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शुक्रवार, 29 मई 2020

नीति

आचार्य चाणक्य ब्राम्हण थे , कई नीतियों के महान ज्ञाता
लोक हित, समाज हित और देश हित के लिए अपने आप को सबसे आगे रक्खा और लोगों को भी तैय्यार 
किया । अगर वे चाहते तो अखंड भारत को सिर्फ ब्राम्हणों के ही रंग में रंग सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया क्यों कि वे आज के राजनीतिक सोच वाले नहीं थे
वे एक महान राष्ट्रवादी विचारक भी थे ।
उनके अंदर वो सोच विचार नहीं थे जो सोंच विचार आज
के ब्राह्मणों में है ।
किसी का भी दिल जीत कर अपने अनुसार चलाने के लिए धर्मनिति काम नहीं आती है ।
ऐसा करने के लिए प्रेमनिति ही काम आती है इसके सिवा कोई रास्ता ही नहीं है । 
जिन्हों ने इसे समझा वे भारत पर हज़ारों साल से ज्यादा
राज किया । कोई भी राजा, नवाब, या सम्राट धर्म की राजनीति के बल पर भारत पर शासन नहीं किया है ।
आज जो राजनीति हो रही है ये सिर्फ धर्म के आधार पर है जिसकी अवधी पांच से दस साल तक में ही सिमट जानी है सत्ता और धन के लालच में जो आने ही देश के
नागरिकों को नफ़रत की आग में झोंक दे उससे बड़ा देश
द्रोही कोई हो ही नहीं सकता ।