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रविवार, 5 जुलाई 2020

ग्रंथ

हर इंसान एक ग्रंथ होता है जिसमें हर तरह के रंग भरे 
होते हैं । जिस दिन आप इंसान रुपी ग्रंथ के चेहरे और
दिल को पढने की कला को जान जाएंगे उस दिन से आप उस ग्रंथ को पढना भूल जाएंगे जिसे पढने में अपनी आथी या पुरी जिंदगी गुजारी है । बेबसी और लाचारी आलमारी में पड़े ग्रंथ से नहीं जाती इंसान का माध्यम इंसान ही बनता है । मेरे कहने का मतलब किसी भी थार्मिक ग्रंथ से नहीं है ।
मैंने दुनियां के शिक्षा पद्धति के ग्रंथों की बात की है ।

शनिवार, 4 जुलाई 2020

आत्मा

आत्मा से आत्मा का लगाव अपने हर गतिविधियों का
एहसास करा देती है चाहे वो शरीर में हो या शरीर से बाहर ।

शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

निजी स्वार्थ

कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ में इतने अंधे हो जाते हैं कि
उनके सामने रिस्तों और संबन्धों का कोई मोल नहीं रह 
जाता। इज्ज़त और मर्यादाओं से कुछ लेना देना नहीं है ।

बूढा

बूढा होना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन वही बूढा कामयाब है जो समय के अनुसार अपने आप को बदल ले । कुछ बूढ़े लोग ऐसे भी हैं जो नौजवानों को कुछ समझते ही नहीं जब की हर बूढों को चाहिए कि नौजवानों के जजबात को समझने की कोशिश करें और उनसे अपने मैत्री संबंध बना कर अपने आप को बदलने की कोशिश करें ।

गुरुवार, 2 जुलाई 2020

समस्याएं

ज़रूरतें घटा लो समस्याएं घट जाएंगी ।
समस्याएं जरूरतों को पूरा करने के लिए 
मजबूर करतीं हैं ।

बुधवार, 1 जुलाई 2020

बनने और बिगड़ने

किसी के मरने से कोई बन जाता है ।
किसी के मरने से कोई बिगड़ जाता है ।
बनने और बिगड़ने का खेल मौत भी रच कर जाती है ।

मंगलवार, 30 जून 2020

मजबूर

जो अजनबी हैं उनसे हम अनजान हैं । जिन्हें हम नहीं जानते उन्हीं को लोग पराया कहते हैं । लेकिन कभी कभी वो भी करना पड़ता है जिसे करने के लिए आत्मा कभी नहीं चाहती और ये तभी करना पड़ता है जब अपने मजबूर करे या अपनों को खुश करना हो। 

रविवार, 28 जून 2020

पराया

कोई तुम्हें भूलता है , छोड़ता है या पराया हो जाता है तो 
तुम्हें इन चीजों से घबराने की जरूरत नहीं है । तुम इमानदारी से अपने कर्त्तव्य निभाते रहो क्यों कि ये सारी
सांसारिक चीज़ें हैं किसी के भूलने पराये होने या छोड़ने 
से क्या होगा जब की एक दिन तुम्हें दुनियां ही छोड़ देना है ।

शनिवार, 27 जून 2020

कलाकार

कला की मंडी में प्रवेश करने के बाद कला से पहले 
कलाकार को बिकना पड़ता है उसके बाद कला बिकती है ।

शुक्रवार, 26 जून 2020

जलन

हर रिश्ते में नोक झोंक, उतार चढाव, सुख दुःख आते जाते रहते हैं जिसे भूल , गलती और गलत फ़हमी माना जा सकता है मगर जब कोई भूल या गलती बार बार दोहराई जाए तब वो भूल और गलती नहीं होती बल्कि जलन और नफरत होती है जिसे भूल और गलती का नाम दिया जाता है इससे वैसे ही निपटो जैसे सामने वाला पेश आता है ।