कुछ तो मजबुरियां रही होंगी ।
यू ही कोई बेवफ़ा नहीं होता ।।
वक्त हालात को बदलते हैं ।
आदमी खुद खफा नहीं होता ।।
hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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बुधवार, 27 नवंबर 2019
मजबुरियां
शनिवार, 16 नवंबर 2019
दिल भी तेरा दिमाग तेरा है
दिल भी तेरा दिमाग तेरा है ।
तेरे जुल्मो ने तुझको घेरा है ।।
उन बुरे वक़्त को जरा सेंचो ।
आज जो हो वो सब मेरा है ।।
बुधवार, 31 अक्टूबर 2018
शायरी
फूल शबनम से प्यार करते हैं ।
जख्म मर्हम से प्यार करते हैं ।।
तेरी भीगी हुई पल्को की कसम ।
हम तेरे ग़म से प्यार करते हैं ।।
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