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शनिवार, 7 नवंबर 2020

कोई जब दिल से निकल जाता है ( मेरा विचार )

कोई जब दुनियां से चला जाता है तो दुनियां मिट नहीं जाती ये दुनियां उसके लिए मिट जाती जो दुनियां से चला गया ।
जब कोई घर छोड़ कर चला जाता है तो घर गिर नहीं जाता जाने वाला इस विशाल दुनियां के किसी कोने में अजनबी बन कर जिंदगी गुजारता है मगर जो घर में रह जाता है उसे उसकी यादें , कुछ बातें रह जाती हैं जो धीरे धीरे वक़्त के साथ मिट जाती हैं ।
जब कोई दिल से निकल जाता है तो निकलने वाला और निकालने वाला दोनों को अपने सोच के मुताबिक जिंदगी जीने का रास्ता मिल जाता है कोई किसी के लिए मर नहीं जाता , मरना इतना आसान नहीं है मरने का एक वक़्त तै है जब वो वक्त आ जाएगा तो फिर कोई इस दुनियां में तुम्हें रोक भी नहीं सकता। 
किसी के होने से जीना और किसी के न होने से मरना इसमें सच्चाई है मगर ऐसा सिर्फ 5% लोगों के साथ हुआ है और होता भी है मगर सबके साथ नहीं ।
इस दुनियां वालों ने मुहब्बत के नाम पर कितनों कि जिंदगियां बर्बाद कर दी , इस दुनियां वालों ने अपने पन का नाटक कर के न जाने कितनों के अधिकार और सपनों को छीन लिया, इस दुनियां वालों ने अपने स्वार्थ के लिए क्या क्या नहीं किया ।
इस बहुरंगी दुनियां में कब किसके साथ क्या होगा या हो जाए इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है ।
मै आप को बहका नहीं रहा हूँ और न भ्रमित कर रहा हूँ 
कभी जब फुर्सत के वक़्त मिले तो आराम से लेट कर इस दुनियां और दुनियां वालों के बारे में अपने दिल से पूछना दिल सारी सच्चाई सामने ला कर रख देगा मगर फर्क सिर्फ इतना है कि आज हम हकीकत का सामना नहीं कर पाते और न करना चाहते हैं सिर्फ दिमाग लगाने पर विश्वास करते हैं ।

शुक्रवार, 6 नवंबर 2020

ज़हर का प्याला

आप के कुछ हल्के से स्पर्श ....... ।
आप के कुछ अन कहे जवाब ..... ।
मेरी आँखों से आप की आंखों का न मिला पाना ।
कभी धीरे से चेहरे का उठना ......... ।
कभी चुपके से पल्कों को उठा कर झांकना ।
कभी अपने हसीन चेहरे को झुकाए ..... ।
अपने दातों से गुलाबी होंठ के पहले परत को काटना ।
और मोंती जैसे दांतों के बीच से गदाये हुए होंठों का
बार बार छलकना ......... । और बहुत सारी बातें .... ।
जो आप के दिल से निकल कर मेरे दिल में आ कर ठहरी हुई हैं  , जिसे न कभी भूल सकता हूँ और
न किसी से कह सकता हूँ ।
न जाने क्यूँ आप की सिर्फ एक याद ने
मेरी पुरी रात की नींद चुरा गयी ।
क्या करुं एक एक पल एक एक सदी ।
एक एक जनम लेने जैसा लगता है ।
वो चांदनी रात जब छत से उतर कर .... ।
बगल वाले झील के शाहिल से बधी नाव ।
और सारी रात नाव में लेटे ....... ।
तुम चांद को ताकती और मैं चांद जैसे तुम्हारे चेहरे को ।
उफ ! अब ऐसे में कोई धुंधला चांद मेरे सामने आए ।
जिसके करीब काले बादलों का साया हो और
वो अपने पुरजोर कोशिश से तुम्हें ढंक कर अपने अंदर
समा लेना चाहता हों, ये कभी मुझसे गवारा नहीं होगा ।
अब तो ज़िंदा रहने के सिर्फ़ दो ही रास्ते हैं ।
या तो मुझे ज़हर का प्याला दे दो ...... ।
या फिर हमेशा के लिए अपनी पनाह में ले लो ।
तुम्हारे बगैर मैं खुद को लावारिश और अनाथ 
महसूस करने लगा हूँ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ।

गुरुवार, 5 नवंबर 2020

मोटिवेशन का मतलब क्या है ?

