देने वाला ( दानी) कभी लेने के बारे में नहीं सोंचता।
लेने वाला कभी देने के बारे में नहीं सोंचता ।
लेने वाले को जब देना पड़ता है तो ऐसा लगता है कि
जैसे जान ही निकल जाएगी मगर देने वाला जब लेना
चाहता है तो ऐसे सब ले लेता है जैसे उसे कुछ पता नहीं
कि कब कैसे मैं कंगाल हो गया कुछ पता ही नहीं चला।
hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
Translate
रविवार, 20 अक्टूबर 2019
लेना और देना
सदस्यता लें
संदेश (Atom)