शक्ति को पहचानें : -
आप जितना ख़ुद के बारे में सोचते हैं ,
उससे बहुत अधिक आप मजबूत हैं ।
जीवन हमें अक्सर ऐसी चुनौतियों के
सामने ला कर खड़ा कर देता है जहाँ
हम खुद को कमज़ोर महसूस करने लगते हैं ।
चाहे वह कोई बड़ा लक्ष्य हो , व्यक्तिगत निराशा
हो , या रोज़मर्रा का तनाव , हम तुरंत अपनी
सीमाओं का आकलन कर लेते हैं ।
हम यह सोचने लगते हैं , कि
" यह मेरे बस का नहीं है । "
लेकिन यही वह क्षण होता है जब हमें अपनी
अदृश्य शक्ति का एहसास करना चाहिए ।
🌟 शक्ति जो दिखाई नहीं देती : -
आपकी असली शक्ति आपका जिस्म, आप की मांसपेशियों या आपके बैंक बैलेंस में नहीं है ।
यह वहाँ है जहाँ कोई नहीं देख सकता :
लचीलापन ( Resilience ) : -
आप कितनी बार गिरे और
कितनी बार वापस उठे ?
हर बार उठना आपकी एक अदृश्य जीत है ।
यह लचीलापन आपको आगे बढ़ने की
अनुमति देता है।
सीखने की क्षमता (Capacity to Learn ) : -
हर गलती आपको एक
अनमोल सबक सिखाती है ।
हर नई जानकारी आपके भविष्य
के फैसलों को बेहतर बनाती है ।
यह आपकी आंतरिक वृद्धि है ।
दृढ़ संकल्प ( Inner Drive ) : -
वह छोटी सी आवाज़ जो आपको
हार मानने के बाद भी
' एक बार और कोशिश करने '
के लिए प्रेरित करती है —
यही आपका सबसे बड़ा हथियार है ।
जब भी आप किसी मुश्किल में फँसें ,
तो अपने अतीत को याद करें ।
आप पहले भी मुश्किलों से गुज़रे हैं
और उन्हें पार किया है । आप आज
भी यहाँ पर मजबूती से टिके हुए हैं ।
इसका मतलब है कि आप उन
बाधाओं से ज़्यादा मज़बूत थे ।
💡 निष्कर्ष : -
अपनी क्षमताओं पर संदेह करना
हर किसी के लिए स्वाभाविक है ,
लेकिन उन्हें कभी भी अपनी सीमा
मत बनने दें ।
अपने भीतर के उस योद्धा पर भरोसा रखें
जिसने आपको आज तक यहाँ पहुँचाया है ।
आप जितना सोचते हैं , उससे कहीं ज़्यादा ज्ञान , साहस और ताकत आपके अंदर भरी हुई है ।
बस उसे पहचानिए , उस पर भरोसा कीजिए ,
और अपने काम के लक्ष्य पर लग जाइए !