मोटिवेशन का मतलब क्या है ?
अपनी बातों से किसी को इतना उत्साहित कर देना कि वो हर बात मानने को तैयार हो जाए और अपनी पुरी उर्जा के साथ लग जाये। अगर इसको ठेठ और प्रचलित शब्द में कहा जाए तो इसे कहते हैं किसी को भी अपनी बातों में लपेट लेना और इतनी चालाकी से कि सामने वाले को यह जरा भी एहसास न हो कि उसे लपेटा जा रहा है ।
अपनी लच्छेदार बातों से उसके अंदर इतना उर्जा भर देना कि वो जरुरत से ज्यादा एनरजेटिक हो जाए ताकी न किसी कि बात सुने और न मानने को तैयार हो ।
मुझे बार बार यह एहसास होता है कि जितने भी मोटिवेश्नल स्पीकर हैं शायद वो प्रैक्टिकल में नहीं हैं ऐसी ऐसी बातें बोल जाते हैं कि जरा भी एहसासमंद आदमी हो तो उसे घृणा हो जाएगी उसे यह एहसास हो जाता है कि ये जरुरत से ज्यादा बोल रहा है जो दिल और दिमाग के बजाय सर के ऊपर से गुजर जाती है । यह स्पष्ट साबित हो जाता है कि ये आदमी यहां बैठे हजारों या सैकड़ों लोगों को लपेट रहा है ।
खैर वास्तविकता पर दिये गये वक्तव्य को सुन कर सोचा जा सकता है लेकिन जब लोग मोटिवेट करते वक़्त ओवर कान्फिडेन्स में चले जाते हैं तो उस वक़्त और भी ज्यादा तालियां लोगों के द्वारा मिलती है ।
मगर पता नहीं क्यूँ मुझे इन लोगों की बातों में कोई इंट्रेस्ट नहीं क्यों कि मैं जानता हूँ कि ये लोग लोगों को लपेटने के माहिर हैं और लोगों को लपेटने का दो चार लाख रुपये घंटा भी लेते हैं । सुना है कि अब तो इसकी ट्रेनिंग और कोर्स भी होने लगा है ।
जब कोई जमीन से उठ कर जिंदगी से संघर्ष करता हुआ किसी ऊंचे मुकाम को हासिल करता है फिर अपने संघर्षों और विचारों को बताते हुए जब कोई नयी राह दिखाता है तो मैं प्रभावित होता हूं और ऐसे लोगों कि कही हुई बातों के एक एक शब्दों में मैं डूब कर सोंचने पर मजबूर हो जाता हूँ क्यों कि ऐसे लोगों की बातों में हकीकत होती है जो लोगों को प्रेरित करती है ऐसे लोग न किसी के बातों में लपेटाते हैं और न ही किसी को लपेटते हैं प्रमाण के साथ हकीकत सामने लाकर रख देते हैं ।

मंगलवार, 3 नवंबर 2020

हमने तो ये समझा था

दिल तोड़ के जाना था तो आये ही नहीं होते ।
मुह मोड़ के जाना था तो आये ही नहीं होते ।।

राहें हैं बहुत उल्झी मंजिल का निशां गुम है ।
कश्ती है तलातुम में साहिल का निशान गुम है ।।
यूं छोड़ा के जाना था तो आये ही नहीं होते ।
दिल तोड़ के जाना था .............................।।

जो प्यार के राही हैं दुनियां से नहीं डरते ।
अंजाम हो जैसा भी परवाह नहीं करते।। 
गर ख़ौफे़ जमाना था तो आये ही नहीं होते ।
दिल तोड़ के जाना था ...........................।।

हमने तो ये समझा था तुम फूल बिछाओगे ।
हर हाल में हर वादा तुम अपना निभाओगे ।।
कांटा ही चुभाना था तो आये ही नहीं होते ।
दिल तोड़ के जाना था ..........................।।

