hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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गुरुवार, 2 नवंबर 2023
तड़प - तड़प कर
मंगलवार, 31 अक्टूबर 2023
सच्चाई कहीं रक्खी हुई नहीं है ।
सच्चाई कहीं रक्खी हुई नहीं है ।
कि जब चाहें आप उसे खरीद लें ।
सच्चाई तो सिर्फ आप के दिल में है ।
झूठ को कहीं से सीखने की जरूरत नहीं पड़ती ।
झूठ तुमको , तुम्हारी जरुरतें सिखा देती हैं ।
तुम्हारी जरुरतों ने झूठ को इतना बढ़ा दिया है ।
कि अब हर पल तुम्हारी जिंदगी ,
सिर्फ झूठ के बल पर ही कट रही है ।
यही वजह है कि सच के एक भी अल्फाज़ , अब
तुम्हें अपने जुबान पर लाने में अपराध जैसे लगते हैं ।
रविवार, 29 अक्टूबर 2023
परंपराएं
धार्मिक परंपराओं को जड़ से मिटाने का प्रयास करने वाले लोग भी हैं , और धार्मिक परंपराओं को क़ायम रखने वाले लोग भी हैं ।
जो धार्मिक परंपराएं सदियों से और कई पुस्तों से चली आ रहीं हैं । उन धार्मिक परंपराओं में किसी भी प्रकार या माध्यम से छेड़छाड़ करना उचित नहीं है । अपनी - अपनी आस्थाओं , मान्यताओं और परंपराओं के मुताबिक जो जैसे ख़ुश हैं । उसमें उन्हें ख़ुश रहने दिया जाना चाहिए ।
इसके अलावा आज के परिवेश में कुछ एैसी भी धार्मिक और सामाजिक परंपराएं उत्पन्न हो रही हैं , कि जिनकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी ।
शनिवार, 28 अक्टूबर 2023
स्वतंत्र यूनिवर्सिटी
इस दुनियां से बड़ी यूनिवर्सिटी कहीं नहीं है ।
यहां स्कूल , कालेज और यूनिवर्सिटीयों जैसी पढ़ाई करने के लिए कहीं भी जाने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है । यहां लिखने और पढ़ने की भी , कभी कोई जरूरत नहीं होती है ।
यहां की शिक्षा अमीर लोगों की नक़ल करना है । नौजवान से लेकर बूढ़े तक और ग़रीब से लेकर अमीर तक के सभी लोगों के लेक्चर को सुनना पड़ता है । निडर होकर बेबाक अंदाज में बात करना पड़ता है । इसी बीच अपने जीविकोपार्जन के लिए कड़े परिश्रमों से भी गुजरना पड़ता है ।
अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वयंम के विचारों में बहुत गहराई तक डूबना ही ज्यादा उपयोगी होता है ।
इसी यूनिवर्सिटी से निकले हुए छोटे , बड़े प्रोफेसर लोग देश चलाते हैं ।
जो लोग डिग्री के बल पर सर्वोच्च पदों को प्राप्त करते हैं । वे लोग भी स्वतंत्र यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों के गुलाम होते हैं ।
जरुरत पड़ने पर स्वतंत्र युनिवर्सिटी के प्रोफेसर डिग्री धारी अधिकारियों की डिग्रियों को उनके मुंह पर मार देते है ।
गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023
शोषण और छल
जब कोई अकेली लड़की या औरत अपनी संभावनाओं को तलाशने के लिए घर से निकलती है , तो वह शोषण का शिकार बनती है ।
जब कोई लड़का या मर्द अकेले अपनी संभावनाओं को तलाशने के लिए घर से निकलते हैं , तो वह छल का शिकार होते हैं ।
दोनों पक्षों में कोई सुरक्षित नहीं है ।
जिंदगी में कभी न कभी । किसी न किसी मोड़ पर उपरोक्त का शिकार तो होना ही है ।
शोषण और छल करने वाले किसी दूसरे ग्रह या गोले से नहीं आते हैं । यह लोग इसी धरती पर हमारे समाज में , हमारे आस-पास ही , अपने शिकार की तलाश में लगे रहते हैं ।
सोमवार, 23 अक्टूबर 2023
सारांश
शनिवार, 21 अक्टूबर 2023
सोशल मीडिया पर पेज और चैनल
पैसा कमाने के लिए कभी-कभी वह उस हद से भी गुजर जाता है ।
जिसके लिए उसका दिल कभी गवारा नहीं करता ।
आप के जिंदगी में क्या प्राब्लम है ?
