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मंगलवार, 19 अगस्त 2025

एहसास

किसी के मर जाने के बाद -
अक्सर यह सुनने को मिलता है ।
कि...… , 
अभी तो कल ही मेरी मुलाकात हुई थी ।
सब कुछ तो ठीक - ठाक था ।
मुझसे बात भी हुई थी ।

सांसों का रुक जाना ही ,
सिर्फ मरना नहीं होता है ।
बहुत सारे लोग हैं ।
जो अंदर से मर चुके हैं ।
सिर्फ सांसें चल रहीं हैं ।
और किसी तरह से वो भी चल रहे हैं ।
                       " जावेद गोरखपुरी "

सोमवार, 28 जुलाई 2025

सोंचो अगर तुम कल मर गये तो क्या होगा

सोचो अगर तुम कल मर गये तो ?.......... । 
2 दिन तक कुछ दोस्तों की इंस्टाग्राम और फेसबुक स्टोरी में रहोगे , उसके बाद सभी अपने - अपने काम में व्यस्त हो जाएंगे । तुम्हारे पार्टनर भी दूसरा पार्टनर ढूंढ लेंगे । तुम्हारी फैमिली और परिवार भी कुछ दिन बाद नॉर्मल हो जाएंगे । कुछ पल का मातम रहेगा , फिर हंसने मुस्कुराने लगेंगे । 

किसी के बिना कोई मरता नहीं है । अगर तुम्हारा कहीं कुछ अकाया - बकाया है या बैंक एकाउंट या म्युचुअल फंड तो उसके क्लेम करने के लिए नॉमिनीस फॉर्म भरेंगे , डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए दौड़ेंगे । दुनिया चलती रहेगी जैसे चल रही है । धीरे-धीरे तुम्हारे परिवार को भी तुम्हारी नामौजूदगी की आदत पड़ जाएगी । जो कह रहे थे कि तुम्हारे बिना जी नहीं पाएंगे मर जाएंगे । उन्हें किसी और से मोहब्बत हो जाएगी । जहां तुम्हारा अंतिम संस्कार खतम हुआ वहां तुम्हारा नाम भी खत्म।

कुछ लोग जिनको तुम अजीज समझते हो वह तुम्हारे अंतिम दिन में भी नहीं आपाएंगे । कुछ लोग तुम्हारी तारीफ के पुल बांध रहे होंगे और कुछ लोग अभी भी तुम पर हंस के चले जाएंगे । तुम दरवाजे पर पड़े होंगे और बातें पॉलिटिक्स की चल रही होंगी । तुम्हारा चहारम किस दिन किया जाय इस बात पर बहस हो रही होगी । लोग खाना खाकर चले जाएंगे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा । तुम इतने जरुरी नहीं थे किसी के लिए तब सब पता चलेगा । इस लिए खुद के लिए भी जीया करो । किसी के चले जाने से दुनिया नहीं रुकती । लोग इस दुनियां में आते हैं और जाते हैं । सिर्फ तस्वीर रह जाती है । जिसे देखकर याद करते हैं । आज से अपनी खुशी के लिए काम करो , अपने लिए जियो । खुद में आत्मविश्वास पैदा करो , नहीं तो दूसरों के चक्कर में दिमाग घिसते - घिसते मर जाओगे ।
                                     " जावेद गोरखपुरी "

शनिवार, 17 मई 2025

आत्ममंथन

आत्ममंथन -
तुम्हारी आत्मा जिस को खोज रही है 
तुम जो जानना चाहते हो..... । 
वह बहुत अचरज भरा नहीं है ।
इसे तो तुम्हारी आत्मा तबसे जानती है ।
जब तुम इस जिस्म में थे ही नहीं ।

जबसे तुम्हारी आत्मा को रहने के लिए ,
इस मिट्टी के जिस्म का खोल मिला है ।
तभी से तुम सब कुछ भूले हुए हो ।

जिस दिन तुम इस जिस्म के खोल को 
छोड़ोगे , उस दिन से तुम्हें सब कुछ 
याद आ जाएगा ।

उस दिन तुम्हें यह एहसास होगा कि ,
ईश्वर ने मुझे इस मिट्टी के जिस्म में 
डाल कर , व्यर्थ में मेरे जीवन और 
समय को नष्ट करवाया गया था ।
                       " जावेद गोरखपुरी "

