आज मैने अपने इस ब्लॉग पर अपने युट्यूब चैनल से
एक विडियो भेजना चाहा जब मैने अपने युट्यूब चैनल
से एक विडियो ब्लॉग पंर सेन्ड किया तो सक्सेजफुल
हो गया। बहुत खुशी हुई। फिर लौट कर ब्लॉग पर गया
तो देखा विडियो का लिंक आया था।
जब लिंक को टच किया तो, काँपी, सलेक्टआल, और वेब सर्च का आप्सन आया जब वेबसर्च को टच
किया तो विडियो चैनल पर खुल गई।
जब की मुझे अपने ब्लॉग पर लिंक नहीं डायरेक्ट विडियो चाहिए थी।
कारण कि बहुत सारे लोग हो सकता है कि वो ये न समझ पाएं की इस लिंक को भी टच कर के देखना पड़ेगा। इसके अलावा लिंक से ज्यादा विडियो अटरैक्ट
करता है। मुझे नहीं पता कि लिंक को कितने लोगों ने
खोला होगा और कितने लोग नहीं समझ पाए होंगे।
अब फिर से इसका डिटेल तलाश करूंगा कि ब्लॉग पर
सीधे विडियो जा सके।
यदि यह सम्भव नहीं हो सका तो फिर सोचुंगा कि विडियो अपलोड करूं या सिर्फ़ ब्लॉग ही लिखें।
hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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रविवार, 29 दिसंबर 2019
कोशिश ( प्रयास )
बिजली स्पार्किंग विडियो
बुधवार, 25 दिसंबर 2019
फोन
फोन
कभी भी कहीं भी आजाता है
उसे यह नहीं पता कि आप किस परिस्थिति में हैं।
बाईक चलाते हुए, या इमरजेन्सी में, नहाते समय,
लैट्रिंग रूम में, मीटिंग में, श्यमशान में, किसी की
मृत्यु में, कहीं भी किसी भी हाल में हों इससे फोन करने
वाले को कोई फर्क नहीं पड़ता।
ऐसी ही हालात में हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, एक्सीडेंट
इत्यादि होते हैं।
शुभ चिंतकों, मित्रों, घर वालों और परिवार वालों को
चाहिए कि एक बार फोन किया और रिसीव नहीं हुआ
तो बार बार फोन न करे।
जब अगला व्यक्ति फ्री होगा तो काल बैक करेगा।
दूसरा विकल्प है कि मैसेज कर दें।
तीसरा विकल्प वाटसेप कर दें।
फोन अच्छी चीज़ है इसको बेहतर ढंग से इस्तेमाल करें
न कि किसी के मौत का कारण बनें।
जब भी बात करें तो हैस्ते हुए या प्रेम पुर्वक बात करें
कभी भी तनाव भरी या गुस्से वाली बात न करें।
कोई सीरियस बात हो तो उसे हमेशा मिलकर आमने
सामने होकर ही करें।
रविवार, 22 दिसंबर 2019
अक्सर याद आते हैं
कुछ बीते हुए पल
कुछ बीती हुई बातें
कुछ बीते हुए कल
कुछ बीती हुई रातें
अक्सर याद आते हैं।
एक दिन ऐसा भी था
जब दिल चाहता था कि कभी शाम न हो।
एक रात ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि कभी सुबह न हो।
एक पीरियड ऐसा भी था
जब दिल चाहता था कि कभी घंटी न लगे।
एक साथ ऐसा भी था
जब दिल चाहता था कि इसी तरह सिर्फ
चलते रहें और रास्ता कभी खतम न हो ।
एक बात ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि कभी खतम न हो।
एक खत ऐसा भी था
जब दिल चाहता था कि सिर्फ पढते ही रहें
और कभी खतम ही न हो।
एक मुलाकात ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि कभी जुदा न हों।
एक बारिश ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि भीगते रहें कभी बंद न हो।
एक चांदनी रात ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि चाँद पर बादल
छा जाए और अंधेरा हो जाए।
एक ठंड ऐसी भी थी
जब दिल चाहता था कि कभी गर्म
बिस्तर से न निकलना हो।
सब कुछ, हर चीज़, हर बात आज भी।
