hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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सोमवार, 30 नवंबर 2020
मैं तुम्हें बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा
जिंदादिली से मर जाना मैं बर्दाश्त कर लुंगा , लेकिन जिस दिन तुम्हारा ज़मीर मर गया , उस दिन मैं तुम्हें बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा , उस दिन से तुम मेरे लिए ज़िंदा लाश की तरह ही नज़र आओगे ।
रविवार, 29 नवंबर 2020
पहचान की गहराई तक उतरना
पहचान हो जाना , पहचान बनाना और पहचान की गहराई तक उतरना ये तीन मामले हैं ।
1- पहचान हो जाना -
आप जिस जगह पर रहते हैं वहां हालात और जरूरतों के मुताबिक लोगों से पहचान हो जाती हैं जैसे -
किराने की दुकान वाले , शब्जी वाले , दूध वाले , चाय वाले पान वाले , मैडिकल स्टोर , वस्त्रालय वाले , फल वाले, जूता चप्पल के विक्रेता आदि इत्यादि ।
2- पहचान बनाना -
ये जान बुझ कर लोग करते हैं जिसमें 90% लोगों के अपने निजी स्वार्थ होते हैं । जहाँ जैसी जरुरत पड़ती है वैसे लोगों का इस्तेमाल करते है ।
3- पहचान की गहराई तक उतरना -
इसमें लोग अपने पहचान को आप के रिफरेंस से आप के ही बहुत करीबी लोगों तक पहुँच बनाना शुरू कर देते हैं । जिसे आप जान कर अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं ।
ऐसे लोग धोखेबाज़ और मक्कार होते हैं । अगर आप अपने करीबी लोगों से मिलवाकर पहचान कराते हैं तो ठीक है ।
लेकिन बिना आप के पहचान कराये अगर वो आप के करीबी लोगों से पहचान बढाना शुरू कर दिया है तो ये समझ लेना की आप को कभी भी किसी बड़ी मुश्किल में डाल सकता है और ऐसी मुसीबत में ऐसे लोग आप के बहुत करीबी लोगों को ही आप के अगेंस्ट गलत फहमी पैदा कर के खड़ा कर देगा । जिससे आप अपने ही लोगों के सामने कमजोर पड़ जाएंगे । आप हर किसी को न सफाई दे पाएंगे और न सभी को समझा पाएंगे और न तो सभी के दिलों से गलतफहमीयों को निकाल पाएंगे । सिर्फ़ एक अजनबी के पहचान को स्वयं बढा लेने के कारण।
अगर अपनी इज्जत आबरु और खुद को बचाए रखना हो तो ऐसे लोगों से तुरन्त उसी वक़्त दूर हो जाएं जिस वक़्त वो अपने मरजी से आप के करीबी लोगों से अपनी पहचान को गहराई तक ले जाने लगे।
तब ये भी समझ लेना की अब इसे आप के पहचान की बहुत जरुरत नहीं रही । अब वो आप से ज्यादा पावर तलाश रहा है , जो आप को भी डाऊन कर सके और उसका मक़सद हल हो सके और ये सब उन्हीं लोगों में तलाशेगा जो लोग भी आप के करीबी होंगे चाहे दोस्त हों या रिश्तेदार या आप के खानदान जो भी हों , मगर आप के करीबी ही होंगे ।
सुझाव -
