और आस्चर्यजनक है ।
तीस की आयु वाला , कभी सत्तर से अस्सी वर्ष के आयु वाली कल्पना नहीं कर सकता , लेकिन सत्तर से अस्सी वर्ष के आयु वाला तीस वर्ष के आयु की कल्पना बहुत अच्छी तरह से करना जानता है । क्यों कि उसने सत्तर से अस्सी वर्ष तक के हर एक मौसम और हर एक लम्हों को देखा है ।
तीस वर्ष के व्यक्ति को अभी पचास वर्ष तक का सफर करना बाकी है ।
अपने से ज्यादा आयु के लोगों के वाक्यों को समझें क्यों कि एक ही वाक्य के अनेक मतलब होते हैं ।
यदि आप के साथ ऐसे व्यक्ति हैं , तो उनसे डिसकस करें । हमेशा अपने से बड़ी आयु वाले लोगों को रिस्पेक्ट दें । उनके काम में मदद भी करें ।
उनके अनुभवों से कुछ सीखने , कुछ ज्ञ्यान प्राप्त करने का प्रयास करें ।
आप के कर्मों और सोंचों को सही राय एवं उचित रास्ता दिखाने वाली पुस्तक के समान होते हैं बूढ़े , बुजुर्ग लोग । इन बुढ़े , बुजुर्ग लोगों को भी आप की आवश्यकता है इन्हें कभी नेग्लेट न करें क्यों कि आप को भी कभी उनकी ज़रुरत थी ।
दोनों को एक-दूसरे की जरुरत तब-तक रहती है ।
जब-तक दोनों इस दुनियां में जिंदा रहते हैं ।
शनिवार, 28 अक्टूबर 2023
स्वतंत्र यूनिवर्सिटी
इस दुनियां से बड़ी यूनिवर्सिटी कहीं नहीं है ।
यहां स्कूल , कालेज और यूनिवर्सिटीयों जैसी पढ़ाई करने के लिए कहीं भी जाने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है । यहां लिखने और पढ़ने की भी , कभी कोई जरूरत नहीं होती है ।
यहां की शिक्षा अमीर लोगों की नक़ल करना है । नौजवान से लेकर बूढ़े तक और ग़रीब से लेकर अमीर तक के सभी लोगों के लेक्चर को सुनना पड़ता है । निडर होकर बेबाक अंदाज में बात करना पड़ता है । इसी बीच अपने जीविकोपार्जन के लिए कड़े परिश्रमों से भी गुजरना पड़ता है ।
अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वयंम के विचारों में बहुत गहराई तक डूबना ही ज्यादा उपयोगी होता है ।
इसी यूनिवर्सिटी से निकले हुए छोटे , बड़े प्रोफेसर लोग देश चलाते हैं ।
जो लोग डिग्री के बल पर सर्वोच्च पदों को प्राप्त करते हैं । वे लोग भी स्वतंत्र यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों के गुलाम होते हैं ।
जरुरत पड़ने पर स्वतंत्र युनिवर्सिटी के प्रोफेसर डिग्री धारी अधिकारियों की डिग्रियों को उनके मुंह पर मार देते है ।
गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023
शोषण और छल
जब कोई अकेली लड़की या औरत अपनी संभावनाओं को तलाशने के लिए घर से निकलती है , तो वह शोषण का शिकार बनती है ।
जब कोई लड़का या मर्द अकेले अपनी संभावनाओं को तलाशने के लिए घर से निकलते हैं , तो वह छल का शिकार होते हैं ।
दोनों पक्षों में कोई सुरक्षित नहीं है ।
जिंदगी में कभी न कभी । किसी न किसी मोड़ पर उपरोक्त का शिकार तो होना ही है ।
शोषण और छल करने वाले किसी दूसरे ग्रह या गोले से नहीं आते हैं । यह लोग इसी धरती पर हमारे समाज में , हमारे आस-पास ही , अपने शिकार की तलाश में लगे रहते हैं ।
शनिवार, 21 अक्टूबर 2023
सोशल मीडिया पर पेज और चैनल
पैसा कमाने के लिए कभी-कभी वह उस हद से भी गुजर जाता है ।
जिसके लिए उसका दिल कभी गवारा नहीं करता ।
आप के जिंदगी में क्या प्राब्लम है ?