शनिवार, 1 मार्च 2025

भूत दो प्रकार के होते हैं ।

      भूत दो प्रकार के होते हैं ।
एक खुद पकड़ लेता है ।
दूसरा खुद लोग पाल लेते हैं ।

जो खुद पकड़ लेता है ।
उसे तो झाड़-फूंक करा कर ,
छुड़वाया जा सकता है ।

लेकिन जिसे लोग पाल लेते हैं ।
वो अपने आका से खुश और राजी है ।
आका भी उसे उसकी मर्जी के मुताबिक ,
उसकी पूजा देता रहता है ।

फिर भी खुद पाला हुआ भूत ।
अपने आका के साथ ही साथ ,
पूरे परिवार की जिंदगी , बर्बाद कर देता है ।
                                 " जावेद गोरखपुरी "


सोमवार, 24 फ़रवरी 2025

सब्र किसे कहते हैं ?

जब किसी का कोई बस न चले ।
जब किसी को कोई रास्ता न मिले ।
जब मजबूरियां पस्त कर दे ।
तब जाकर इसको एक नाम दिया गया ,
और वो नाम है ।
" सब्र "
सब्र सिर्फ़ एक शब्द है , और कुछ भी नहीं ।
जो इंसान के तमाम कमजोर पहलुओं से 
गुजरते हुए , लोगों के जिंदगी में अपनी एक 
ख़ास जगह बना चुका है ।

इसी सब्र के पर्दे के पीछे , तुम अपने आप को ,
अपनी कमजोरियों को , अपनी बेबसी को और 
अपनी लाचारियों को छुपाते हो ।

और यह कह कर खुश होते हो कि -
मैंने सब्र कर लिया ।
यह सुन कर लोग भी शांत हो जाते हैं ।

लेकिन सच्चाई तो यह है कि , जब तक तुम ,
इस सब्र नाम के पर्दे को नोच कर फेंकोगे नहीं ।
इसमें छुपने की आदत को छोडोगो नहीं ।
तब-तक तुम्हारा कोई कल्याण नहीं हो सकता ।
अब तुम्हारे उपर निर्भर करता है कि -
तुम्हें क्या करना है ?
इस पर्दे से बाहर आकर जीत हासिल करना है ।
या कायरों की तरह सब्र के आड़ में लोगों को ,
और खुद को सारी जिंदगी धोखा देना है ।
                                   " जावेद गोरखपुरी "

शनिवार, 17 अगस्त 2024

छलावा

प्लेट में भरा हुआ स्वादिष्ट खाने का फोटो 
देख कर पेट नहीं भरता है ।
बल्कि भूख और बढ़ जाती है ।
पेट तब भरता है ।
जब अपनी इच्छानुसार खाने को खा लिया जाए ,
और अंदर से आत्मा यह कहने लगे , कि 
बस अब और नहीं ..... ।
तब जाकर लोग संतुष्ट होते हैं ।

ठंडे पानी से भरे हुए गिलास का फोटो 
देख कर प्यास नहीं बुझती है ।
बल्कि प्यास और बढ़ जाती है ।
प्यास तब बुझती है ।
जब अपनी इच्छानुसार पानी को पी लिया जाए ,
और अंदर से आत्मा यह कहने लगे , कि 
बस अब और नहीं ........ ।
तब जाकर लोग संतुष्ट होते हैं ।

आज लोग फोटो दिखा कर ।
आज लोग झूठे वादे कर के... ।
आज लोग आप के ख्वाहिशों ,
और जरुरतों के सब्जबाग दिखाकर ,
आप को छलने का काम करते हैं ।
और कुछ भी नहीं ।
                     

शनिवार, 6 अप्रैल 2024

कर्मों का फल

कुछ लोगों के जिंदगी में कभी-कभी ऐसे भी वक्त आते हैं कि न तो वह जीने के लायक रहते हैं और न तो खुद से मरने के लायक ।
खुद से सिर्फ अपने मरने की दुआ ही कर सकरते हैं , और करते भी हैं , कुछ लोग दुआ करवाते भी हैं ।

