रिश्ते तोड़ दिए जाते हैं ।
वक्त और हालात के मुताबिक ।
रिश्ते खुद नहीं बनते... ।
रिश्ते बना लिए जाते हैं ।
वक्त और हालात के मुताबिक ।
वक्त किसी के बाप की ,
एकलौती जागीर नहीं है ।
वक्त चंद मिन्टों में..... ,
सब कुछ बदल कर
रख देता है ।
तुम अपनी जिंदगी भर में ।
अपने बाथरूम के झरने में ।
जितना नहा कर भीगे होगे.. ।
तुम अपनी जिंदगी भर में ,
जितना बारिशों में भीगे होगे ।
उससे ज्यादा मैं..... ,
अपने कर्मों और अपने
अनुभवों के पसीने से
भीग चुका हूं ।