कैसी घुटन है ?
कैसा दर्द है ?
इस मामले में मैं कोई चर्चा नहीं करुंगा क्यों कि यह आप सभी लोगों का अपना - अपना निजी मामला है । मतलब यह है कि पुरे समाज में सभी के अपने - अपने तरीके हैं , जिसके मुताबिक सुख और दुःख हैं ।
सभी के सीनों में एक दर्द है । एक सपने हैं , जिसे पूरा करने की चाहत और दर्द एवं घुटन से उसे दूर होने की उम्मीदें दबी पड़ी हैं । इस लिए इस टापिक को छोड़ता हूं ।
पैसा कमाने के लिए अब सोशल मीडिया भी अवसर दे रही है और बहुत सारे लोग हैं , जो अच्छी-खासी इनकम भी करते हैं ।
वाट्सएप , फेसबुक , इंस्टाग्राम , टेलीग्राम , स्नैपचैट ,
ट्विटर , यूट्यूब इत्यादि ।
कहीं भी जा कर अपना एकाउंट बना लीजिए और अपने अनुभव , अपने टैलेंट के अनुसार काम करिए ।
आप से एक बार सिर्फ एकाउंट वेरिफिकेशन किया जाता है । जिससे पता चल सके कि कोई और नहीं बल्कि एकाउंट क्रिएट करने वाले आप ही है ।
आप के किसी पोस्ट पर एप्रुवल लेने की जरूरत नहीं पड़ती यही कारण है कि आज जितनी भी सोशल साईटें हैं सभी में करोड़ों से उपर लोग हैं ।
फेसबुक में आप को पेज़ और ग्रूप बनाने का विकल्प दिया जाता है और लोग बनाते भी हैं ।
कुछ ग्रूप ऐसे हैं , जिसमें ज्वाइन करने पर मेम्बर बना दिया जाता है । आप के पोस्ट को एप्रूवल की कोई आवश्यकता नहीं होती ।
जैसे फेसबुक पर पोस्ट करते ही पब्लिक में शो होती है वैसे ही ग्रूप में भी शो होती है ।
यही कारण है कि उन ग्रूपों में भी लाखों और करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं ।
अगर आप ने कोई ग्रूप बनाया है , तो अपनी शर्तों को पहले ही बताएं , जिससे जुड़ने वाले लोग आप की शर्तों के मुताबिक जुड़ सकें ।
हर पोस्ट पर एप्रूवल जरुरी है , और एडमिन जिसकी पोस्ट को चाहे एप्रूफ दे कर पोस्ट करें , जिसकी पोस्ट को चाहें पेंडिंग में डाल कर न करें ।
ऐसी परिस्थितियों में ग्रूप ग्रो कैसे करेगा और ज्यादा से ज्यादा लोग कैसे जुड़ सकेंगे ।
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जुड़े हुए लोग ग्रूप को छोड़ने लगते हैं , और अगर पड़े भी रहते हैं तो कोई पोस्ट नहीं करते । अगर कोई नोटिफिकेशन आता भी है तो उसे देखने के बजाय स्क्रीन पर से ही स्कीप कर के हटा दिया जाता है ।
मेरे कहने का उद्देश्य मात्र इतना ही है कि कोई भी ग्रूप बनाएं तो उसमें आप कैसी पोस्ट चाहते हैं । अपने नीयम और शर्तों को बता दें , जिससे जुड़ने वाले लोग अपनी हद में पोस्ट और कमेन्ट कर सकें , यदि कोई अभद्रता करता है , तो उसे नोटिस करें उसपर भी न माने तो एकाउंट ब्लॉक कर दें ।
लेकिन ग्रूप या चैनल जो कुछ भी हो उसमें जुड़ने वाले लोग अपने विचारों को , अपने लेखों को , अपने कलाओं को , सीधे प्रस्तुत करने का मौका प्राप्त कर सकें । एप्रूवल वाले मामले में जब ज्यादा लोग जुड़े होते हैं , तो एडमिन को इतना समय भी नहीं मिलता कि वह यह देख सकें कि कौन सी पोस्ट एप्रूफ हो चुकी है और कौन सी पोस्ट अभी पेंडिंग में पड़ी हुई है ।
प्लेटफार्म स्वतंत्र होना चाहिए जब फेसबुक , इंस्टाग्राम टेलीग्राम , स्नैपचैट आदि ने एप्रूवल की सीमा को हटा चुकीं हैं , जिसका परिणाम दुनियां के सामने है । आज़ ये मिडिया उस मुकाम पर हैं , कि जहां हम और आप भी उन्हीं के प्लेटफार्म पर काम करते हैं । हमारा या आप का कोई पर्सनल एप या सोशल मीडिया का कोई साईट नहीं है।
संक्षिप्त में इतना ही काफी है । आगे आप के पेज़ हैं । आप का चैनल है । आप का विचार है , और आप की मर्जी है ।
शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023
इस दुनियां में
मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023
सामान के बदले सामान
शनिवार, 23 सितंबर 2023
अपराध क्यों ? और किसके लिए ?