आप अपनी पहचान को अपने तक ही सीमित रक्खें अपने लोगों से परिचित कराने से पहले उसके बारे में खुद ही पूरी जानकारी प्राप्त करें घरेलु बैकग्राउंड भी जानें ये विस्तृत जानकारी आप खुद करें ऐसा न हो कि किसी से पूछे हों या किसी से सुने हों । पूछने और सुनने वाली जानकारी में अंतर होता है । खुद से चल कर ली गई जानकारी संतोष जनक होती है । आवश्यकता पड़ने पर आप उसके घर भी जा सकते हैं या किसी को भेज सकते हैं अथवा एमरजेंसी में सूचित भी कर सकते हैं ।
शनिवार, 28 नवंबर 2020
जो हुआ अच्छा ही हुआ
सब्र , संतोष , इंतज़ार इन शब्दों के मायने एक ही हैं ।
सब्र आप को परेशान कर सकता है लेकिन निराश नहीं ।
सब्र हजारों परेशानियों से बचाते हुए ऐसे मुकाम पर लाता है जिसकी आपने कभी कल्पना भी न की हो और आप स्वतः ही बोल उठते हैं कि जो हुआ अच्छा ही हुआ ।
जरुरी नहीं है कि किसी मजबुरी को सब्र का नाम दिया जाय
वास्तविक सब्र वह है कि जब आप सही या गलत जैसे भी हो अपने काम को करने में सछम हों मगर उसमें अपनी हिकमत और मनबढई का इस्तेमाल किये बिना ही आप सब्र करते हैं ।
गुरुवार, 26 नवंबर 2020
मैने आप के ऊपर भरोसा किया
अब आप अपनी मनगढंत या हकीकत जो भी सफाई मुझे देंगे उससे मेरा खोया हुआ कुछ भी नहीं लौट सकता ।
मैंने आप के ऊपर भरोसा किया वो भी आप से पूछ कर लेकिन आप की एक गलती ने मेरी जिंदगी के सारे सपनों को मिट्टी में मिला दिया ।
बुधवार, 25 नवंबर 2020
बाद में तुम्हें दुख होता है
मुझे मालूम है कि तुम मुझे बहुत चाहते हो , मानते हो , प्यार भी करते हो , जब भी कही जाते हो तो एक बार यह जरुर सोंचते हो कि अगर वो भी साथ होती तो कितना अच्छा होता ।
तुम जब कुछ भी खाते हो तो भी मेरी याद आती है ।
तुम जब कुछ भी खरीदते हो तो भी मेरी याद आती है ।
और जब मेरे लिए कुछ भी नहीं लाते हो तो मुझे सिर्फ आस्चर्य होता है । लेकिन बाद में तुम्हें दुख होता है ।
रविवार, 22 नवंबर 2020
मुझे आप के स्वर्ग की जरुरत नहीं है
तुम्हें लगता है कि मैं नर्क में हूं तो मैं अपने नर्क में ही खुश और संतुष्ट हूं । मुझे आप के स्वर्ग की जरुरत नहीं है । लेकिन आप अपने स्वर्ग में रह कर दुखी और परेशान क्यूँ हैं ?
मंगलवार, 17 नवंबर 2020
4जी मोबाइल है
फोर जी मोबाइल है ।
फोर जी सिम कार्ड है ।
फोर जी टावर भी लगा हुआ है ।
वोल्टी और फोर जी नेटवर्क भी शो करता है ।
फोर जी नेटवर्क ज्यादातर दो या तीन प्वाईन्ट शो करता है ।
बहुत कम कभी कभी पांच प्वाईन्ट नेटवर्क शो करता है।
डाटा भी शो करता है मगर डाटा कनेक्शन इतना वीक होता है कि एक प्वाईन्ट पकडता है तो एक प्वाईन्ट छोड़ देता है ।
कभी कभी दोनों प्वाईन्ट छोड़ देता है ।
लगता है कि डाटा कनेक्शन की फ्रिकवेनशी खुद कम कर दी जाती है जिससे नेट यूज करना काफी मुश्किल होता है ।
इतना महंगा मोबाइल और सब कुछ फोर जी मगर बारह घंटे में आठ घंटा टू जी बना पड़ा रहता है ।
इसपर भी वाइस कालिंग के दौरान कभी इधर से आवाज साफ नही जाती तो कभी उधर से आवाज साफ नहीं आती कालिंग काट कर के पुनः लगाना पड़ता है कि शायद अब आवाज़ सही आने जाने लगेगी ।
अगर आप एक , डेढ या दो जीबी डाटा रोज पाने वाला रिचार्ज कराये हैं तो एक दिन का पुरा डाटा यूज ही नहीं हो पाता है । और कोई भी कंपनी वाला ये नहीं सोंचता कि हमारे कंपनी की सर्विस जब बहुत बेहतर नहीं है तो कम से कम डाटा तो छोड़ दें जब कनेक्टिविटी सही होगी तो लोग यूज कर लेंगे । डाटा यूज करने का समय तो अनलिमिटेड होना चाहिए । मैने ये सारी हाल ग्रामीण इलाकों की बताई है ।
शहरों की जो भी हाल हो यहां ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क को 3जी से 4जी में अपग्रेड किया गया है इसको मैने होते हुए नहीं देखा है सिर्फ मैसेज आया था तो उसमें पढ कर जाना है कुल मिलाकर अस्सी परसेंट लोग 2जी , 3जी और 4जी में उल्झे हुए हैं संतुष्ट वही लोग हैं जो टावर के करीब हैं ।
सोमवार, 16 नवंबर 2020
कल ईश्वर ने नहीं बनाया है
नीद को अर्धमृत्यु ( आधी मौत ) भी कहा जाता है ।
गांवों में बुजुर्गों के द्वारा एक कहावत भी सुनी है कि -
गहरी नींद में सोया हुआ व्यक्ति और मरा हुआ व्यक्ति दोनों एक समान होते हैं ।
वास्तविक मृत्यु की बेला कोई भी हो सकती है । लेकिन मैं यह पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि इस दुनियां में आया हुआ कोई भी व्यक्ति मरने के लिए कल का सूरज नहीं देख सकता जैसे कुछ परिणाम मैं आप को बताता हूं ।
1- कोई शाम को मर गया उसने कल का सूरज नहीं देखा ।
2- कोई रात में ही मर गया उसने कल का सूरज नहीं देख ।
3- कोई भोर में ही मर गया उसने कल का सूरज नहीं देख ।
4- कोई आठ बजे दिन में , कोई 9 , 10 , 11 , 12 यानी सुबह होने से लेकर भोर के पहर तक में मरते हैं ।
अब कोई ऐसा भी है कि सुबह हो गई सूरज निकल गया और वो मर गया तो उसने आज का सूरज देखा है कल का नहीं । कल का सूरज कोई भी नहीं देख सकता ।
वास्तविकता तो ये है कि कल कभी होता ही नहीं सब आज होता है । सिर्फ एक पहचान के लिए कल का नाम दिया गया है जैसे दिनों का नाम , महीनों का नाम , साल का सन , और लोगों का नाम सब पहचान के लिए नामकरण किये गये हैं । सिर्फ बेला , पहर और पल होते हैं । सुबह की बेला से लेकर दोपहर तक में बहुत से पल होते हैं जिसे छंड़ भी कहा जाता है ।
अगर ईश्वर ने आप को दिया है तो सिर्फ रात और दिन इन्हीं रात और दिन में सभी बेला, पल और एक एक छंड़ हैं बाकी सब लोगों ने बनाया है । कल ईश्वर ने नहीं बनाया है ।
कल के बारे में सोचने के लिए ईश्वर ने नहीं कहा है ।
मुझे उम्मीद है कि आप लेख को अच्छी तरह समझ गये होंगे अगर आप के अंदर कोई सवाल रह गया हो तो मेरे ब्लॉग को फालों कर के पूछ सकते हैं या मुझे 7388939329 पर काल करें या इसी नम्बर पर वाट्सेप करें । अगर आप के अंदर किसी भी प्रकार के विचार हों जिसे आप लोगों को बताना चाहते हैं तो आप अपने विचारों को लिखें और मुझसे संपर्क करें मैं आप के विचार आप के नाम के साथ अपने ब्लॉग पर शेयर करुंगा ।
