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रविवार, 6 दिसंबर 2020

सबसे पहले और सबसे बड़ा हल

हर समस्याओं का समाधान सिर्फ कानून ही नहीं है ।
सबसे पहले और सबसे बड़ा हल आपसी बात चित भी होती है । जब बातों से मुआमले हल न हों तो ही कानून का सहारा लें । लेकिन इस बात को याद रक्खें कि कानून से न्याय आप के जीतेजी इस जिंदगी में मिल पाएगा या नहीं ।


बुधवार, 2 दिसंबर 2020

सबसे बड़ा सवाल तो तुम खुद ही हो

दुनियां जबतक खत्म नहीं हो जाएगी तब तक सवाल बनते रहेंगे और उठते रहेंगे ।
क्यों कि सबसे बड़ा सवाल तो तुम खुद ही हो , जबतक तुम हो सवाल बनते रहेंगे जिस दिन जवाब बन क़र उठोगे उस दिन से कोई सवाल न पैदा होगा और न उठेगा । इस लिए सवालों के घनचक्कर से निकल जाओ और जवाब बन जाओ लोग अपना सवाल हल करने के लिए तुम्हें ढूँढना शुरु कर देंगे और तुम्हारे पीछे पीछे लगे रहेंगे । सवालों का कभी अंत नहीं होता लेकिन हजार सवाल पर एक जवाब ही भारी पड़ जाता है और सभी को खामोश भी कर देता है ।

सोमवार, 30 नवंबर 2020

मैं तुम्हें बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा

जिंदादिली से मर जाना मैं बर्दाश्त कर लुंगा , लेकिन जिस दिन तुम्हारा ज़मीर मर गया , उस दिन मैं तुम्हें बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा , उस दिन से तुम मेरे लिए ज़िंदा लाश की तरह ही नज़र आओगे ।

गुरुवार, 26 नवंबर 2020

मैने आप के ऊपर भरोसा किया

अब आप अपनी मनगढंत या हकीकत जो भी सफाई मुझे देंगे उससे मेरा खोया हुआ कुछ भी नहीं लौट सकता । 
मैंने आप के ऊपर भरोसा किया वो भी आप से पूछ कर लेकिन आप की एक गलती ने मेरी जिंदगी के सारे सपनों को मिट्टी में मिला दिया । 

बुधवार, 25 नवंबर 2020

बाद में तुम्हें दुख होता है

मुझे मालूम है कि तुम मुझे बहुत चाहते हो , मानते हो , प्यार भी करते हो , जब भी कही जाते हो तो एक बार यह जरुर सोंचते हो कि अगर वो भी साथ होती तो कितना अच्छा होता ।
तुम जब कुछ भी खाते हो तो भी मेरी याद आती है ।
तुम जब कुछ भी खरीदते हो तो भी मेरी याद आती है ।
और जब मेरे लिए कुछ भी नहीं लाते हो तो मुझे सिर्फ आस्चर्य होता है । लेकिन बाद में तुम्हें दुख होता है ।

रविवार, 22 नवंबर 2020

मुझे आप के स्वर्ग की जरुरत नहीं है

तुम्हें लगता है कि मैं नर्क में हूं तो मैं अपने नर्क में ही खुश और संतुष्ट हूं । मुझे आप के स्वर्ग की जरुरत नहीं है  । लेकिन आप अपने स्वर्ग में रह कर दुखी और परेशान क्यूँ हैं ?

सोमवार, 9 नवंबर 2020

कौन क्या है

जरुरी नहीं कि सिर्फ मर्द ही गहरी चाल चलना जानता है ।
जब औरत अपनी चाल चलना शुरु करती है । तो बड़े से बड़े खिलाड़ी मर्दों के दिमाग खट्टे हो जाते हैं । औकात समझ में आ जाती है कि कौन क्या है ।

रविवार, 8 नवंबर 2020

औरत के आगे मर्द

औरत के आगे मर्द की कोई औकात नहीं है ।
जो प्राथमिकताएं मर्द को मिली है वो सिर्फ मर्द के थोड़े से सहयोग के कारण जिससे वे मर्दों को जन्म देती हैं ।
अगर औरत स्वयंम से जन्म दे पाती तो मर्दों की इस दुनियां में कोई जरुरत नहीं होती ।