अक्सर याद आते हैं।
बुधवार, 18 दिसंबर 2019
मिले
बे वजह ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
बे माकसद ,,,,,,,,,,,,,,,
अक्सर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वो ,,,,,,,,,,,,,,
हर मोड़ पर ,,,,,,,,,,,,,,,
मिले। ,,,,,,,,,,,,,,,
कुछ बातें थीं ,,,,,,,,,,,,,,,,
कुछ वादे थे। ,,,,,,,,,,,,,,,,,
जब ढूँढने लगे ,,,,,,,,,,,,,,,
तो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ला पता ,,,,,,,,,,,,
मिले। ,,,,,,,,,,,,,,,,
मंगलवार, 17 दिसंबर 2019
अपने तो अपने होते हैं
अपने तो अपने होते हैं । उनसे कभी कोई कम्पटीशन नहीं होता उनकी हार भी अपनी हार है और उनकी जीत भी अपनी जीत है , अगर कुछ बदलाव पैदा होता है तो वो सिर्फ अपनी अपनी सोंच का नजरिया होता है।
रविवार, 15 दिसंबर 2019
मृत्यु लोक
इस दुनियां को लोग मृत्यु लोक भी कहते हैं।
6 से 10 घंटे तक जब हम सोये हुए होते हैं,
तो वो मृत्यु के समान ही होता है।
नीद को अर्ध मृत्यु भी कहा जाता है।
कभी कभी यही नीद जि़दगी की आखरी नीद
में भी बदल जाती है।
खैर बाकी के जो 14 से 16 घंटे बचते हैं उनमें
हम क्या करते हैं।
माया की जाल में उल्झे हुए रहते हैं।
लोग कहते हैं कि यहां से कोई कुछ लेकर नहीं जाता।
मगर ऐसा नहीं है।
बहुत कुछ लेकर जाते भी हैं और बहुत कुछ दे कर भी
जाते हैं।
अब क्या दे कर जाना है ?
और क्या ले कर जाना है ?
इसको सोंचो,समझो ,
और पता करो।
14 से 16 घंटे जो बचते हैं सोंचो कितना समय यहां से कुछ ले जाने के लिए दिया और कितना समय यहां पर कुछ दे जाने के लिए दिया।
हार और जीत
कभी कभी अपनों को जिताने के लिए खुद को हारना पड़ता है, और इस हार में , जीत से भी ज्यादा आनन्द होता है
शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019
गरीब और अमीर
गरीब की लड़की और अमीर की लकड़ी।
इन दोनों की कोई किमत नहीं होती।
बुधवार, 11 दिसंबर 2019
नफरत
आप अपने स्वार्थ के तहत किसी को अपनी जरूरत न बनाएं। बेहतर तो तब होगा की जब आप लोगों की जरूरत बने। क्यों कि जिस दिन उसे यह पता चल जाएगा कि आप उसे या लोगों को स्वार्थ के तहत काम आते या अपने करीब लाते हैं तो उसे आप से हमेशा के लिए घिर्णा पैदा हो जाएगी जो उसके और लोगों के दिलों से कभी नहीं मिटेगी ।
जब आप निस्वार्थ भाव से लोगों के काम आएंगे , जब लोगों को लगेगा कि मैं उनकी जरूरत नहीं हूं बल्कि वो खुद मेरी जरूरत हैं तो फिर वो लोग भी आप के करीब होना शुरू हो जाएंगे जो आप से घृणा ( नफरत ) करते हैं।
मंगलवार, 10 दिसंबर 2019
ईश्वर
आप को ईश्वर ने जिस काम के लिए इस दुनिया में भेजा है उसे आप नहीं जानते। मगर वो सही वक़्त पर सही समय पर आप से करवा लेगा।
आप सोंचते कुछ और हैं, मगर होता कुछ और है।
इसका क्या मतलब है। कभी सोचा आप ने ?
आप जो सोचते हैं वो आप के स्वार्थ के मुताबिक सही है लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि वो ईश्वर की नजर में सही न हो आप के लिए नुकसान दायक हो, आज हो या आप के जीवन में कभी भी।
आप ये भी सोंचते होंगे की मै इस बुरी हल में क्यों हूं ?
मेरे लिए ईश्वर ने कुछ नहीं किया ।
लेकिन मैं ये पुछना चाहता हूँ कि आप ने ईश्वर के लिए
क्या किया है ?
