Translate

मंगलवार, 22 सितंबर 2020

नाराज़

तुम रुठ कर ही क्या करोगे जब तुम्हें कोई मनाने वाला ही नहीं है । रुठा तो तब जाता है जब आप का कोई हो जिसे आप की चिंता हो जो आप के सुख दुःख और भावनाओं को समझता हो ।
ये अलग बात है कि आप अपनी किस्मत से या अपने आप से नाराज होते हों  । ऐसे में किसी की जरुरत नहीं चाहे कोई हो या न हो ऐसे में सिर्फ दो ही लोग होते हैं ।
1- आप की अन्तर आत्मा ।
2- आप का रब ( ईश्वर )
दिल की वेदना सिधे वहाँ तक पहुंचती है मगर शर्त यह है कि दिल साफ और ईमानदारी से भरा होना चाहिए ।

सोमवार, 21 सितंबर 2020

अमीर

कुछ लोग सारी जिंदगी किसी के नहीं हो पाते 
कुछ लोग अजनबी को भी अपना बना लेते हैं ।
कुछ लोगों के पास सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं होता 
और कुछ लोगों के पास कुछ भी न होकर सब कुछ होता है क्यों कि ऐसे लोग दिल और दिमाग के बहुत अमीर होते हैं ।

रविवार, 20 सितंबर 2020

सपने

तुम्हारी हर चीज कैद की जा सकती है मगर तुम्हारी सोचो को इस दुनियां में कोई भी कैद नहीं कर सकता ।

अपने लिए सपने सभी संजोते हैं लेकिन 95% लोगों की पुरी जिंदगी कट जाती है लेकिन उनके सपने पूरे नहीं होते ।

1% ऐसे लोग हैं जिन्हें सपने देखने की जरुरत नहीं पडती क्यों कि उन्हें पैदा होने से पहले ही उनकी सोंचो से ज्यादा सब कुछ पहले ही बन चुका होता है ।

 1% ऐसे लोग हैं जिनके सपने में उनके अपनों का साथ होता है और ईश्वरीय सहायता भी प्राप्त होती है ।

1% ऐसे लोग हैं जिन्होंने धोखे से सब कुछ हासिल किये हुए होते हैं ।

2% ऐसे लोग हैं जो अपने सपने पूरे तो कर लेते हैं मगर         उसका सुख  और आनंद उनके किस्मत में नहीं होता मंजिल मिलते ही दुनियां छोड़ना पड़ता है ।

टोटल 5% लोग हुए जिनकी गिन्ती सफल व्यक्तियों में होती है बाकी के लोगों के सपने किसी के समझ में नहीं आते या लोग समझना नहीं चाहते या उसके ऊंचे खयालात और सोंचो से लोग मन ही मन जलन रखने लगते हैं ।
इस लिए साथ और सहयोग देने के बजाय हर मोड़ पर टांग खींचने के लिए अपनी पुरी उर्जा लगा देते हैं उन्हें इस बात की परवाह नहीं होती कि हर रहस्य का पर्दा एक दिन खुलता है ।
जीने के लिए किसी न किसी प्रकार के सपने का होना जरुरी है कम से कम इसी के रंगीन खयालों में लोग अपने ज़िन्दगी को आराम से या उसके आस पर काटते तो रहते हैं वरना बे मक़सद या बे वजह जिंदगी को काटना आसान नहीं बल्कि बे हद मुश्किल है ।
जो है उसे अपनाओ , जितना है उतने में अपने आप को संतुष्ट करना सीखो , इस बात को मानते हुए कि जो तुम्हारा है वो तुम्हारा ही रहेगा उससे कोई भी तुम्हें वंचित ( दुर ) नहीं कर सकता और जो तुम्हारा नहीं है वो सारी जिंदगी तुम्हारा नहीं होगा चाहे तुम कुछ भी कर ढालो ।

शनिवार, 19 सितंबर 2020

विरासत

उसके पास इतना था कि उसने पुर्खों की विरासत को रखा लिया , तुम्हारे पास तो भूजी भांग भी नहीं है कि तुम कोई विरासत को बचाओ तुम पेट की आग बुझाओगे की किसी की विरासत देखोगे  ।

शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

बेरोजगारी

बिमारी से भी बड़ी बिमारी है 
भूख , समस्या और बेरोजगारी  ।

कर्मकांड

दुनियां में आने से पहले आने के लिए कोई कर्मकांड नहीं है लेकिन दुनियां से जाने के बाद कई कर्मकांड किये जाते हैं ।
शायद इसी लिए कि सारी मोहमाया मिट जाए और यही होता भी है जब जो पास नहीं होता तो धीरे धीरे सांसारिक गतिविधियों में उलझ कर सब खत्म हो जाता है । ये अलग बात है कि कभी किसी ने कोई चर्चा छेड़ दी तो कुछ बातें याद आ जाती हैं मगर दिल और दिमाग के किसी कोने में यह बात तो रहती ही है कि अब वे इस दुनियां में नहीं रहे ।

गुरुवार, 17 सितंबर 2020

रिशी

ये दुनियां हमसे पहले भी थी और हमारे बाद भी रहेगी ।
हमसे पहले जैसी थी वैसी आज नहीं है और आज जैसी है वैसी आगे नहीं होगी ।
जो चले गये उन्हों ने आज के दौर को नहीं देखा हमारे जाने के बाद हम लौट कर कल के दौर को देखने नहीं आ पाएंगे हर चीज़ का अपना अलग दौर होता है ।
इसी दुनियां में एक ऐसा भी दौर था जब लोग दो तीन हजार साल तक रह कर गये उसके बाद सैकड़ों साल जीने वाले लोग भी आए और अब चालिस, पचास बहुत ज्यादा तो अस्सी साल तक जीने वालों का दौर चल रहा है । मैने एक कहानी पढी थी उसमें एक रिशी थे जो ताड़ के पेड़ के पत्ते जिसे डम्फा भी कहा जाता है उसी का छप्पर बना कर उसी में रह रहे थे । उसी रास्ते से एक दूसरे रिशी कही जा रहे थे जब उनकी नजर उस छप्पर पर पड़ी तो वो छप्पर के पास गये उन्होंने देखा एक आदमी उसमें सो रहा था ।
रिशी के खांसने पर पहले रिशी जो सो रहे थे वे आहट पाकर उठ कर बैठ गये देखा सामने कोई आदमी खड़ा है तुरंत ही उन्हें बैठने को कहा फिर उन्हें पानी पिलाया पानी पी लेने के बाद इन्हों ने कहा कि आप इस पत्ते की जगह एक छोटा सा घर क्यूँ नहीं बना लेते तो रिशी ने कहा कि मैं डेढ हजार साल इसी पत्ते के नीचे गुजार चुका हूँ और अब बचे हुए डेढ हजार साल में क्या होगा इसे छोड़ कर जाना ही होगा अगर पांच दस हजार साल की जिंदगी होती तो कुछ सोंचता खैर आप बताओ आप का घर कहां हैं ?
इस बात पर आने वाले रिशी ने कहा कि मैं तो दो हजार साल से सिर्फ इस पृथ्वी पर घूम रहा हूँ पेड़ों के नीचे रात गुजार लेता हूँ सोचा कहीं स्थाई आप की तरह ठहर जाऊं मगर अब एक हजार साल के लिये क्या रुकूं इसे भी शैर कर के गुजार दुंगा यह कहते हुए खड़े हो गये चलते वक़्त उन्होंने कहा कि इस एक हजार साल में आगर इधर से फिर गुजरना हुआ तो जरूर मिलुंगा। 
अब सोंचिए कि तीन हजार साल की उमर उन लोगों के लिए कुछ भी नहीं थी जिसकी वजह से उन लोगों ने कुछ भी नहीं बनाया और आज आप की उमर कितनी हो सकती है ये आप को एहसास है और इतनी ही उमर में आप को सब कुछ चाहिए भले ही सारी उमर अपनी इच्छाओं को मारना पड़े ।

