कभी कभी अपने हों या दूसरे की सच्चाई को अपने
दिल में जि़दगी भर के लिए दफनाये रखना पड़ता है।
अगर उस राज को खोल दिया जाये तो सामने वाले की
चरित्र हीनता समाज और अपनों के बीच न जीने देगी
और न तो सर उठा कर बात करने के लायक रक्खेगी।
जब की यही हमारी सबसे बड़ी भूल होती है।
हम जिसपर पर्दा डाल कर सारी जि़दगी बचाते हैं।
वही सोते, जागते,उठते, बैठते हर पल हर वक्त मुझे ही
बर्बाद और बदनाम करने के चक्कर में रहता है।
सिर्फ इस गलत फ़हमी से कि कहीं ये मेरे राज़ को किसी से खोल न दें।
इस वजह से अपनी बर्बादी और नुकसान को भी
चुप चाप सहना पड़ता है।
दिल में कोई बोझ या राज छुपाने से बेहतर है कि
उसे उसी के हवाले कर दिया जाए। जिसका है।
क्या कि मरना भी तुम्हें ही है और जीना भी तुम्हें।
तो फिर आजादी से जियो, ईमानदारी के साथ।
किसी के दबाव में तुम्हें जीने की कोई जरूरत नहीं है।
इस दुनिया में क्यों भेजे गये हो उसे सोंचो ।
hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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सोमवार, 25 नवंबर 2019
सोंचो
शनिवार, 23 नवंबर 2019
इस दुनिया में
इस दुनिया में 99% लोग दुनिया की हकिकत से
वाकिफ नहीं हैं।
यही वजह है कि लोग अपने ही दर्द और ख़ुशी में जी
रहे हैं।
जिस दिन दुनिया की 99% हकीकत को जान लेंगे
उस दिन से जीना मुश्किल हो जाएगा।
हार्ट अटैक भी हो सकता है।
आज ही करो
खाने से भी मौत होती है।
बिना खाये भी मौत होती है।
गाड़ी चलाने से एक्सीडेंट हो जाता है
इसकी वजह से भी मौत होती है।
बिमार पड़ने से भी मौत होती है।
गोली लगने से भी मौत होती है।
मार लग जाने से भी मौत हो जाती है।
हार्ट अटैक से भी मौत हो जाती है।
मरने के लाखों रंग रुप हैं।
इस दुनिया में जो भी आया सब को
मरना है।
इस दुनिया में अमर होकर हमेशा हमेशा
के लिए जि़दा रहना नामुमकिन है।
फिर कल की आशा और ऊम्मीदें कैसी।
जो बिता है वह कल था।
जो आने वाला है वो भी कल है।
उसका क्या ?
जो कुछ भी है वो आज है।
सब कुछ आज में ही होता है।
कल तो सिर्फ टालने के लिए होता है।
रात को सो गये।
जब सुबह उठे तो आज हो गया।
कहां गया कल ?
इस लिए मरने के लिए हर पल तैयार रहो।
कल पर कुछ मत छोड़ो जो करना है
आज ही करो।
रविवार, 17 नवंबर 2019
जिद
मैने जो चाहा
शनिवार, 16 नवंबर 2019
दिल भी तेरा दिमाग तेरा है
दिल भी तेरा दिमाग तेरा है ।
तेरे जुल्मो ने तुझको घेरा है ।।
उन बुरे वक़्त को जरा सेंचो ।
आज जो हो वो सब मेरा है ।।
सोंच अपनी जुबान अपनी है
सोंच अपनी जुबान अपनी है ।
झूठ सच की दुकान अपनी है ।।
तेरे सोंचो पे किसका पहरा है ।
उठो, चलो, जहांन अपनी है ।।
उसको देखा तो उड़ गयी नींदे ।
नई दुल्हन में मकान अपनी है ।।
कब, क्या, कैसे, तुम्हें पाना है ।
ये समझने का ग्यान अपनी है ।।
बढ रहा है जावेद भीड़ का समंदर ।
बेरोजगार हूं ये कहने में शान अपनी है ।।
बुधवार, 13 नवंबर 2019
सपने
मंगलवार, 12 नवंबर 2019
मुझ से छुप कर
मुझसे छुप कर के कोई आके गुजर जाता है ।
जाने क्यों जान कर वो दिल मेरा तड़पाता है ।
क्यों तड़पता है किसी और की चाहत में वो ।
मुझको तड़पा के भला कैसी खुशी पाता है ।
मन के मन्दिर में जो तस्वीर नज़र आता है ।
मैने चाहा है सनम दिल का तुमसे नाता है
तेरी गलियों से गुजर कर के भी खामोश हैं हम ।
बेवफा तेरा ही गंम हर वक्त मुझे खाता है ।
तुमको जावेद कभी भुल नहीं पाएगा ।
एक तू ही है जो दिल को मेरे भाता है ।
शनिवार, 9 नवंबर 2019
दिल से चाहा
जिसने हमेशा हमको दिल से चाहा
वही आज हमको भुलाने लगा है ।
मोहब्बत का सौदा खुद कर रहा है।
किसी और का गीत गाने लगा है ।
जमाने से भी कोई सिक्वा नहीं है।
वो खुद रंग अपने दिखाने लगा है ।
हमें दुसमनों की जरूरत ही क्या है।
जो अपना था वो ही जलाने लगा है
हमें जख्म अपनो ने ईतने दीये हैं।
दर्द भी दर्द से मुंह छुपाने लगा है ।
वफा का सिला बेवफाई से दे कर।
मुहब्बत को दिल से मिटाने लगा है ।
मुझको पता है वो बदला है जावेद।
कि झुठी कसम मेरी खाने लगा है