भलाई इसी में है कि शांति पुर्वक ईश्वर की महिमा को
समझने की कोशिश करें।
सब्र करें ईश्वर जो करता है और जो करेगा आप के हित में आप की भलाई के लिए अच्छा ही होगा।
जब कुछ समझ में न आये तो ईश्वर के उपर छोड़ कर
इन्तजार करें सन्तुष्टि और शांति जरूर मिलेगी।
रविवार, 8 दिसंबर 2019
अचम्भव
अचंभव
मगर कडवा सच है कि इस दुनियां में रहने वाले 75% लोग यह नहीं जानते की रोटी, दाल, चावल, मटर, सब्जी, घी, तेल, वगैरह वगैरह चीजें कहां से आती हैं।
75% लोग पेड़ों की कल्पना करते हैं।
कुछ लोग तो यह भी सोंचते हैं कि यह सब किसी मशीन से तैयार होती होगी। मशीनरी की सोच वाले काफी हद तक सही भी हैं क्यों कि चाईना एक देश है जो पूरी दुनिया में मशीनरी से बनाई हुई चीज़ों की सप्लाई करती है। मगर भारत में पसीने की जगह खूंन बहाने वाले किसानों को उनके उपजाये गये वस्तुओं का कोई मोल नहीं मिलता।
आज होटलों में चार रोटी की कीमत डेड से दो किलो आटे के बराबर है। चावल, शब्जी, दाल, अंडा, मीट, मछली, इत्यादि सब चीजों का यही हाल है।
हमारे देश भारत में होटलों में एक टाईम का खाना एक व्यक्ति को 150 रुपये से 1000 के ऊपर तक मिलता है। होती सब वही चीजें हैं जो एक आम इंसान भी खाता है। इस एक टाईम के भोजन पर हुये खर्च 150 रुपये में एक परिवार पांच से सात लोगों का आराम से शादा भोजन पेट भर के खा लेता है।
1000 या इसके ऊपर एक टाईम के भोजन पर खर्च
करने वाले ये कभी नहीं सोंच पाते की इसी देश में कितने भूखे भी सोते हैं। जिसमें अधिकान्स मजदूर और किसान ही होते हैं। आगे की समस्याओं पर आप लोग खुद सोंचे और समझें।
गुरुवार, 5 दिसंबर 2019
तुम्हारा क्या है ?
तुम्हारा क्या है ?
जो तुमने खा लिया
जो तुमने पहन लिया
जो तुमने इस्तेमाल किया
जो तुमने जिया
जो तुमने झेला
जो तुमने दुख उठाया
जो तुमने सुख उठाया
जो तुमने सांसें ली
जो तुमने बेच दिया
जो तुमने किसी को दे दिया
जो किसी के काम आए
जो किसी का सहारा बने
जब किसी को हंसाया
जब किसी की कद्र की
यही सब तुम्हारा है ।
जो बना रहे हो वह तुम्हारा नहीं है।
आने वाले लोगों का है।
जो खरीद रहे हो वो भी तुम्हारा नहीं है।
जो तुम इस्तेमाल कर रहे हो और जो
पहने हुये हो ये तभी तक तुम्हारा है जबतक
तुम्हारी सांसें चल रही हैं फिर ये सब भी किसी
और का हो जाएगा।
अब यह सोंचो की तुम कौन हो ?
तुम्हें क्या करना है ?
और क्या कर रहे हो।
ये दुनिया जो विकास के लिए भाग रही है।
जो ये सोंचते हैं कि मैने बहुत कुछ किया।
तो इस बात को भूल जाओ क्यों कि ये सब तुम्हारे बाद
किसी और का हो जाएगा।
पूरी दुनिया जो भी विकास कर रही है वो सब इस
दुनिया में आने वाले लोगों के लिए हो रहा है।
सोमवार, 2 दिसंबर 2019
धर्ती माता
पता नहीं किसने कहा था, एक सीनरी पर लिखा हुआ
पढा था। जिसे आज तक नहीं भूल पाया।
GOD MADE LAND AND MAN MADE BOUNDARIES.
( गौड मेड लैन्ड ऐन्ड मैन मेड बाऊनडरीज )
( ईश्वर ने धरती को बनाया और इंसानों ने इस धरती को
अपनी अपनी सीमाओं में बांट दिया। )
अपने अपने देश का नाम रख लिया।
इस दुनिया में कितने लोग धरती को माता मानते हैं ?