बुधवार, 16 सितंबर 2020

मीडिया

फेसबुक , यूट्युब , ट्वीटर , इंस्टाग्राम , ब्लॉग आदि इत्यादि ये सब सोशल मीडिया है ।
इसपर सिर्फ एकाउंट या चैनल बना लेने से ही काम नहीं होत । सबसे पहले आप इस बत को सोंच ले कि आप किस मक़सद से आना चाहते हैं ।
समाज को अपने विचारों से एक नयी दिशा देना चाहते हैं समाज से कुछ सीखना चाहते हैं या समाज को भ्रमित कर के गंदा करना चाहते हैं ।
हर प्लेटफार्म पर लोग हैं और हर तरह के लोग हैं और सबको कुछ न कुछ बोलना है , कुछ न कुछ कहना है या कुछ न कुछ तो दिखाना ही है । 
हम क्या कर रहे हैं यह सही है या गलत कितने लोग देखते हैं इसका एक्सन रिएक्शन क्या है शायद इससे कुछ न लेना देना है और न कोई मतलब बस लगे पड़े हैं । यूटियुब पर भी बहुत सारे लोग हैं जो किसी न किसी चीज की जानकारी देने आते हैं कुछ दिन रहते हैं फिर अचानक गायब हो जाते हैं । कुछ लोग ऐसे भी हैं कि पुरी पुरी सीरीज दिखाते हैं जिसे स्टेप बाई स्टेप दो तीन विडियो में समझाया जा सकता है मगर समय खींचना पन्द्रह से बीस या और ज्यादा विडियो दिखवाने के बाद भी वे टिप्स एण्ड ट्रिक्स पुरे सही नहीं साबित होते विवर्स को दुखी होना पड़ता है ।
कुछ लोग अपनी विडियो को बूम कराने के लिए टाईटल कुछ और देते हैं अंदर मामले कुछ और होते हैं ।
ज्यादा दिन ऐसे लोग भी नहीं टिकते । कुछ ऐसे भी युट्युबर हैं जो टिप्स ऐन्ड ट्रिक्स या टेक्नीकल पर जानकारियां तो देते हैं मगर शायद वो प्रैक्टिकल में नहीं होते हैं ।
जानकारियां तो दे देते हैं मगर जब कोई उसे प्रैक्टिकल में लेता है तो कहीं न कहीं कोई न कोई प्राब्लम आ ही जाती है । जिसके समाधान के लिए बहुत सारे लोगों की विडियोज देखनी पड़ती हैं । हर रोज हर प्लेटफार्म पर लोग आ रहे हैं । हो सकता है कोई प्रैक्टिकल किया हुआ आए और सही जानकारी दे, वही टिकेगा जो सही होगा जिससे लोगों कि समस्याएं हल होंगी ।

सोमवार, 14 सितंबर 2020

शिकार

सुख औ दुख , बिमारी और मौत , अमिरी और गरीबी ये 
ऐसी सच्चाई हैं कि जिससे इनकार नहीं किया जा सकता हर आदमी इनमें किसी न किसी का शिकार तो होता ही है अंत में जब मौत का शिकार होता है तो जिंदगी की पूरी कहानी ही मिन्टों में समाप्त हो जाती है ।
अचरज की बात तो ये है कि जब इसमें से कोई भी चीज आती है तो अचानक आ जाती है ।
कभी यह नहीं कहती कि मैं आ रही हूं ।

शनिवार, 12 सितंबर 2020

जिंदगी

हर आदमी की अपनी जिंदगी है ।
कोई अभाव में जीता है ।
कोई प्रभाव में जीता है ।
कोई दबाव में जीता है ।
कोई अपने स्वभाव में जीता है । जीते तो सभी हैं। 
कोई अपने लिए जीता है तो कोई अपनों के लिए जीता है ।
जिंदगी का फलसफा ही बहुत अजीब है ।
देखने का नजरिया और सुनने का नजरिया भी अलग अलग   है । ज्यादा तर लोग ऐसे भी हैं कि उन्हें अपनी या अपने लोगों की कोई चिंता परवाह नहीं होती बल्कि दूसरों का चक्कर ज्यादा रहता है ।
जब की अपने बारे में अगर वक़्त निकाल कर सोचे तो हम कहां हैं और हमारा दाइत्व क्या है बखुबी समझ आएगा मगर इसकी भी परवाह नहीं ।
छीटा कशी तो अक्सर लोग करते रहते हैं मगर किसने क्या किया ? क्यों किया ? जब उसके तह में जाकर देखेंगे तो यही जवाब मिलता है कि जो हुआ वह ठीक ही हुआ ।
बिना किसी को समझे खुद अपने आप से मनगढंत हल नहीं निकाल लेना चाहिए ।
इस दुनियां में आने वाला हर आदमी वही करता है जो उसके भाग्य में लिखा हुआ है । भाग्य से अधिक या कम कोई चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता ।