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बुधवार, 31 मार्च 2021

सभी आप को ठगने वाले मिलेंगे

किसी पर सर्वस्व न्यौछावर कर देना , आप की मजबूरी है ? आप की ज़रुरत है ? आप का भरोसा है ? आप का विश्वास है ? कोई आप का अपना सगा है ? कोई गैर है मगर अपनों की तरह है ? या अटूट प्रेम है ?
एक हज़ार लोगों में एक ऐसा व्यक्ति मिलेगा जो आप की इस सोंच को क़ायम रक्खेंगा बाकी सभी आप को ठगने वाले मिलेंगे ।

मंगलवार, 30 मार्च 2021

जिंदगी इन्तज़ार में गुज़र जाएगी

स्वार्थ सिद्धि में सौ कसमें , हजार वादे , और अनगिनत भरोसे दिये जाते हैं । स्वार्थ सिद्ध हो जाने के बाद उन सभी वादों , कसमों , और भरोसों से अंजान और अजनबी हो जाते हैं लोग । जब कि सब कुछ याद रहता है लोगों को ।
जो मुलाकातें पहले होती थी , जो बातें पहले होती थी , वो सब लगभग समाप्त कर दी जाती है । यदि अचानक आमना सामना हो गया तो जल्दी में हूं , समय निकाल कर मिलता हूं , कह कर निकल जाते हैं लोग । कोशिश यह होती है कि न मुलाकात हो , और न कुछ बात हो , क्यूं कि कहीं आप  कोई सवाल न पैदा कर दें ,?  यदि कभी कोई ऐसा क्षण आ भी जाता है , कि उन बातों को , उन कसमों को , और उन वादों को अगर आप ने पूछ लिया , तो उसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता ।
अगर मिलता है तो सिर्फ वादा । वो भी यह कह कर कि आप के काम के ही प्रयास में लगा हूं । कई लोगों से बात भी हुई है । बहुत जल्द आप का काम हो जाएगा ।
यह एक दिल बहलाने वाली झूठी सांत्वना है । उसने अपना स्वार्थ हल कर लिया है । आप उसके भरोसे रहेंगे तो सारी जिंदगी इंतजार में गुजर जाएगी और होना कुछ भी नहीं है ।इस लिए जो बीत गया है , उसे भूल जाएं और खुद के बदौलत अपने काम को पूरा करने का प्रयास नये हौसले के साथ जारी रखें ।
उस गलती को कभी न होने दें , जो आप के साथ हो चुकी है । ऐसे लोगों से वैसा ही व्यवहार करें , जैसा उसने किया है , क्यों कि शराफ़त और भोले पन का लाभ जो ले चुका है , उसकी आदत आसानी से नहीं जाती । जैसे ही आप अपने मकसद में कामयाबी की ओर बढ़ना शुरू करेंगे , ऐसे लोग आप के क़रीब आना शुरू हो जाएंगे ।
बेहतर तो यही होगा कि , बिना ठोस गारंटी के । बिना ठोस सबूत के । किसी की बातों में न पड़ें ।

