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मंगलवार, 28 जनवरी 2020

दुनियां को समझने की जरूरत

बहुत ज्यादा पढने के बाद इस दुनिया को कुछ हद तक
समझ पाया। पूरी तरह से समझने के लिए प्रेक्टिकल में
होने की जरुरत महसूस हुई। मगर उतना पैशा नहीं। कुछ लोग जो विदेशों में कमाने गये वो वही तक समझ पाए तो कुछ लोग आस पास के दो चार कंट्री और घूम समझ लिए लेकिन अनपढों ने ज्यादा समझा जैसे राहुलसांकृत्यान।
पैसे की जब बात आई तो खुद को संभालने में लगना पड़ा खुद को कुछ संभाला तो परिवार को देखना पड़ा।
परिवार को कुछ देखा तो बच्चों को संभालना पड़ा ।
कभी खुद अपने देश को ही पूरी तरह से घूम कर देखने
समझने का न अवसर ही मिला और न तो हालात ही बन पाए। जहां रहे उतने में ही दुख सुख को समझते रहे। इतने में ही कुछ की उम्र कट गयी। कुछ हमेशा के लिए दुनियां ही छोड़ गए तो कुछ अधेड़ हो गये।
अधेड़ो का क्या उनके तो मनसूबे भी अब पस्त हो चुके हैं। भविष्य तो अंधेरे में बच्चों और नवजवानों का है।
जिन्हें गुलाम बनना है या गोलियों का शिकार होना है।
वो भी बीसवीं शताब्दी के आधुनिक युग में पाश्चात्य सभ्यता में जीने के लिए मजबूर करने का कानून वो भी अपने ही देश में अपने ही देशवासियों के लिए।
इसका अंजाम क्या होगा  ?
मुर्खो के विचार हैं या प्रखर कल्पनाशीलता की  ?

रविवार, 26 जनवरी 2020

मूर्खता

जिस दिन पृथ्वी से मूर्खता समाप्त हो जाएगी
उस दिन यूनान की तरह सृष्टि का लोप हो जाएगा।

बुधवार, 15 जनवरी 2020

गृहस्थ जीवन और बेरोजगार

गृहस्थ और बेरोजगार जीवन जीने वालों कि कुछ पहचान
1- बहुत ज्यादा टीप टाप यानी मेन्टेन न रहपाना।
2- रोज रोज सलिंग भी नहीं हो पाती है।
3- चेहरे पर खामोशी और गंभीरता रहती है।
4- मन शान्त नहीं रहता।
5- ऐसा लगता है जैसे किसी विचार में खोया या किसी
     परेशानी में पड़ा हो।
6- बातें नपी तूली होती हैं ज्यादा बात करने पर झुझलाएगा
     यानी टेन्शनाईज्ड अपने काम की बात न लगना।
     साथ में झोला जरूर रहेगा क्यों कि कभी भी कुछ       भी लाने की फरमाईश भरा फोन आ सकता है।
   वैसे भी कुछ न कुछ तो हर रोज लेना ही पड़ता है।
   अगर बेरोजगारी नहीं है तो गृहस्थ जीवन बहुत ही आनन्द मय होता है।

