मारी मुस्की मचावेलु तुफान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
सपना तुहार आवे राती के जगावेला ।
सारी सारी रात हमके नींद नाहीं आवेला ।।
मोरा तुहरे में बसेला। परान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
काम करीं कहीं मन तुहरे पे अटके ।
मन नाहीं लागे दिल तुहरे से हटके ।।
तूँ त जान सब भईलु अन जान ए गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
असरा तुहार बाटे सरधा पुरा द।
कईसे मनाईं मन के एतना बता द ।।
कईले बानी तुंहसे प्यार के एलान गोरी ।
अपने दिल के बना ल मेहमान ए गोरी ।।
र ह तइयार सजनी डोली लेके आइब ।
आपन दुलहिनियां हम तुँहके बनाइब ।।
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