सोमवार, 29 मार्च 2021

समाज में कुछ ऐसे लोग भी होते हैं

लेने और देने के बीच सिर्फ दो ही लोग होते हैं । एक देने वाला और एक लेने वाला । दे कर जब लेने की जरूरत पड़ती है , तो कभी कभी आठ दस लोगों को बैठा कर पंचायत भी करनी पड़ती है । इस लिए जब भी किसी को कुछ दो तो उसे वापस पाने की मत सोंचो ।
किसी को कुछ देना है , तो तभी दो जब आप की जरूरत से ज्यादा हो ।
दुनियां में बहुत कम लोग हैं , जिनके पास जरूरत से ज्यादा है । उसके बाद भी उनके अंदर कमी का एहसास बना रहता है । ऐसे लोगों तक हर किसी की पहुंच नहीं होती ।
आम जीवनचर्या के बीच जीते हुए आप को ऐसे लोग भी मिलेंगे जिन्हें इनकार करना आप के लिए मुश्किल हो जाता है । ऐसी परिस्थितियों में आप अपनी चीजों का आंकलन कर लें कि क्या मैं देने के योग्य हूं या नहीं ?
जितने से आप का काम चल जाए और आप को किसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना भी न करना पड़े साथ ही मेरे दिये हुए धन मुझे वापस भी न मिले तो भी कोई बात नहीं है । तब आप के पास जो शेष बचता है , उसमें से कुछ अंश को आप बताएं कि मैं इतना दे सकता हूं ।
अगर आप को वो धन वापस मिलता है , तो आप उसे उपहार समझ कर रख लिजिए और यदि नहीं मिलता है तो उसे यह सोंच कर भूल जाएं कि वह मेरा नहीं उसी का था जो ले गया या , यह भी सोंच सकते हैं कि मैंने उसकी मदद की है ।
मदद कभी वापस पाने के लिए नहीं की जाती । मदद वही करता है , जो मदद करने के योज्ञ्य होता है ।
अगर आप देने के योज्ञ्य नहीं है , तो आप प्रेम से कह सकते हैं कि अभी में इस योज्ञ्य नहीं हूं या इस क्षमता में नहीं हूं ।
दुःखी कर देने वाली बात कभी न करें ।
मैंने कुछ अंश देने की बात इस लिए कही कि उसमें से जो बाकी अंश बचते हैं उन अंशों में कुछ अपने और अपने करिबियों का भी हक़ बनता है । जिन्हें अचानक अगर जरूरत पड़ गई तो उन्हें भी निराश न लौटना पड़े ।
इन सारे कामों को अपने आप को किसी समस्याओं में उल्झा कर करने की जरुरत नहीं है । सबसे पहले खुद को देखें फिर लोगों को देखें ।
समाज में कुछ ऐसे लोग भी होते हैं , जिनमें कुछ अपने भी होते हैं । वे लोग हर परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने आप को जिवित रखते हैं । ऐसे लोग कभी भी किसी भी परिस्थितियों में आप से सहयोग की बात नहीं करेंगे ।
यहां आप को खुद पता करना होगा कि किसे वास्तव में इसकी आवश्यकता है । उन्हें प्रेम से ऐसे सहयोग करें कि उन्हें लगे कि इस दुनियां में मैं अकेला नहीं हूं । मेरे भी अपने लोग हैं , जो अपनो के बारे में सोचते हैं , और उनका पता भी करते हैं । इससे करिबियां बढ़ती हैं , और अपनत्व भी बढ़ता है । वर्ना हर आदमी एक दूसरे के लिए आम आदमी हो जाता है । जिसकी कोई अहमियत , औकात , फ़र्ज़ , कर्तव्य , हक़ कुछ भी नहीं रह जाता , अजनबी और अंजान की तरह हो कर रह जाता है ।
रिश्तों का , पहचान का , अपने पन का सिर्फ नाममात्र रह जाता है । जिसका इस दुनियां में कोई मोल नहीं ।

रविवार, 28 मार्च 2021

जानवरों वाली सिरिंज लेकर घूम रहे हैं

जब दिमाग में भूसा भरा हुआ हो तो कोई भी अपनी बंदूक तुम्हारे कंधे पर रख कर चला सकता है ।
तुम दूसरे के आदेशों पर जीने के लिए और दूसरों के सपनों को पूरा करने के लिए पैदा हुए हो ? या अपने और अपनों के लिए ? ।
जब-तक खुद को नहीं पहचानोगे । तब तक एक अबोध बालक के समान ही रहोगे । ऐसे में - वक़्त , हालात , और परिस्थितियां , कुछ भी तुम अपने पक्ष में नहीं कर सकते , क्यों कि , तुम्हें यह पता ही नहीं चल पाएगा कि , क्या मेरे पक्ष में है ? और क्या नहीं ? ।
लोग तुम्हारे ही जैसे लोगों का खून चूसने के लिए जानवरों वाली सिरिंज लेकर घूम रहे हैं ।

शनिवार, 27 मार्च 2021

शिक्षित होने की सार्थकता

हम शिक्षा ग्रहण करते हैं , तो सभी छोटी बड़ी चीजों का ज्ञान प्राप्त होता है , लेकिन उसे अपनी जिंदगी में अमल नहीं करते ।
जानते हैं क्यों ?
क्यों कि शिक्षा से ज्यादा माया लोगों के दिलों दिमाग पर छा जाती है , इसी लिए शिक्षा और शिक्षित दोनों गौंड हो कर रह जाते हैं ।
इसी लिए लोग कहते हैं कि पढ़ें लिखे बेवकूफ हैं ।
क्रोध , लोभ , मोह , अहंकार और कामवासना पर अपना अधिकार जमा कर जीत हासिल कर लेना ही शिक्षित होने की सार्थकता है ।