मंगलवार, 14 जनवरी 2020

अर्निंग एप्स का फ्राड

अर्निंग एप्स का फ्राड
दोस्तों अगर आप Android एप यूज करते हैं तो आप ये जानते हैं कि प्ले स्टोर में और एडवर्टाईज में बहुत सारे एप दिखाये जाते हैं । जो आप को ये बताते हैं कि इसे यूज करें और ढेरों पैसे कमयें । अब इसमें भी दो सिस्टम है।
1- अपने दोस्तों और परचितों को रिफर कर के भी कमाएं।
2- बिना रिफर किये ही कमाएं।
पहले वाले रिफर कर के पैसे कमयें वाले क्या करते हैं।
जब आप एप को रिफर करतें हैं तो सामने वाले को बिना रिफरल कोड के डाले ही एप एकटिवेटिंग की सुविधा दे देते हैं। अब आप क्या हैं सिर्फ एप के प्रचारक। आप यही सोंचते होंगे की मैने तो पांच सौ लोगों को रिफर कर दिया इसमें से सौ पचस तो कर ही लेंगे मगर आप के रिफर किये गये लेवल को जब आप देखेंगे तो 0 बताता है।
रिफरल लेवल में एक्टिव मेम्बर्स को शो करता है वो भी 0 । इस तरह आप कभी भी रिफर कर के मेम्बर्स नहीं बना पाएंगे क्यों कि आप से रिफर करवाने का दो मक़सद होता है। 1- आप रिफर करते रहें जिससे इनका प्रचार होता रहे।
2- आप जो रिफर करते हैं उसमें बिना आपके कोड को डाले एक्टिव कराने से कंपनी रिफरल बन जाती है। कंपनी का रिफरल कोड आटोफिल हो जाता है।
अब बात आती है बिना रिफर किये कमाने का तो इसमें भी दो सिस्टम है।
1- आप गेम या एप का टाक्स पूरा करते रहें 200रु के नीचे आप रिडीम नहीं लगा सकते। जिस दिन दो सौ हो जाएगा तब आप रिडिम करेंगे उस वक्त कहेगा कि 60रू ट्रराजेक्शन चार्ज करेगा इस लिए 60₹ और करें जब 60₹ पुरा कर के रिडिम करिएगा तो केवाईसी अपडेट के लिए कहेगा जब आप केवाईसी करेंगे तो आप का सारा बैलेन्स जीरो कर के फिर से एप शुरू हो जाएगा।
2- सिस्टम यह है कि आप से दस या बीस लोगों को रिफर करवा कर एक्टिव युजर मागेगा जो कभी होने ही नहीं देगा।
इस मामले में मेरा विचार यह है कि अगर एप वाले रिफर ऐड अर्न का आप्सन देते हैं तो एप युजर कितने लोगों को रिफर किया है सभी का नाम और मोबाइल नम्बर एप में दर्शाएं ताकि यह पता चल सके कि कौन कौन एक्टिव मेम्बर्स हुआ और कौन बाकी है।
इससे युजर कान्टेक्ट या मैसेज से पता कर लेगा कि अगर वो मेरे रिफर से एप यूज करता है तो मेरे एक्टिव मेम्बर्स लिस्ट में क्यों नहीं दिख रहा है। इसका मतलब कंपनी ने बिना रिफरल के एप लोड करने का आप्सन उपलब्ध करा के अपना रिफरल कोड आटोफिल कर लिया है।
2- कंपनी को चाहिए कि अगर कोई एड देख कर डाउनलोड करता है तो कोई बात नहीं मगर यदि कोई युजर एप को यूज करता है और किसी को रिफर करता है तो उसे बिना रिफरल कोड के डाउनलोड न होने दिया जाए।
कंपनी अपने एप में पारदर्शिता और ईमानदारी बरते जिससे एप युजर होपलेस एवं निराश न हो सकें।
लोगों से,,,,,,,,,,,,
लोगों से मै यही कहूंगा कि आप लोग इस तरह के फाल्तु एपों में न फंसे न ही अपना वक्त बर्बाद करें।
मैं सर्च कर रहा हूँ जिस दिन मुझे जेनविन एप मिलेगा मैं
आप लोगों को बताऊंगा। तबतक आप लोग नेट द्वारा अपने नालेज को डेवलप करें।
मेरे ब्लाग को पढने का बहुत बहुत शुक्रिया।

शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

सोंच


आप अपने बारे मेँ सोचते हैँ या उसके बारे मेँ जिसे आप अपना समझते हैँ लेकिन उपर एक अल्लाह (ईश्वर ) भी है जो पूरी दुनियाँ के बारे मे सोँचता है ! आप जो सोँचते हैँ उसे अल्लाह (ईश्वर) जानता है मगर अल्लाह ( ईश्वर) जो सोँचता है उसे आप तो क्या पुरी दुनियाँ नहीँ जानती इस लिए मेरे भाई मेरे दोस्त किसी के बारे मेँ अच्छा नहीँ सोँच सकते तो बुरा भी मत सोँचो क्यों कि तुम्हारी सोँचो से दुनियाँ नहीँ चलती उसकी सोँचो से दुनिया चलती है उसकी मरजी के सिवा कुछ नहीँ होता ! अगर आप के समझ मेँ कुछ नही आता तो आप के उपर कितने हक और कितने फर्ज हैँ उसका पता लगाएँ और इतना ही सिर्फ करेँ यह भी एक इबादत (परम सेवा) है !

गुरुवार, 9 जनवरी 2020

ग्यान

ग्यन की गहराई को आज तक कोई नाप न पाया।
अगर कोई कहता है कि मैने नाप लिया है तो वो आवे
मैं उनसे मिलना चाहता हूँ ताकि मैं भी कुछ ग्यान प्राप्त कर सकूं।

शनिवार, 4 जनवरी 2020

फार्मूले

झूठ, बेइमानी, लूट, हत्या, चुगुलखोरी और लोगों को बेवकूफ बनाकर छलने के लिए जो हर घडी नये नये
फार्मूले तैयार करने में लगे रहते हैं।
उन्हें शायद यह नहीं पता कि ये सारी चीजें इसी धरती पर घूमती रहती हैं। वे रहे या न रहे लेकिन एक दिन ये सारे फार्मूले किसी न किसी के द्वारा उनके घर भी पहुंचेगा वे भले ही न हों लेकिन उनके ,अपने, घर वाले और रिश्तेदार तो मिलेंगे जो इन फार्मूलों के शिकार होंगे।

गुरुवार, 2 जनवरी 2020

दुनिया

इस दुनिया को बनने का कारण इंसान है
और इस दुनिया को मिटने का कारण भी इंसान ही होगा।