जितने भी लोग देखने वाले आते - जाते हैं । हालात के मुताबिक उन्हें भी उनके मरने की दुआ ही करनी पड़ती है ।
काश ऐसा समय किसी के भी जिंदगी में न आये तो समझो बहुत बड़ी खुशनसीबी है ‌ ।

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं कि जिनके जिंदा रहने की दुआएं हर सुनने वाला करता है ।
कितने खुशनसीब होते हैं ऐसे लोग ।

दोनों परिस्थितियों में मालिक का करम है , या उनके कर्मों का फल । मैं कुछ कह नहीं सकता ।

सोमवार, 18 मार्च 2024

परिपक्वता

आदमी परिपक्व उम्र बढ़ जाने और बूढ़े हो जाने से ही नहीं होता बल्कि आदमी को परिपक्व उसके बुरे दिन ,

बुरी हालात और बुरा समय बनाता है ।


आज तक कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है कि जिसके अच्छे दिन , अच्छी हालात और अच्छे समय ने परिपक्वता प्रादान की हो ।


निष्कर्ष :--


परिपक्वता का कोई समय निर्धारित नहीं है ।

यह कभी भी किसी को भी किसी भी बुरी परिस्थितियों से प्राप्त हो सकती है ।

खुद से परिपक्वता साबित करना महामुर्खता है ।

परिपक्व लोग आप की बातों से ही एहसास कर लेते हैं कि आप कितने परिपक्व हैं ।

शनिवार, 3 फ़रवरी 2024

सफलता की हकीकत क्या है ?

बिना परिश्रम से मिली हुई सफलता ,

या विरासत में मिली हुई सफलता का

कोई मोल नहीं होता ।

यह कभी मत भूलियेगा की मेहनत करने से

सफलता मिलती है  ।

सफलता हमेशा नसीब से मिलती है और नसीब 

दो प्रकार का होता है

1 - ग़लत तरीके से प्राप्त की गई सफलता

2 - विरासत में मिली हुई सफलता

नसीब में अगर परिश्रम कर के सफलता प्राप्त करना लिखा हुआ है , तो इस परिश्रम में मिले हुए हर कमेंट ,

हर दर्द , हर परेशानियां एक कहानी बन कर मरते दम तक याद रहतीं हैं । चाहे वो जितनी भी बड़ी सफलता क्यों न हो ।

शनिवार, 20 जनवरी 2024

समस्याओं का समाधान

( यह पुरा घटनाक्रम किसी विशेष व्यक्ति पर आधारित नहीं है । समाज में बढ़ रहे ओझा , सोखा और बाबाओं से प्रेरित होकर । समाज में बढ़ रहे झोला छाप डॉक्टर और समाज में बढ़ रहे छोटभैइये नेता जो अपनी पहुंच हर विभाग और हर पार्टी के मुखियाओं तक रखने की बात करते हैं । जिसे आए दिन सुना भी जाता है । यह चीजें समाज में बहुत गहराई तक व्याप्त हैं  , जिसमें हर कोई अपनी जिंदगी में एक बार जरुर फंसता है । यह मात्र एक काल्पनिक परन्तु विचारात्मक लेख है  ) । 


जो शारीरिक बीमारियों की समस्याओं का समाधान कर दे वही डॉक्टर है ।

जो जीवन में भरी मुश्किलों को आसान कर दे वही ईश्वर है ।

इस समाज में मुश्किलों को आसान कर देने वाले , छू मंतर वाले मदाड़ी तो बहुत हैं , लेकिन इनकी पहुंच का अंदाजा तब लगता है , जब आप इनकी गिरफ्त में अच्छी तरह से जकड़ जाते हैं । जब तक आप खुद इनको छोड़ कर न भागें तब तक ये आप को खुद छोड़ने वाले नहीं हैं ।


ऐसे ही हर समस्याओं यानी हर बीमारी को समाप्त कर देने वाले डॉक्टर भी बहुत हैं ।

हर कदम पर , हर गली में अपना जाल फैलाएं बैठे हैं ।

आप इनसे बच कर जाएंगे कहां ? 