जावेद की ये आदत है हर हाल में खुश रहना ।
हंस हंस के ज़माने का हर जुल्मों सितम सहना ।।
मुझको ही रुलाना था तो आये ही नहीं होते ।
दिल तोड़ के जाना था ...............................।।

रविवार, 1 नवंबर 2020

मर्दानगी

मर्द को क्या पता अपनी मर्दानगी का, मर्द की मर्दानगी को औरत जानती है ।
जिस दिन औरत अपने औरतपन पर उतर जाएगी उस दिन से भारत में बलात्कार की घटना तो दूर बलात्कारी ढूढने से भी नहीं मिलेंगे,, बस इनके जागने की जरूरत है ।

शनिवार, 31 अक्टूबर 2020

सोंचने पर मजबूर

इस दुनियां में ऐसे लोग भी आते हैं । जो सोंचने पर मजबूर कर देने वाले सनकी, दिवाने और जुनूनी हैं । जो अपनी चाहतों को पुरा करने के लिए अपनी जान भी दे देते हैं । और जान ले भी लेते हैं ।

जीतने का सिस्टम

पैसे से चुनाव जीतने का सिस्टम अलग होता है ।
फटी पाकेट वाले के जीतने का सिस्टम अलग होता है ।
इससे ज्यादा विस्तार में कहना मैं उचित नहीं समझता क्यों कि आप से बड़ा राजनीत का खिलाड़ी और कौन हो सकता है । अब घर जा कर फुर्सत से बैठो और यह सोचो कि आप कौन से सिस्टम से जीतना चाहते हैं ।

बचपन की यादें

बचपन की यादें नौजवानी में हंसाती हैं और नौजवानी की यादें बुढ़ापे में रुलाती हैं ।

शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2020

चेन सिस्टम

रोटी , सब्जी , दाल , चावल ये चार चीजें आप को तीनों टाईम चाहिए चाहे आप झोंपड़ी में हों या महल में ।
ये कैसे मिलेंगी ?
और कहाँ से आती हैं ?
इसको स्वदिस्ट तरीके से तैयार करने के लिए आप को 
मसाले की जरूरत पड़ती है ।
मसाले कैसे और कहाँ से आएंगे ?
तीसरा मामला कपड़े का हे ।
चौथा मामला दवाई का है ।
पांचवां मामला शिक्षा का है ।
छठवाँ मामला रोजगार का है ।
सातवां मामला आलीशान बंगले का है। 
आठवां मामला उस बंगले में अपने सहूलियतों के हर सामान को जुटाने का है ।
ये सभी पैसों पर आधारित हैं ।
अब उपरोक्त सभी चीजों को हासिल करने के लिए आप को मोटा पैसा चाहिए ।
इसका रास्ता अगर आप खुद बनाते हैं तो आप अपने अनुसार निर्धारित समय पर सब हासिल कर सकते हैं ।
अगर किसी चेन सिस्टम का हिस्सा बन कर हासिल करना चाहते हैं तो सबसे पहले उसे सब हासिल होगा जिसने चेन सिस्टम को बनाया है । उसके बाद आप के सपने हासिल होंगे ।
पंचनबे परसेन्ट लोग चेन सिस्टम को बनाने वाले को उसके लछ्य से ज्यादा हासिल करवा देते हैं और जब अपना नम्बर आता है तो खुद टूट जाते हैं ।
या पुरा सिस्टम ही बंद हो जाता है ।
इससे बेहतर है कि आप जितनी मेहनत किसी और के लिए करने में अपने समय का नुकसान करते हैं उपर से इनकम के उम्मीद पर कर्जदार भी हो जाते हैं ।
उसी गुड सुत्र पर आप खुद के लिए लोगों को हासिल करें और प्राथमिक आवश्यकताओं से शुरू करें। 
जिसकी इन चेन सिस्टमों में लगे तमाम लोगों को जरुरत है। 

गुरुवार, 29 अक्टूबर 2020

पैसे के लिए

पैसे के लिए जो तुमने कर ढाला काश तुम इसे समझ पाते ।
अगर जरा भी अपनों के बारे में सोचे होते तो तुम्हारे करनी पर आज मुझे शर्मिंदा नहीं होना पड़ता ।
तुम्हें मैं क्या समझु , मेरी समझ से बाहर होते जा रहे हो ।