शनिवार, 20 मार्च 2021

कामयाब होना चाहते हो तो

अपने दम पर अगर कुछ करना और कामयाब होना चाहते हो , तो अपने अन्दर से प्यार , शर्मिंदगी और झिझक को निकाल फेंको , क्यों कि ये सब तुम्हें कमजोर कर देंगे ।

मंगलवार, 16 मार्च 2021

कीमत अनमोल होती है

आसानी से या फोकट में मिली हुई चीजें , चल , अचल सम्पत्ति , औरत , दौलत , अथवा कुछ भी जब-तक पास और पहुंच में होती है , तब-तक इसका मोल समझ में नहीं आता ।
परिश्रम से हासिल की गई चीजों की कीमत अनमोल होती है ।

सोमवार, 15 मार्च 2021

जान भी दे सकता हूं

शर्तों पर आधारित हर चीज़ से मुझे नफरत है । उतना ही जितना नाजायज चीजों से होती है । बिना शर्त और निस्वार्थ भावना से कहो तो अपनी जान भी दे सकता हूं ।

रविवार, 14 मार्च 2021

भूत , भविष्य , वर्तमान काल का स्पटिकरण नहीं

बोलने में स्त्रीलिंग , पुलिंग का पता नहीं । भूत भविष्य वर्तमान काल का स्पटिकरण नहीं जिसके कारण एक भी वाक्य सही नहीं निकलते फ़िर भी लोग बोलते भी हैं और लिखते भी हैं ।

मंगलवार, 9 मार्च 2021

दुनियां ही छूट जाती है

इस बहुरंगी दुनियां को , और बहुरंगी दुनियां वालों को समझते - समझते उम्र निकल जाती है ।
बहुत मुश्किल से , बहुत दुःख दर्द से , बहुत ऐशो आराम से , हर परिस्थितियों को झेलते हुए सिर्फ पचास परसेंट (50%) ही समझ में आती है । तब-तक दुनियां ही छोड़ने का समय आ जाता है , और फिर दुनियां ही छूट जाती है ।

रविवार, 7 मार्च 2021

अच्छे और बुरे दोनों लोगों की चर्चा

अच्छे और बुरे दोनों लोगों की चर्चा समान रूप से बराबर ही होती है । फर्क सिर्फ इतना है , कि अच्छे लोगों की चर्चा अच्छी तरह से होती है , और बुरे लोगों की चर्चा गालियों से होती है ।

शनिवार, 6 मार्च 2021

खूबसूरत दिल और अच्छा दिमाग

खूबसूरत जिस्म और अच्छे कपड़े का मतलब यह नहीं है कि खूबसूरत दिल और अच्छा दिमाग भी हो ।

मंगलवार, 2 मार्च 2021

जरुरतें और सोंच

पहले संसाधन कम थे , तो लोगों की जरुरतें और सोंच उन्हीं संसाधनों के अनुसार थीं ।
आज़ संसाधन बहुत ज्यादा बढ़ गये हैं । इस लिए लोगों की जरुरतें भी बढ़ गई हैं , और सोंच भी बढ़ गई है ।

सोमवार, 1 मार्च 2021

मुहब्बत में या किसी दुश्वारी में

बेबसी में या किसी लाचारी में ।
मुहब्बत में या किसी दुश्वारी में ।।
कुछ तो है , जो साथ लाई हूं ।
आज खुद चल के पास आई हूं ।।
अब न छोडुंगी मैं कभी तुमको ।
आज दिल से ये कसम खाई हूं ।।
जो बीत गई है उसे बीत जाने दो ।
नई सुबह नई किरन साथ लाई हूं ।।
अब अंधेरे का कोई ग़म मत करना ।
उजाला बन कर तुम पर मैं छाई हूं ।।
दिल को शीशे में मत ढालना जावेद ।
मैंने अक्सर इसे टूटते हुए ही पाई हूं ।।