अधिकांश ज्यादा पढे लिखे लोग भी मिट्टी का ढेर या मिट्टी
की प्लेट मानते हैं।
जब की ( ज़मीन ) धरती जीवित है। इसके अंदर भी
( जान ) प्राण है।
आप कैसे शिस झुकाते हैं आप को पता है।
मगर पूरी दुनिया के अंदर जहाँ जहां मुसलमान हैं।
उस देश के जमीन को अपने दिल से प्यार करते हैं।
एक दिन में पांच बार हर मुसलमान अपने दोनों पैर के घुटनों को, फिर दोनों हाथ के पंजो को धरती पर रख कर
अपने माथे को धरती पर रखता है।
क्यों कि ( अल्लाह ) ( ईश्वर ) को यही पसंद है।
फिर मरने के बाद भी इसी धरती माता के गोद में सो जाता है। अपने देश और धरती के प्यार और लगाव को आप भी
इसी तरह सबित करें, फिर जो प्रमाण मुसलमानों से मागना
चाहते हैं लोग । उसकी जरूरत शायद नहीं पड़ेगी।
रविवार, 1 दिसंबर 2019
जन्म से पहले
जन्म से पहले हम जहाँ होते हैं वहां
आनन्द ही आनन्द है कितना आनन्द है
इसकी कोई व्याख्या नहीं की जा सकती।
अगर आप इस आनन्द की कल्पना करना चाहते हैं
तो आप के कल्पनाओं की आखरी सीमा उस कल्पना
के - 0 % तक ही हो सकती है।
जन्म लेने के बाद हम जहाँ होते हैं वहां दुख के सिवा
कुछ भी नहीं है। यहां सुख पाने के लिए किसी न किसी
को दुख देना ही पड़ेगा।
मार दिया
अपनो ने दुत्कार दिया ।
गैरों ने ही प्यार दिया ।।
अंधेरे में जब डूबा था ।
उजाला मेरा यार दिया ।।
बे माकसद बे मायने थे ।
खुद से ही अनजाने थे ।।
जीवन कैसे जीना है ।
उसने ही तो सार दिया ।।
लाखों चेहरे लाखों लोग ।
लाखों व्यंजन लाखों भोग ।।
कितना दर्द दिया है जावेद ।
यार को अपने मार दिया ।।
चौक की रंगीनियां
मां हीरो से कहती है,,,,,, ।
मेरी बेटी सोना है सोना और तुम,,,,,,,,,, ।
इस बात पर हीरो गुस्से में बोल पड़ा,,, ।
तो ले जाओ अपनी बेटी को उस बाजार में ,
जहाँ तुमको इसके मुनासिब दाम मिल सकें ,
चौक की रंगीनियां तुम और तुम्हारी बेटी का
इंतजार कर रहीं हैं।
खांकी
तुम्हें तुम्हारी खांकी समेत ऐसी खाक में मिलाऊंगा
कि तुम्हारे अपनों को तुम्हारी राख तक नसीब नहीं होगी ।
बहुत उपर
अब न तो मुझे कुछ पाने की चाहत है और
न ही कुछ खोने का डर क्यों कि मैं अब इन दिनों से
आज़ाद हो कर बहुत उपर उठ चुका हूँ ।
तुम्हारे पास
पाने के लिए कोई वक़्त फ़िक्स नहीं है, मगर
खोने के लिए तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है।
शनिवार, 30 नवंबर 2019
औकात
जब वक़्त खराब होता है तो
वो भी बोल कर निकल जाता है
जिसकी कभी कोई औकात नहीं होती।
शुक्रवार, 29 नवंबर 2019
बुद्धिजीवी
लोग बहुत ही बुद्धिजीवी हो गये हैं।
बिना मांगे ही लोगों को सुझाव देने लगते हैं।
मगर खुद कि समस्याओं को नहीं सुलझा
सकते।
गुरुवार, 28 नवंबर 2019
समस्या
आप जिसे समस्या समझ रहे हैं वो वास्तव में समस्या
नहीं है वो सिर्फ और सिर्फ आप के समझ के बाहर है।
जिस वक़्त आप ठंडे दिमाग से समस्याओं को समझने
और सुल्झाने बैठेंगे तो सारी गुत्थी अपने आप सुलझ
कर सामने आना शुरू हो जाती हैं।
इसके बाद भी अगर आप को कुछ नहीं समझ में आ