शुक्रवार, 13 नवंबर 2020
दूसरी महाभारत
कोरोना काल के लाकडाउन पीरियड इस बीसवीं शताब्दी की बहुत बड़ी त्रासदी रही है । और जो शायद ही कोई भूल पाएगा । आज अनलाकडाऊन काल चल रहा है । इसमें कुछ आजादियां जरुर मिली हैं । मगर वो बात नहीं है जो कोरोना काल से पहले का वक़्त था ।
अप्रैल सन दो हज़ार बीस से आज नवम्बर सन दो हज़ार बीस यानी लगातार इन आठ महीनों में मैने ग्रामीण इलाकों के सर्वो में हर वर्ग हर आयु के लोगों को आर्थिक संकट से गुजरते हुए पाया ।
अनुमानतः ऐसा लगता है कि अगर स्थिति यथावत बनी रही तो संभवतः पूर्ववत स्थिति में लोगों को आने में लगभग सात से दस साल का समय भी लग सकता है ।
कोई भी परिवर्तन या छोटा हो या बड़ा इंसान के हालात और वक़्त के अनुसार बदलते परिवेश पर भी निर्भर करता है । लेकिन देश का परिवेश और लोगों के हालात को अगर गहराई से देखा जाए तो ऐसा लगता है कि देश और देशवासी पुनः एक बार दूसरी महाभारत की ओर बढ़ रहे हैं ।
बीते हुए महाभारत का कारण तो पुरा भारत और विश्व जानता है । मगर इस महाभारत का कारण भी जल्द ही समझ में आ जाएगा ।
बस अब आप को हर परिस्थिति से गुजरने और इसे झेलने के लिए तैयार रहना होगा ।
गुरुवार, 12 नवंबर 2020
अपना प्रयास जारी रखें
1- मेरे पास पैसा नहीं है ।
2- मेरी कोई पहचान नहीं है ।
3- मेरे सामने अभी कुछ दिक्कत है ।
4- लोग क्या कहेंगे ।
5- लोग क्या सोचेंगे ।
6- मै औरों की तरह नहीं हूं ।
7- मुझमें और लोगों में अन्तर है ।
8- भाग्य के आगे कोई कुछ भी नहीं ।
9- अमीर गरीब सब नसीब से होते हैं ।
10- मेरे ऊपर घरेलु जिम्मेदारियां हैं ।
11- मेरे बच्चे अभी छोटे हैं ।
12- मुझे किसी से बात करने में शर्म महसूस होती है ।
13- रोज कमाना है रोज खाना है ।
14- मेरे ऊपर बहुत कर्जा लदा है ।
15- फ्री माईड नहीं हूं काफी टेनशन है ।
16- चलने के लिए साधन नहीं है ।
17- सोंच कर बताऊंगा ।
18- मेरे स्टेटस के खिलाफ है ।
ये सब एक बहाने हैं । और उनके हैं । जिनके कोई लक्ष नहीं होते । ये सारी बातें उस वक़्त सामने आतीं हैं जब आप किसी से किसी बिजनेस या कुछ करने के संबंध में बात करते हैंं । बात करने के पहले आप को यही आदमी हर तरह से ठीक और आप के योजनाओं के मुताबिक सही और सक्षम दिखता है । पूरे जोश, उर्जा और आशाओं के साथ आप बात करने जाते हैं मगर जब आप को ऊपर लिखी 18 प्वाईन्ट सामने आते हैं तो आप का दिल टूट जाता है जिससे आप निगेटिविटी में जाने लगते हैं ।
ऐसे में आप होपलेस हुए बिना अपनी पाजिविटी बनाए रखें और अपनी तरह के व्यक्ति की तलाश जारी रखें । आप को आप के सोंचों के मुताबिक कोई न कोई तो जरूर मिलेगा बस आप अपना प्रयास जारी रखें ।
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