hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
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सोमवार, 28 जुलाई 2025
सोंचो अगर तुम कल मर गये तो क्या होगा
शनिवार, 17 मई 2025
आत्ममंथन
शनिवार, 1 मार्च 2025
भूत दो प्रकार के होते हैं ।
सोमवार, 24 फ़रवरी 2025
सब्र किसे कहते हैं ?
शनिवार, 17 अगस्त 2024
छलावा
शनिवार, 6 अप्रैल 2024
कर्मों का फल
सोमवार, 18 मार्च 2024
परिपक्वता
आदमी परिपक्व उम्र बढ़ जाने और बूढ़े हो जाने से ही नहीं होता बल्कि आदमी को परिपक्व उसके बुरे दिन ,
बुरी हालात और बुरा समय बनाता है ।
आज तक कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है कि जिसके अच्छे दिन , अच्छी हालात और अच्छे समय ने परिपक्वता प्रादान की हो ।
निष्कर्ष :--
परिपक्वता का कोई समय निर्धारित नहीं है ।
यह कभी भी किसी को भी किसी भी बुरी परिस्थितियों से प्राप्त हो सकती है ।
खुद से परिपक्वता साबित करना महामुर्खता है ।
परिपक्व लोग आप की बातों से ही एहसास कर लेते हैं कि आप कितने परिपक्व हैं ।
शनिवार, 3 फ़रवरी 2024
सफलता की हकीकत क्या है ?
बिना परिश्रम से मिली हुई सफलता ,
या विरासत में मिली हुई सफलता का
कोई मोल नहीं होता ।
यह कभी मत भूलियेगा की मेहनत करने से
सफलता मिलती है ।
सफलता हमेशा नसीब से मिलती है और नसीब
दो प्रकार का होता है
1 - ग़लत तरीके से प्राप्त की गई सफलता
2 - विरासत में मिली हुई सफलता
नसीब में अगर परिश्रम कर के सफलता प्राप्त करना लिखा हुआ है , तो इस परिश्रम में मिले हुए हर कमेंट ,
हर दर्द , हर परेशानियां एक कहानी बन कर मरते दम तक याद रहतीं हैं । चाहे वो जितनी भी बड़ी सफलता क्यों न हो ।
शनिवार, 20 जनवरी 2024
समस्याओं का समाधान
( यह पुरा घटनाक्रम किसी विशेष व्यक्ति पर आधारित नहीं है । समाज में बढ़ रहे ओझा , सोखा और बाबाओं से प्रेरित होकर । समाज में बढ़ रहे झोला छाप डॉक्टर और समाज में बढ़ रहे छोटभैइये नेता जो अपनी पहुंच हर विभाग और हर पार्टी के मुखियाओं तक रखने की बात करते हैं । जिसे आए दिन सुना भी जाता है । यह चीजें समाज में बहुत गहराई तक व्याप्त हैं , जिसमें हर कोई अपनी जिंदगी में एक बार जरुर फंसता है । यह मात्र एक काल्पनिक परन्तु विचारात्मक लेख है ) ।
जो शारीरिक बीमारियों की समस्याओं का समाधान कर दे वही डॉक्टर है ।
जो जीवन में भरी मुश्किलों को आसान कर दे वही ईश्वर है ।
इस समाज में मुश्किलों को आसान कर देने वाले , छू मंतर वाले मदाड़ी तो बहुत हैं , लेकिन इनकी पहुंच का अंदाजा तब लगता है , जब आप इनकी गिरफ्त में अच्छी तरह से जकड़ जाते हैं । जब तक आप खुद इनको छोड़ कर न भागें तब तक ये आप को खुद छोड़ने वाले नहीं हैं ।
ऐसे ही हर समस्याओं यानी हर बीमारी को समाप्त कर देने वाले डॉक्टर भी बहुत हैं ।
हर कदम पर , हर गली में अपना जाल फैलाएं बैठे हैं ।
आप इनसे बच कर जाएंगे कहां ?
