बुझे हुए चिरागों को भी जलाया है मैने ।
कौन अपना कौन पराया आजमाया है मैने ।।
मक्कारों की दुनियां मिटाकर रहुंगा ।
आज दिल से कसम ये खाया है मैने ।।
उन्हें भी बताओ जो करते हैं झूठे वादे ।
उनके सात पुस्तों की हकीकत को पाया है मैने ।।
भटकता रहा दर बदर एक सदी से ।
मुकम्मल जहां अब बनाया है मैने ।।
मुझे अब किसी का कोई डर नहीं है ।
उसे दिल में जबसे बसाया है मैने ।।
जावेद को अब कभी मत सताना ।
यही बस बताने बुलाया है मैने ।।