कैसी घुटन है ?
कैसा दर्द है ?
इस मामले में मैं कोई चर्चा नहीं करुंगा क्यों कि यह आप सभी लोगों का अपना - अपना निजी मामला है । मतलब यह है कि पुरे समाज में सभी के अपने - अपने तरीके हैं , जिसके मुताबिक सुख और दुःख हैं ।
सभी के सीनों में एक दर्द है । एक सपने हैं , जिसे पूरा करने की चाहत और दर्द एवं घुटन से उसे दूर होने की उम्मीदें दबी पड़ी हैं । इस लिए इस टापिक को छोड़ता हूं ।
पैसा कमाने के लिए अब सोशल मीडिया भी अवसर दे रही है और बहुत सारे लोग हैं , जो अच्छी-खासी इनकम भी करते हैं ।
वाट्सएप , फेसबुक , इंस्टाग्राम , टेलीग्राम , स्नैपचैट ,
ट्विटर , यूट्यूब इत्यादि ।
कहीं भी जा कर अपना एकाउंट बना लीजिए और अपने अनुभव , अपने टैलेंट के अनुसार काम करिए ।
आप से एक बार सिर्फ एकाउंट वेरिफिकेशन किया जाता है । जिससे पता चल सके कि कोई और नहीं बल्कि एकाउंट क्रिएट करने वाले आप ही है ।
आप के किसी पोस्ट पर एप्रुवल लेने की जरूरत नहीं पड़ती यही कारण है कि आज जितनी भी सोशल साईटें हैं सभी में करोड़ों से उपर लोग हैं ।
फेसबुक में आप को पेज़ और ग्रूप बनाने का विकल्प दिया जाता है और लोग बनाते भी हैं ।
कुछ ग्रूप ऐसे हैं , जिसमें ज्वाइन करने पर मेम्बर बना दिया जाता है । आप के पोस्ट को एप्रूवल की कोई आवश्यकता नहीं होती ।
जैसे फेसबुक पर पोस्ट करते ही पब्लिक में शो होती है वैसे ही ग्रूप में भी शो होती है ।
यही कारण है कि उन ग्रूपों में भी लाखों और करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं ।
अगर आप ने कोई ग्रूप बनाया है , तो अपनी शर्तों को पहले ही बताएं , जिससे जुड़ने वाले लोग आप की शर्तों के मुताबिक जुड़ सकें ।
हर पोस्ट पर एप्रूवल जरुरी है , और एडमिन जिसकी पोस्ट को चाहे एप्रूफ दे कर पोस्ट करें , जिसकी पोस्ट को चाहें पेंडिंग में डाल कर न करें ।
ऐसी परिस्थितियों में ग्रूप ग्रो कैसे करेगा और ज्यादा से ज्यादा लोग कैसे जुड़ सकेंगे ।
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जुड़े हुए लोग ग्रूप को छोड़ने लगते हैं , और अगर पड़े भी रहते हैं तो कोई पोस्ट नहीं करते । अगर कोई नोटिफिकेशन आता भी है तो उसे देखने के बजाय स्क्रीन पर से ही स्कीप कर के हटा दिया जाता है ।
मेरे कहने का उद्देश्य मात्र इतना ही है कि कोई भी ग्रूप बनाएं तो उसमें आप कैसी पोस्ट चाहते हैं । अपने नीयम और शर्तों को बता दें , जिससे जुड़ने वाले लोग अपनी हद में पोस्ट और कमेन्ट कर सकें , यदि कोई अभद्रता करता है , तो उसे नोटिस करें उसपर भी न माने तो एकाउंट ब्लॉक कर दें ।
लेकिन ग्रूप या चैनल जो कुछ भी हो उसमें जुड़ने वाले लोग अपने विचारों को , अपने लेखों को , अपने कलाओं को , सीधे प्रस्तुत करने का मौका प्राप्त कर सकें । एप्रूवल वाले मामले में जब ज्यादा लोग जुड़े होते हैं , तो एडमिन को इतना समय भी नहीं मिलता कि वह यह देख सकें कि कौन सी पोस्ट एप्रूफ हो चुकी है और कौन सी पोस्ट अभी पेंडिंग में पड़ी हुई है ।
प्लेटफार्म स्वतंत्र होना चाहिए जब फेसबुक , इंस्टाग्राम टेलीग्राम , स्नैपचैट आदि ने एप्रूवल की सीमा को हटा चुकीं हैं , जिसका परिणाम दुनियां के सामने है । आज़ ये मिडिया उस मुकाम पर हैं , कि जहां हम और आप भी उन्हीं के प्लेटफार्म पर काम करते हैं । हमारा या आप का कोई पर्सनल एप या सोशल मीडिया का कोई साईट नहीं है।
संक्षिप्त में इतना ही काफी है । आगे आप के पेज़ हैं । आप का चैनल है । आप का विचार है , और आप की मर्जी है ।
शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023
इस दुनियां में
मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023
सामान के बदले सामान
शनिवार, 23 सितंबर 2023
अपराध क्यों ? और किसके लिए ?