रहा हो तो उसे चुने जो आप के सबसे करीब हो।
मगर उसके अंदर इमानदारी, शराफत, और गंभीरता
भी होनी चाहिए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह
बूढा है या नौजवान ।
बुधवार, 27 नवंबर 2019
मजबुरियां
कुछ तो मजबुरियां रही होंगी ।
यू ही कोई बेवफ़ा नहीं होता ।।
वक्त हालात को बदलते हैं ।
आदमी खुद खफा नहीं होता ।।
जीना
खुद कि खुश फ़हमी में जीना छोड़ दो ।
लोगों को खुशी देकर उनकी खुशी में जीना
सीखलो । जि़दगी आसान और खुशहाल हो जाएगी ।
कानून
जबतक तुम्हारे जिस्म पर वर्दी है
तभी तक तुम भी हो और तुम्हारा कानून भी।
जिस दिन बिना वर्दी के मुझे दिख गये
उस दिन न तुम रहोगे और न तुम्हारा कानून।
सोमवार, 25 नवंबर 2019
मत मार
तुम अकेले पैदा हुए हो।
अकेले ही तुम्हें मरना भी है।
तुम्हें यहाँ से कुछ लेकर जाना भी नहीं है।
फिर किसके लिए मर रहे हो।
जो भी इस दुनिया में आता है वो अपना
नसीब साथ में ले के आता है।
तुम किसी के नसीब में कोई बदलाव नहीं
कर सकते। इस लिए पूरी आजादी के साथ
जियो जो भी सपना हो उसे पूरा करने की कोशिश
करो। अपने शोक को कभी मत मारो ।
सोंचो
कभी कभी अपने हों या दूसरे की सच्चाई को अपने
दिल में जि़दगी भर के लिए दफनाये रखना पड़ता है।
अगर उस राज को खोल दिया जाये तो सामने वाले की
चरित्र हीनता समाज और अपनों के बीच न जीने देगी
और न तो सर उठा कर बात करने के लायक रक्खेगी।
जब की यही हमारी सबसे बड़ी भूल होती है।
हम जिसपर पर्दा डाल कर सारी जि़दगी बचाते हैं।
वही सोते, जागते,उठते, बैठते हर पल हर वक्त मुझे ही
बर्बाद और बदनाम करने के चक्कर में रहता है।
सिर्फ इस गलत फ़हमी से कि कहीं ये मेरे राज़ को किसी से खोल न दें।
इस वजह से अपनी बर्बादी और नुकसान को भी
चुप चाप सहना पड़ता है।
दिल में कोई बोझ या राज छुपाने से बेहतर है कि
उसे उसी के हवाले कर दिया जाए। जिसका है।
क्या कि मरना भी तुम्हें ही है और जीना भी तुम्हें।
तो फिर आजादी से जियो, ईमानदारी के साथ।
किसी के दबाव में तुम्हें जीने की कोई जरूरत नहीं है।
इस दुनिया में क्यों भेजे गये हो उसे सोंचो ।
शनिवार, 23 नवंबर 2019
इस दुनिया में
इस दुनिया में 99% लोग दुनिया की हकिकत से
वाकिफ नहीं हैं।
यही वजह है कि लोग अपने ही दर्द और ख़ुशी में जी
रहे हैं।
जिस दिन दुनिया की 99% हकीकत को जान लेंगे
उस दिन से जीना मुश्किल हो जाएगा।
हार्ट अटैक भी हो सकता है।
आज ही करो
खाने से भी मौत होती है।
बिना खाये भी मौत होती है।
गाड़ी चलाने से एक्सीडेंट हो जाता है
इसकी वजह से भी मौत होती है।
बिमार पड़ने से भी मौत होती है।
गोली लगने से भी मौत होती है।
मार लग जाने से भी मौत हो जाती है।
हार्ट अटैक से भी मौत हो जाती है।
मरने के लाखों रंग रुप हैं।
इस दुनिया में जो भी आया सब को
मरना है।
इस दुनिया में अमर होकर हमेशा हमेशा
के लिए जि़दा रहना नामुमकिन है।
फिर कल की आशा और ऊम्मीदें कैसी।
जो बिता है वह कल था।
जो आने वाला है वो भी कल है।
उसका क्या ?
