तुम्हारी आत्मा जिस को खोज रही है
तुम जो जानना चाहते हो..... ।
वह बहुत अचरज भरा नहीं है ।
इसे तो तुम्हारी आत्मा तबसे जानती है ।
जब तुम इस जिस्म में थे ही नहीं ।
जबसे तुम्हारी आत्मा को रहने के लिए ,
इस मिट्टी के जिस्म का खोल मिला है ।
तभी से तुम सब कुछ भूले हुए हो ।
जिस दिन तुम इस जिस्म के खोल को
छोड़ोगे , उस दिन से तुम्हें सब कुछ
याद आ जाएगा ।
उस दिन तुम्हें यह एहसास होगा कि ,
ईश्वर ने मुझे इस मिट्टी के जिस्म में
डाल कर , व्यर्थ में मेरे जीवन और
समय को नष्ट करवाया गया था ।
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