तुमने पैदा हुए बच्चे को भी देखा है ।
तुमने बच्चे को दौड़ते खेलते हुए भी देखा है ।
तुमने नौजवानों को भी देखा है ।
तुमने बीमार को भी देखा है ।
तुमने बुढ़े हुए लोगों को भी देखा है ।
तुमने मरे हुए लोगों को भी देखा है ।
तुमने हर परिस्थितियों में
विभिन्न प्रकार के लोगों को भी देखा है ।
जब यह साबित हो गया है कि
यहां कोई भी ज़िंदा नहीं रहेगा ।
आदमी से लेकर जानवर तक ।
पेड़ से लेकर पहाड़ तक ।
सब को एक दिन मरना ही है ।
तो फ़िर तरह - तरह के अपराध क्यों ?
और किसके लिए ?
परिस्थितियां हमेसा एक जैसी नहीं होती हैं ।
कभी तुम अपने लिए जीते हो ।
कभी अपनों के लिए जीते हो ।
कभी औरों के लिए जीते हो ।
कोई भी परिस्थिति यह कभी नहीं कहती है कि
तुम अपराध करो ।
चाहे अपने लिए हो ...... ।
अपनों के लिए हो या औरों के लिए हो ।
तुमने अगर किसी के लिए भी अपराध किया है ।
तो उसके भागीदार , उसकी जवाबदेही और उसका पाप , पुन्य , दंड से उन लोगों का कोई मतलब और सरोकार नहीं है ।
सारी चीजें तुम्हीं पर आएंगी ।
इस दुनियां से जाने के पहले तीन चीजें होती हैं ।
1 - अपने अपराध के द्वारा जुटाई गई सारी चल अचल संपत्ति या तो किसी को देकर जाओगे ।
2 - या तो छोड़ कर जाओगे ।
3 - या तो मिटा कर जाओगे ।
यह सब यही पर बट कर बिखर जाने वाली है ।
यहां से कुछ भी साथ में लेकर जाने का कोई भी रास्ता नहीं है ।
दुनियां से कैसे जाता है आदमी यह भी तुमने देखा है ।
तुम्हें बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है ।
इस दुनियां में हर लोग अपनी - अपनी किस्मत लेकर आते हैं और उसी के मुताबिक जीते हैं , फिर चले जाते हैं । हां इतना जरूर कहूंगा कि तुम्हारे माध्यम से इस दुनियां में जो आया है , उसकी जिम्मेदारियां तब तक तुम्हारे उपर हैं । जब-तक की वो अपने पैरों पर खड़ा न हो जाए ।
तुम जब-तक जिंदा हो तब तक जो ज़िम्मेदारियां तुम्हारी बनती हैं , उसे जायज़ तरीके से पुरा करने की कोशिश करो ।
यह ख्याल रहे कि इसमें कोई भी क़दम ऐसा नहीं होना चाहिए कि जो नाजायज और अपराधिक तरीके से हों ।