औरत और लड़कियों

औरत और लड़कियों की दुश्मनी भी औरत और लड़कियों से होती है । और ये इतनी खतरनाक होतीं हैं । कि आसानी से इसकी तह में जा पाना संभव नहीं होता। 
हैरत की बात तो ये है । कि इसमें क्राईम कम और दिमागी मार बहुत ही भयंकर होती है ।

रविवार, 1 नवंबर 2020

मर्दानगी

मर्द को क्या पता अपनी मर्दानगी का, मर्द की मर्दानगी को औरत जानती है ।
जिस दिन औरत अपने औरतपन पर उतर जाएगी उस दिन से भारत में बलात्कार की घटना तो दूर बलात्कारी ढूढने से भी नहीं मिलेंगे,, बस इनके जागने की जरूरत है ।

शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

सोंचने पर मजबूर

इस दुनियां में ऐसे लोग भी आते हैं । जो सोंचने पर मजबूर कर देने वाले सनकी, दिवाने और जुनूनी हैं । जो अपनी चाहतों को पुरा करने के लिए अपनी जान भी दे देते हैं । और जान ले भी लेते हैं ।

जीतने का सिस्टम

पैसे से चुनाव जीतने का सिस्टम अलग होता है ।
फटी पाकेट वाले के जीतने का सिस्टम अलग होता है ।
इससे ज्यादा विस्तार में कहना मैं उचित नहीं समझता क्यों कि आप से बड़ा राजनीत का खिलाड़ी और कौन हो सकता है । अब घर जा कर फुर्सत से बैठो और यह सोचो कि आप कौन से सिस्टम से जीतना चाहते हैं ।

बचपन की यादें

बचपन की यादें नौजवानी में हंसाती हैं और नौजवानी की यादें बुढ़ापे में रुलाती हैं ।

गुरुवार, 29 अक्तूबर 2020

पैसे के लिए

पैसे के लिए जो तुमने कर ढाला काश तुम इसे समझ पाते ।
अगर जरा भी अपनों के बारे में सोचे होते तो तुम्हारे करनी पर आज मुझे शर्मिंदा नहीं होना पड़ता ।
तुम्हें मैं क्या समझु , मेरी समझ से बाहर होते जा रहे हो ।

बुधवार, 28 अक्तूबर 2020

हर पल से अंजान

हर आदमी अपने ज़िन्दगी के बीते हुए दिनों के एक एक पल को जानता है ।
लेकिन जिंदगी में आने वाले दिन के एक एक पल से हर कोई अंजान है ।

सोमवार, 26 अक्तूबर 2020

मुहब्बत के नाम पर

किसी के पास मुहब्बत है ।
किसी के पास दौलत है ।
दोनों एक साथ हर किसी को नहीं मिल्ती ।
80% ऐसे लोग हैं जिनके पास दोनों मेसे कुछ भी नहीं है ।
दौलत के नाम पर खुद परस्ती में जीना और मुहब्बत के नाम पर मुहब्बत का एक खूबसूरत नाटक है । जिसके अंधे पन में जिंदगी गुजरती जा रही है ।

सोमवार, 19 अक्तूबर 2020

इस दुनियां में

इस दुनियां में कोई भी चीज बेकार नहीं है। सब का काम कहीं न कहीं कभी न कभी तो पड़ता ही है । बेकार तो उस वक्त लगती है । जब आप को उसकी जरुरत नहीं होती ।

शनिवार, 17 अक्तूबर 2020

एक ही भूल

आज तुम्हारा वक़्त है ........
हर आरजू पुरी करना .........
कुछ छोड़ना मत ..........
न तो कुछ भूलना ..........
क्यों कि एक ही भूल .........
तुम्हारे मौत का कारण बन जाएगी ..........
और दुनियां का कोई भी इंसान ...........
तुम्हें बचा नहीं सकता ।

शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2020

जरुरी नहीं

जरुरी नहीं कि हर बात का जवाब खुल्लम खुल्ला दिया जाए थोड़े से इशारे बहुत कुछ समझने के लिए काफी होते हैं ।

गुरुवार, 15 अक्तूबर 2020

शब्द

अगर शब्दों की गहराई में उतरना जानते हो तो दो चार शब्द ही जिंदगी के मायने को समझा जाते हैं ।