जो अजनबी हैं उनसे हम अनजान हैं । जिन्हें हम नहीं जानते उन्हीं को लोग पराया कहते हैं । लेकिन कभी कभी वो भी करना पड़ता है जिसे करने के लिए आत्मा कभी नहीं चाहती और ये तभी करना पड़ता है जब अपने मजबूर करे या अपनों को खुश करना हो।
hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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मंगलवार, 30 जून 2020
रविवार, 28 जून 2020
पराया
कोई तुम्हें भूलता है , छोड़ता है या पराया हो जाता है तो
तुम्हें इन चीजों से घबराने की जरूरत नहीं है । तुम इमानदारी से अपने कर्त्तव्य निभाते रहो क्यों कि ये सारी
सांसारिक चीज़ें हैं किसी के भूलने पराये होने या छोड़ने
से क्या होगा जब की एक दिन तुम्हें दुनियां ही छोड़ देना है ।
शनिवार, 27 जून 2020
कलाकार
कला की मंडी में प्रवेश करने के बाद कला से पहले
कलाकार को बिकना पड़ता है उसके बाद कला बिकती है ।
शुक्रवार, 26 जून 2020
जलन
हर रिश्ते में नोक झोंक, उतार चढाव, सुख दुःख आते जाते रहते हैं जिसे भूल , गलती और गलत फ़हमी माना जा सकता है मगर जब कोई भूल या गलती बार बार दोहराई जाए तब वो भूल और गलती नहीं होती बल्कि जलन और नफरत होती है जिसे भूल और गलती का नाम दिया जाता है इससे वैसे ही निपटो जैसे सामने वाला पेश आता है ।
शनिवार, 20 जून 2020
नज़रीया
मैने कभी भी किसी के भी प्रति अपने नजरिए को कभी नहीं बदला लेकिन हां मुझे ये अच्छी तरह से एहसास होता है कि मेरे लिए लोगों के नजरिए जरूर बदल गये हैं ।
शनिवार, 13 जून 2020
जरूरतें
अगर औरत घर की मालिक है उसे ही बाजार करना है
खाने की सारी जरुरते उसे ही खरीदना है आप को सिर्फ
पैसे देना है घर चलाने के लिए तो आप उसे अपनी
पसंद ना पसंद पहले ही बता दे ताकी वो आप के पसंद
की चीजों को बना कर परोस सके।
शुक्रवार, 12 जून 2020
बैंक
एक ही चीज की कई दुकानें हैं । जब आप को जिस दुकानदार का व्यवहार अच्छा न लगे तो तुरंत उस दुकान को छोड़ देना और कोई दूसरी दुकान पकड़ लेना।
जिस आदमी का व्यवहार तुम्हारे लिए अच्छा न हो और वो पीठ पीछे आप की बुराई करता हो तो उससे अपने सारे संबंध तत्काल खतम कर लें इसी में आप की भलाई है। जिस बैंक में आप का एकाउंट है उस बैंक के आप एक ग्राहक हैं हर प्रकार की सुविधा पाना और जानकारी लेना आप का अधिकार है । अपना ही पैसा जमा कर के आप को दिक्कत उठानी पड़े और आप को ध्यान न दिया जाय, कर्मचारियों का व्यवहार आप के प्रति अच्छा न हो तो आप अपने आप को मजबूर न समझें।
आप अपना और अपने सभी परचितों को समझाकर उस बैंक से खाता बंद कर दें।
किसी दूसरे बैंक में खाता खोलें क्यों कि आप को रिसपांस देना उनका काम है न कि आप का आप कभी भी किसी भी कर्मचारि के दबाव में ना रहें और ना ही किसी दुर्व्यवहार को सहें । आप स्वतंत्रता पूर्वक जीने की कोशिश करें टेन्शन न लें और न टेन्शन का कोई काम करें। जितना महत्वपूर्ण वे आप के लिए हैं उससे ज्यादा महत्वपूर्ण आप उनके लिए हैं आप उनसे नहीं जीते लेकिन वे आप से जीते हैं ।
किसी भी दुकान या संस्था जो लोगों से चलती है उसका
कारोबार ग्राहकों पर निर्भर करता है अगर ग्राहक हटादो
तो कारोबार खतम हो जाएगा ।
गुरुवार, 11 जून 2020
खाना
अगर घर आप को चलाना है । घर की सारी जरूरतों को
आप को पुरा करना है तो कभी भी खाने के समय अपनी
डिमांड मत रखना जो लावोगे वही खाने में पावोगे ।
शुक्रवार, 5 जून 2020
बारात
किसी बारात में जा कर या बारात से आ कर यह मत कहना कि ये नहीं खिलाया या वो नहीं खिलाया या खाना खराब था। ये बात आप उससे ही कहें जो आप को बारात ले गया था क्यों कि ये मामले लड़की और लड़के के बीच की होती है आप को कोई खाने का मीनू नहीं भेजता है और न तो आप के बारात में बहुचने पर कोई मीनू मिलता है कि आप अपने पसंद के खाने के अनुसार जगह पकड़ें।
आप एक गवाह के तौर पर ले जाए जाते हैं ताकि आप बता सकें कि मैं फलां की बारात गया था ।
इस लिए जो मिले उसे प्रेम से खाएं कभी बुराई न करें ।
गुरुवार, 4 जून 2020
कीमत
अब दाम बेदाम होता जा रहा है । मनमाने कीमत लेने की होड़ सी मच गयी है । मैने एक टैक्सी ड्राइवर से पूछा कि पैसेन्जर कब से ढोना शुरू करेंगे तो बोला,
क्या पैसेन्जर ढोंएं सर सिर्फ तीन सवारी ही लेकर चल
सकते हैं । मैने पूछा किराया क्या है । तो बोला की
धुरियापार से गोरखपुर नार्मल तक का 300 रुपये उरूवा बाजार से गोरखपुर नार्मल तक का 300 रुपये
जब की ये दूरी सिर्फ 45 किलोमीटर की है ।
एक महोदय से खड़ी हल्दी सूखी वाली पूछा तो
120 रुपये किलो बताया।
एक महोदय से पूछा तो 80 रुपये किलो बताए।
चीनी कोई 35 रुपये में दे रहा है , तो कोई 40 रुपये में ।
ढाई सौ के कपड़े साढे पांच से छव सौ तक में दिये जा रहे हैं यानी जो जितना मौके का फायदा उठा सकता है उठा रहा है । जब की सारे आईटम पुराने स्टाक के ही हैं। आप की मजबूरी है कि अपने आवश्यकताओं की चीजों
को खरीदना मगर ये आशा न करें कि आप को कोई भी चीज मुनासिब दाम पर मिल सकेगी ।
खैर जीना है तो आप हर कीमत अदा करने के लिए तैयार
रहें।
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