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रविवार, 1 दिसंबर 2019

खांकी

तुम्हें तुम्हारी खांकी समेत ऐसी खाक में मिलाऊंगा
कि तुम्हारे अपनों को तुम्हारी राख तक नसीब नहीं होगी  ।

बहुत उपर

अब न तो मुझे कुछ पाने की चाहत है और
न ही कुछ खोने का डर क्यों कि मैं अब इन दिनों से
आज़ाद हो कर बहुत उपर उठ चुका हूँ  ।

तुम्हारे पास

पाने के लिए कोई वक़्त फ़िक्स नहीं है, मगर
खोने के लिए तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है।

शनिवार, 30 नवंबर 2019

औकात

जब वक़्त खराब होता है तो
वो भी बोल कर निकल जाता है
जिसकी कभी कोई औकात नहीं होती।

शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

बुद्धिजीवी

लोग बहुत ही बुद्धिजीवी हो गये हैं।
बिना मांगे ही लोगों को सुझाव देने लगते हैं।
मगर खुद कि समस्याओं को नहीं सुलझा
सकते।

गुरुवार, 28 नवंबर 2019

समस्या

आप जिसे समस्या समझ रहे हैं वो वास्तव में समस्या
नहीं है वो सिर्फ और सिर्फ आप के समझ के बाहर है।
जिस वक़्त आप ठंडे दिमाग से समस्याओं को समझने
और सुल्झाने बैठेंगे तो सारी गुत्थी अपने आप सुलझ
कर सामने आना शुरू हो जाती हैं।
इसके बाद भी अगर आप को कुछ नहीं समझ में आ
रहा हो तो उसे चुने जो आप के सबसे करीब हो।
मगर उसके अंदर इमानदारी, शराफत, और गंभीरता
भी होनी चाहिए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह
बूढा है या नौजवान ।

बुधवार, 27 नवंबर 2019

मजबुरियां

कुछ तो मजबुरियां रही होंगी ।
यू ही कोई बेवफ़ा नहीं होता  ।।
वक्त हालात को बदलते हैं   ।
आदमी खुद खफा नहीं होता ।।
                      

जीना

खुद कि खुश फ़हमी में जीना छोड़ दो ।
लोगों को खुशी देकर उनकी खुशी में जीना
सीखलो । जि़दगी आसान और खुशहाल हो जाएगी ।

कानून

जबतक तुम्हारे जिस्म पर वर्दी है
तभी तक तुम भी हो और तुम्हारा कानून भी।
जिस दिन बिना वर्दी के मुझे दिख गये
उस दिन न तुम रहोगे और न तुम्हारा कानून।

सोमवार, 25 नवंबर 2019

मत मार

तुम अकेले पैदा हुए हो।
अकेले ही तुम्हें मरना भी है।
तुम्हें यहाँ से कुछ लेकर जाना भी नहीं है।
फिर किसके लिए मर रहे हो।
जो भी इस दुनिया में आता है वो अपना
नसीब साथ में ले के आता है।
तुम किसी के नसीब में कोई बदलाव नहीं
कर सकते। इस लिए पूरी आजादी के साथ
जियो जो भी सपना हो उसे पूरा करने की कोशिश
करो। अपने शोक को कभी मत मारो ।