आप को लुट जाना तो पड़ेगा ही ।

लुट जाने के बाद यानी पैसे से कमजोर हो जाने पर और रोग के गंभीर रुप ले लेने पर यही आप को असली और सही डाक्टर के पास जाने का सुझाव देगा अगर इनका किसी डॉक्टर से संपर्क नहीं है तो यह कह देगा कि अब आप इन्हें कहीं और दिखाएं यदि उसका किसी डॉक्टर से संपर्क है तो वह आप को एक पर्ची दे कर उस डाक्टर के पास भेज देगा और कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि खुद ही किसी दूसरे डाक्टर के पास भागना पड़ता है ।

अस्ली और सही डाक्टर तक पहुंचने के पहले आप के साथ क्या - क्या दुर्गति हो चुकी हैं । 

अब यह डाक्टर बताएगा ।

आप को पुरी तरह से क्योर ( सही ) होने में कितना टाइम लगेगा , वह तै करेगा ऐसी परिस्थितियों में एक सत्ता ऊपर भी है , जिसे ईश्वर कहते हैं । वो जिसे चाहे अपने पास बुला ले और जिसे चाहे पुनः स्वस्थ कर दें ।


समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं , जो सभी समस्याओं का समाधान करते हैं । ऐसे लोग आप को पहली मुलाकात में ही अपनी बातों से प्रभावित कर लेंगे अपना कांटेक्ट नंबर भी दे देंगे , नम्बर लेकर आप पूरी तरह से संतुष्ट भी हो जाएंगे  ।


जब आप की समस्याएं आप के सिर पर आकर खड़ी हो जाएंगी तब आप फोन करना शुरु करेंगे वे आप से मिलने का समय देंगे और आप की परिस्थिति ऐसी नहीं है कि आप ज्यादा इंतजार करें , लेकिन फिर भी आप को इंतजार करना पड़ता है ।

आप फोन पर फोन करते जा रहे हैं और वो आप को समय पर समय देता जा रहा है ।

बहुत रिक्वेस्ट करने पर वह आप से पांच मिनट के लिए मुलाकात कर लेगा लेकिन कोई काम हो या कहीं जाना हो तो वह कभी इन्कार नहीं करेगा बल्कि उस समय भी अपनी व्यस्तता जाहिर कर के आप से समय लेगा जिससे आप फिर एक बार संतुष्ट हो जाएंगे ।


ऐसे लोग अपने स्वार्थ के तहत ही किसी को समय देते हैं । आप के आवश्यकतानुसार समय मिल जाए यह मुमकिन नहीं , हां समय देंगे लेकिन उस समय जब आप से उनकी पाकेट गरम हो । जब आप से उनके दैनिक हर जरुरतें पूरी हों और आप बिना उनकी बातों का ऐतराज किए उनकी हर बात मानते जाएं , तो साथ बहुत लंबा चलेगा ।


एक समय ऐसा भी आएगा कि आप को खुद यह एहसास हो जाएगा कि मेरा समय अनर्गल ( वेस्ट ) बर्बाद हो रहा है । जहां काम 100% होना चाहिए , वहां 10% ही हो रहा है और अनर्गल ख़र्चे भी कई गुना ज्यादा हो रहे हैं ।

जब आप अपने काम , समय , और खर्च की तुलना करेंगे तो स्वयं ही इन सभी समस्याओं का समाधान करने वाले का साथ छोड़ देंगे ।


तब-तक आप एक समाजिक प्रोफेसर हो चुके होंगे , बहुत कम लोग ऐसे हैं जो निस्वार्थ भाव से आप से जुड़े हुए हैं और आप के हर अच्छी , बुरी परिस्थितियों में साथ खड़े रहते हैं ।

हर चीज़ की पहचान , हर चीज़ का ख्याल और हर चीज़ का एहसास होने में , जब आप खुद में झांक कर देखोगे तो यह जान जाओगे कि आधी जिंदगी गुज़र चुकी है ।


आप किसी को भरोसा मत दिजिए और न तो किसी से कोई वादा करिये , आप ऐसा काम करिए कि लोग खुद आप के ऊपर भरोसा करने लगें ।

अपनों का ख्याल करें । सभी को एक सुत्र में जोड़ने का प्रयास करें  । 

जीवन क्या है ? इसे समझें  । 

सुख एक अवसरवादी अवस्था या क्रियाकलाप मात्र हो सकता है , जो जीवन भर ( कांटिनिव ) लगातार एक ही तरह बना नहीं रहता ।

इस लिए अपने दुःखों में ही आनंदित रहने का प्रयास करें ।