जो कुछ भी है वो आज है।
सब कुछ आज में ही होता है।
कल तो सिर्फ टालने के लिए होता है।
रात को सो गये।
जब सुबह उठे तो आज हो गया।
कहां गया कल ?
इस लिए मरने के लिए हर पल तैयार रहो।
कल पर कुछ मत छोड़ो जो करना है
आज ही करो।
रविवार, 17 नवंबर 2019
जिद
मैने जो चाहा
शनिवार, 16 नवंबर 2019
दिल भी तेरा दिमाग तेरा है
दिल भी तेरा दिमाग तेरा है ।
तेरे जुल्मो ने तुझको घेरा है ।।
उन बुरे वक़्त को जरा सेंचो ।
आज जो हो वो सब मेरा है ।।
सोंच अपनी जुबान अपनी है
सोंच अपनी जुबान अपनी है ।
झूठ सच की दुकान अपनी है ।।
तेरे सोंचो पे किसका पहरा है ।
उठो, चलो, जहांन अपनी है ।।
उसको देखा तो उड़ गयी नींदे ।
नई दुल्हन में मकान अपनी है ।।
कब, क्या, कैसे, तुम्हें पाना है ।
ये समझने का ग्यान अपनी है ।।
बढ रहा है जावेद भीड़ का समंदर ।
बेरोजगार हूं ये कहने में शान अपनी है ।।
बुधवार, 13 नवंबर 2019
सपने
मंगलवार, 12 नवंबर 2019
मुझ से छुप कर
मुझसे छुप कर के कोई आके गुजर जाता है ।
जाने क्यों जान कर वो दिल मेरा तड़पाता है ।
क्यों तड़पता है किसी और की चाहत में वो ।
मुझको तड़पा के भला कैसी खुशी पाता है ।
मन के मन्दिर में जो तस्वीर नज़र आता है ।
मैने चाहा है सनम दिल का तुमसे नाता है
तेरी गलियों से गुजर कर के भी खामोश हैं हम ।
बेवफा तेरा ही गंम हर वक्त मुझे खाता है ।
तुमको जावेद कभी भुल नहीं पाएगा ।
एक तू ही है जो दिल को मेरे भाता है ।
शनिवार, 9 नवंबर 2019
दिल से चाहा
जिसने हमेशा हमको दिल से चाहा
वही आज हमको भुलाने लगा है ।
मोहब्बत का सौदा खुद कर रहा है।
किसी और का गीत गाने लगा है ।
जमाने से भी कोई सिक्वा नहीं है।
वो खुद रंग अपने दिखाने लगा है ।
हमें दुसमनों की जरूरत ही क्या है।
जो अपना था वो ही जलाने लगा है
हमें जख्म अपनो ने ईतने दीये हैं।
दर्द भी दर्द से मुंह छुपाने लगा है ।
वफा का सिला बेवफाई से दे कर।
मुहब्बत को दिल से मिटाने लगा है ।
मुझको पता है वो बदला है जावेद।
कि झुठी कसम मेरी खाने लगा है
तूफान ए गोरी
मारी मुस्की मचावेलु तुफान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
सपना तुहार आवे राती के जगावेला ।
सारी सारी रात हमके नींद नाहीं आवेला ।।
मोरा तुहरे में बसेला। परान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
काम करीं कहीं मन तुहरे पे अटके ।
मन नाहीं लागे दिल तुहरे से हटके ।।
तूँ त जान सब भईलु अन जान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
असरा तुहार बाटे सरधा पुरा द।
कईसे मनाईं मन के एतना बता द ।।
कईले बानी तुंहसे प्यार के एलान गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
र ह तइयार सजनी डोली लेके आइब ।
आपन दुलहिनियां हम तुँहके बनाइब ।।
शुक्रवार, 8 नवंबर 2019
जरूरत
लोग कुछ करना नहीं चाहते।
जरूरतें सब कुछ करा लेती हैं।
सोमवार, 4 नवंबर 2019
हम उस देश के वासी हैं
हम उस देश के वासी हैं ।
जहां इंसान को बेचा जाता है ।।
पांच रुपये के ख़ातिर भी ।
ईमान को बेचा जाता है ।।
