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शनिवार, 1 मार्च 2025

भूत दो प्रकार के होते हैं ।

      भूत दो प्रकार के होते हैं ।
एक खुद पकड़ लेता है ।
दूसरा खुद लोग पाल लेते हैं ।

जो खुद पकड़ लेता है ।
उसे तो झाड़-फूंक करा कर ,
छुड़वाया जा सकता है ।

लेकिन जिसे लोग पाल लेते हैं ।
वो अपने आका से खुश और राजी है ।
आका भी उसे उसकी मर्जी के मुताबिक ,
उसकी पूजा देता रहता है ।

फिर भी खुद पाला हुआ भूत ।
अपने आका के साथ ही साथ ,
पूरे परिवार की जिंदगी , बर्बाद कर देता है ।
                                 " जावेद गोरखपुरी "


सोमवार, 24 फ़रवरी 2025

सब्र किसे कहते हैं ?

जब किसी का कोई बस न चले ।
जब किसी को कोई रास्ता न मिले ।
जब मजबूरियां पस्त कर दे ।
तब जाकर इसको एक नाम दिया गया ,
और वो नाम है ।
" सब्र "
सब्र सिर्फ़ एक शब्द है , और कुछ भी नहीं ।
जो इंसान के तमाम कमजोर पहलुओं से 
गुजरते हुए , लोगों के जिंदगी में अपनी एक 
ख़ास जगह बना चुका है ।

इसी सब्र के पर्दे के पीछे , तुम अपने आप को ,
अपनी कमजोरियों को , अपनी बेबसी को और 
अपनी लाचारियों को छुपाते हो ।

और यह कह कर खुश होते हो कि -
मैंने सब्र कर लिया ।
यह सुन कर लोग भी शांत हो जाते हैं ।

लेकिन सच्चाई तो यह है कि , जब तक तुम ,
इस सब्र नाम के पर्दे को नोच कर फेंकोगे नहीं ।
इसमें छुपने की आदत को छोडोगो नहीं ।
तब-तक तुम्हारा कोई कल्याण नहीं हो सकता ।
अब तुम्हारे उपर निर्भर करता है कि -
तुम्हें क्या करना है ?
इस पर्दे से बाहर आकर जीत हासिल करना है ।
या कायरों की तरह सब्र के आड़ में लोगों को ,
और खुद को सारी जिंदगी धोखा देना है ।
                                   " जावेद गोरखपुरी "