आप को लुट जाना तो पड़ेगा ही ।
लुट जाने के बाद यानी पैसे से कमजोर हो जाने पर और रोग के गंभीर रुप ले लेने पर यही आप को असली और सही डाक्टर के पास जाने का सुझाव देगा अगर इनका किसी डॉक्टर से संपर्क नहीं है तो यह कह देगा कि अब आप इन्हें कहीं और दिखाएं यदि उसका किसी डॉक्टर से संपर्क है तो वह आप को एक पर्ची दे कर उस डाक्टर के पास भेज देगा और कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि खुद ही किसी दूसरे डाक्टर के पास भागना पड़ता है ।
अस्ली और सही डाक्टर तक पहुंचने के पहले आप के साथ क्या - क्या दुर्गति हो चुकी हैं ।
अब यह डाक्टर बताएगा ।
आप को पुरी तरह से क्योर ( सही ) होने में कितना टाइम लगेगा , वह तै करेगा ऐसी परिस्थितियों में एक सत्ता ऊपर भी है , जिसे ईश्वर कहते हैं । वो जिसे चाहे अपने पास बुला ले और जिसे चाहे पुनः स्वस्थ कर दें ।
समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं , जो सभी समस्याओं का समाधान करते हैं । ऐसे लोग आप को पहली मुलाकात में ही अपनी बातों से प्रभावित कर लेंगे अपना कांटेक्ट नंबर भी दे देंगे , नम्बर लेकर आप पूरी तरह से संतुष्ट भी हो जाएंगे ।
जब आप की समस्याएं आप के सिर पर आकर खड़ी हो जाएंगी तब आप फोन करना शुरु करेंगे वे आप से मिलने का समय देंगे और आप की परिस्थिति ऐसी नहीं है कि आप ज्यादा इंतजार करें , लेकिन फिर भी आप को इंतजार करना पड़ता है ।
आप फोन पर फोन करते जा रहे हैं और वो आप को समय पर समय देता जा रहा है ।
बहुत रिक्वेस्ट करने पर वह आप से पांच मिनट के लिए मुलाकात कर लेगा लेकिन कोई काम हो या कहीं जाना हो तो वह कभी इन्कार नहीं करेगा बल्कि उस समय भी अपनी व्यस्तता जाहिर कर के आप से समय लेगा जिससे आप फिर एक बार संतुष्ट हो जाएंगे ।
ऐसे लोग अपने स्वार्थ के तहत ही किसी को समय देते हैं । आप के आवश्यकतानुसार समय मिल जाए यह मुमकिन नहीं , हां समय देंगे लेकिन उस समय जब आप से उनकी पाकेट गरम हो । जब आप से उनके दैनिक हर जरुरतें पूरी हों और आप बिना उनकी बातों का ऐतराज किए उनकी हर बात मानते जाएं , तो साथ बहुत लंबा चलेगा ।
एक समय ऐसा भी आएगा कि आप को खुद यह एहसास हो जाएगा कि मेरा समय अनर्गल ( वेस्ट ) बर्बाद हो रहा है । जहां काम 100% होना चाहिए , वहां 10% ही हो रहा है और अनर्गल ख़र्चे भी कई गुना ज्यादा हो रहे हैं ।
जब आप अपने काम , समय , और खर्च की तुलना करेंगे तो स्वयं ही इन सभी समस्याओं का समाधान करने वाले का साथ छोड़ देंगे ।
तब-तक आप एक समाजिक प्रोफेसर हो चुके होंगे , बहुत कम लोग ऐसे हैं जो निस्वार्थ भाव से आप से जुड़े हुए हैं और आप के हर अच्छी , बुरी परिस्थितियों में साथ खड़े रहते हैं ।
हर चीज़ की पहचान , हर चीज़ का ख्याल और हर चीज़ का एहसास होने में , जब आप खुद में झांक कर देखोगे तो यह जान जाओगे कि आधी जिंदगी गुज़र चुकी है ।
आप किसी को भरोसा मत दिजिए और न तो किसी से कोई वादा करिये , आप ऐसा काम करिए कि लोग खुद आप के ऊपर भरोसा करने लगें ।
अपनों का ख्याल करें । सभी को एक सुत्र में जोड़ने का प्रयास करें ।
जीवन क्या है ? इसे समझें ।
सुख एक अवसरवादी अवस्था या क्रियाकलाप मात्र हो सकता है , जो जीवन भर ( कांटिनिव ) लगातार एक ही तरह बना नहीं रहता ।
इस लिए अपने दुःखों में ही आनंदित रहने का प्रयास करें ।