इंसाफ़ से " इन " अगर
निकाल दिया जाए ,
तो इंसाफ नहीं रह पजाएगा ।
बल्कि सिर्फ साफ़ ही रह जाएगा ।
अब इस दौर में यही हो रहा है ।
जब कोई मजबूरी में किसी खास मुद्दे पर ,
या पंचायत के रुप में लोगों को बुलाया जाता है ।
तब समस्या पर ध्यान कम और वर्चस्व पर ध्यान ज्यादा रहता है ।
इन + साफ = इंसाफ़ ।
यही कारण है , कि जिसकी समस्या है ।
उसको दबा कर विपक्ष को पाक और साफ ,
कर दिया जाता है । इसे ही कहते हैं ।
सही तरीके से इंसाफ़ का होना ।