जात धर्म और लिंग भेद में ।
नफ़रत की दीवारें हैं ।।
सत्ता की कुर्सी के ख़ातिर ।
जान को बेचा जाता है ।।
किसने कैसे देश चलाया ।
किसने कैसे देश बचाया ।।
उनको याद दिला कर के ।
पहचान को बेचा जाता है ।।
तुम जो हो, खुद में हो ।
मुझको तुमसे क्या मतलब ।।
अपना कह कर के ही तो ।
सम्मान को बेचा जाता है ।।
अंध विश्वास कि माया है ।
पाखंड देश पर छाया है ।।
रातो रात अमीर बना दे जो ।
भगवान को भी बेचा जाता है ।।
शनिवार, 2 नवंबर 2019
झूठ और सच
सच्चाई कहीं रक्खी हुई नहीं है कि आप उसे खरीद लें।
सच्चाई तो सिर्फ आप के दिल में है।
झूठ को कहीं से सीखने की जरुरत नहीं पड़ती,
तुम्हारी जरूरतें सिखा देती हैं।
तुम्हारी जरूरतों ने झूठ को इतना बढा दिया है कि
अब हर पल तुम्हारी जिंदगी झूठ के बल पर ही कट रही है। यही वजह है कि सच के एक भी अल्फाज तुम्हारे
जुबान पर आने में अपराध जैसा लगता है।
शुक्रवार, 1 नवंबर 2019
झूठों की मन्डी
दुनियां जबसे कायम हुई है तभी से झूठ को धरती पर फैलाया जा रहा है। आज हालात ये है कि झूठों की बड़ी
बड़ी मन्डीयां कायम की गई हैं।
जैसे - सुप्रीम कोर्ट
हाई कोर्ट
कलेक्टरी कचहरी
दीवानी कचहरी
तहसील
ब्लाक
तथा अन्य जिसे आप समझ सकते हैं।
एक बार मुझे हाई कोर्ट इलाहाबाद जाना पड़ा।
दूसरी मंजिल से नीचे जब मैने अपनी नजर को
दौड़ाया तो हर तरफ काली कोट वालों की भीड़
सड़क से लेकर कोर्ट के बाउंडरी और छत सब कुछ
खचाखच भरा हुआ था।
ऐसा लगा जैसे समस्त भारत के गिद्ध और कौवे यहीं
इकट्ठे हो गये हैं।
जिस जिस प्रकार की डीलिंग सुना और देखा उससे
ये समझ आया कि अगर जज की कुर्सी पर साछात
ईश्वर आकर बैठते तो मरने वालों की तारीखें डाल डाल
कर उसे ज़िंदा कर दिया जाता। किसी को कभी मरने ही
नहीं दिया जाता।
रविवार, 20 अक्टूबर 2019
लेना और देना
देने वाला ( दानी) कभी लेने के बारे में नहीं सोंचता।
लेने वाला कभी देने के बारे में नहीं सोंचता ।
लेने वाले को जब देना पड़ता है तो ऐसा लगता है कि
जैसे जान ही निकल जाएगी मगर देने वाला जब लेना
चाहता है तो ऐसे सब ले लेता है जैसे उसे कुछ पता नहीं
कि कब कैसे मैं कंगाल हो गया कुछ पता ही नहीं चला।
बुधवार, 19 जून 2019
बेरोजगारी
कुछ डाक्टरों की फीस सौ रुपये ।
कुछ डाक्टरों की फीस डेढ सौ रुपये ।
कुछ डाक्टरों की फीस दो सौ रुपये ।
कुछ डाक्टरों की फीस ढाई सौ रुपये ।
इस तरह आठ सौ रुपये तक है ।
कुछ लेबर कि एक दिन की मजबूरी दो सौ रुपये है ।
कुछ लेबर कि एक दिन की मजबूरी ढाई सौ रुपये है ।
कुछ लेबर कि एक दिन की मजबूरी तीन सौ रुपये है ।
कुछ मेशन कि एक दिन की मजबूरी चार सौ रुपये है ।
कुछ मेशन कि एक दिन की मजबूरी पांच सौ रुपये है ।
कुछ मेशन कि एक दिन की मजबूरी छव सौ रुपये है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह बारह सौ है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह पन्द्रह सौ है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह दो हजार है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह पचीस सौ है ।