तुमने पैदा हुए बच्चे को भी देखा है ।
तुमने बच्चे को दौड़ते खेलते हुए भी देखा है ।
तुमने नौजवानों को भी देखा है ।
तुमने बीमार को भी देखा है ।
तुमने बुढ़े हुए लोगों को भी देखा है ।
तुमने मरे हुए लोगों को भी देखा है ।
तुमने हर परिस्थितियों में
विभिन्न प्रकार के लोगों को भी देखा है ।
जब यह साबित हो गया है कि
यहां कोई भी ज़िंदा नहीं रहेगा ।
आदमी से लेकर जानवर तक ।
पेड़ से लेकर पहाड़ तक ।
सब को एक दिन मरना ही है ।
तो फ़िर तरह - तरह के अपराध क्यों ?
और किसके लिए ?
परिस्थितियां हमेसा एक जैसी नहीं होती हैं ।
कभी तुम अपने लिए जीते हो ।
कभी अपनों के लिए जीते हो ।
कभी औरों के लिए जीते हो ।
कोई भी परिस्थिति यह कभी नहीं कहती है कि
तुम अपराध करो ।
चाहे अपने लिए हो ...... ।
अपनों के लिए हो या औरों के लिए हो ।
तुमने अगर किसी के लिए भी अपराध किया है ।
तो उसके भागीदार , उसकी जवाबदेही और उसका पाप , पुन्य , दंड से उन लोगों का कोई मतलब और सरोकार नहीं है ।
सारी चीजें तुम्हीं पर आएंगी ।
इस दुनियां से जाने के पहले तीन चीजें होती हैं ।
1 - अपने अपराध के द्वारा जुटाई गई सारी चल अचल संपत्ति या तो किसी को देकर जाओगे ।
2 - या तो छोड़ कर जाओगे ।
3 - या तो मिटा कर जाओगे ।
यह सब यही पर बट कर बिखर जाने वाली है ।
यहां से कुछ भी साथ में लेकर जाने का कोई भी रास्ता नहीं है ।
दुनियां से कैसे जाता है आदमी यह भी तुमने देखा है ।
तुम्हें बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है ।
इस दुनियां में हर लोग अपनी - अपनी किस्मत लेकर आते हैं और उसी के मुताबिक जीते हैं , फिर चले जाते हैं । हां इतना जरूर कहूंगा कि तुम्हारे माध्यम से इस दुनियां में जो आया है , उसकी जिम्मेदारियां तब तक तुम्हारे उपर हैं । जब-तक की वो अपने पैरों पर खड़ा न हो जाए ।
तुम जब-तक जिंदा हो तब तक जो ज़िम्मेदारियां तुम्हारी बनती हैं , उसे जायज़ तरीके से पुरा करने की कोशिश करो ।
यह ख्याल रहे कि इसमें कोई भी क़दम ऐसा नहीं होना चाहिए कि जो नाजायज और अपराधिक तरीके से हों ।