कुछ अध्यापकों की महिने की तनख्वाह तीन हजार है ।
मगर इसमें बहुत बड़ी विडंबना और दुख की बात तो
ये है कि किसी भी अध्यापकों को जून की तनख्वाह
नहीं मिलती है । ये सारी पड़ताल देहाती इलाकों के हैं ।
साथ ही सभी फीस, दिहाड़ी ( मजदूरी ) और तनख्वाह
वाले लोग प्राइवेट सेक्टर से हैं ।
इन समस्याओं का समाधान अगर कोई हो तो सुझाव
और कमेंट्स में जरूर बताएं ।
सोमवार, 17 जून 2019
यूट्यूब विडियो
यूट्यूब पर चैनल बनाना, फिर विडियो बनाकर अपलोड
करना ज्यादा तर लोगों की मानसिकता बन गयी है ।
ऐसा लगता है कि जैसे करोड़पति बनने की एक होंड़ सी लगी हुई है ।इससे आसान और इससे सस्ता कोई
बिजनेस ही नहीं रह गया है जिसे देखिये यूट्यूबर बनना चाहता है ।कोई बात नहीं है अपने टैलेन्ट को जनता के
सामने रखने का एक अच्छा प्लेटफॉर्म है ।
आप कैसी विडियो देखना चाहते हैं इस मानसिकता के
तहत सामने वाले के मानसिकता का ख्याल करें ।
पांच मिनट की विडियो में डेढ़ मिनट तो विडियो को
लाइक और सब्सक्राइब करना न भूलें में चला जाता है ।
अरे भाई आप का विडियो यूट्यूब पर चल रहा है अगर
अच्छा है लोगों को पसंद आएगा तो खुद ही लाइक और सब्सक्राइब करेंगे अपने मुंह मियाँ मिट्ठू क्यों बन रहें हैं । सचमुच ये अच्छा नहीं लगता भले आप को लगता हो
अगर आप के विडियो के मैटर में दम है ।
अगर आप की विडियो किसी को अच्छा इंटरटेनमेंट करती है या आप के विडियो के जानकारी के अनुसार
किसी का मकसद हल होता हो या किसी का भला होता हो तो वो खुद ब खुद आप के चैनल को लाइक और सब्सक्राइब कर लेगा इस लिए खुद को पहले इस लायक बनायें ।
दूसरी बात कुछ लोग फेंक हैडिंग डालकर विडियो दिखाते हैं जब कि हैडिंग के अनुसार कुछ भी नहीं होता
तीसरी बात कुछ लोग टिप्स और टिरिक्स, की भी
जानकारी देते हैं मगर विडियो अन्त तक दिखा कर
अगली विडियो देखने की बात करते हैं ।
कुछ लोग यह कहते हैं कि विडियो लंबी हो जाने के
कारण बाकी चीजें अगली विडियो में समझें ।
अरे यार एक बात बताने के लिए दस विडियो बनाएंगे
आप कि दी हुई जानकारी अगर सही है तो एक मैटर को चार या पांच विडियो में खिचने कि जरूरत नहीं है
उस पुरे मैटर को विस्तार पुर्वक एक ही विडियो में बताने की कोशिश करें भले ही आप कि विडियो एक घंटे कि क्यों न हो जाए ।
जबतक किसी चीज की पुरी जानकारी न हो जाए तब
तक बे वजह अपने विडियो में किसी का समय न बर्बाद
करें ।
आजकल हर आदमी अनलाइन पैसा कमवा रहा है
जब कि यह भी सोचना चाहिए कि इसका नकारात्मक
प्रभाव क्या होगा ।
एक बार तो विडियो देखीजाएगी मगर फिर क्या होगा
यही वजह है कि एक दिन यूट्यूब से लोगों का मोहभंग
हो जाएगा और लोग इसे फेंक विडियो हब के नाम से
जानेगे ।
अब तो बहुत सी सोशल साइट्स आ रही हैं लोग अपनी
जरूरतें अन्य साइटों पर तलाश लेंगे ।
इस लिए मैं यूट्यूबरों से यही कहना कहूंगा कि अपने विडियो या अपने अधुरे नालेज के बल पर पैसा कमाने
कि लालच में किसी के भावनाओ से खिलवाड़ न करें ।